मूर्ख ब्राह्मण और तीन ठग : Panchtantra Story in Hindi
मूर्ख ब्राह्मण और तीन ठग : Panchtantra Story in Hindi-: किसी गाँव में एक ब्राह्मण रहता था. वह उस गाँव में ही लोगों को पूजा-पाठ करवाया करता था. एक दिन ब्राह्मण गाँव के ही एक यजमान के यहाँ हवन करने गया. वहाँ हवन कार्य करने के बाद ब्राह्मण (Brahman) को एक बछड़ा दान में मिला. ब्राह्मण (Brahman) खुशी-खुशी उस बछड़े को अपने कंधे पर उठा कर अपने घर कि ओर चल दिए.
जैसे ही ब्राह्मण (Brahman) आगे बढ़ा तो उन तीन ठगों में से एक ने आगे आकर उस ब्राह्मण से कहा कि पंडित जी ये क्या अनर्थ कर रहे हैं. आप अपने कंधे पर क्या उठा कर ले जा रहे हैं. आप तो ब्राह्मण हैं और ब्राह्मण होकर भी आप एक कुत्ते को अपने कंधे पर उठा कर ले जा रहे हैं.
यह भी पढ़ें-: चालाक लोमड़ी और मूर्ख कौवा । Stories in Hindi for Kids
उस ठग की यह बात सुन ब्राह्मण (Brahman) ने क्रोधित होते हुए कहा कि क्या तुम पागल हो या फिर तुम्हें दिखाई नहीं देता. यह कुत्ता नहीं बछड़ा है.
पहले ठग ने पुनः उस ब्राह्मण (Brahman) से कहा कि खैर कोई बात नहीं मेरा काम था आपको बताना. अगर आप अपने कंधे पर कुत्ता ही ले जाना चाहते हैं तो आपकी मर्जी मुझे इससे क्या आप जाने और आपका काम जाने.
थोड़ी ही दूर जाने पर ब्राहमण को दूसरा ठग मिला और उसने ब्राह्मण (Brahman) को रोका और कहा कि पंडित जी आप को क्या हो गया है अपने कंधे पर यह बकरा क्यों लेकर जा रहे हैं आप जैसे बुद्धिमान ब्राह्मण को यह शोभा नहीं देता यह सुन पंडित जी आग बबूला हो उठे और उस ठग पर गुस्सा करते हुए जाते हुए आगे बढ़ चले.
दोनों ठगों की बात सुनकर एक बार ब्राह्मण (Brahman) को भी एक बार शंका हुआ कि कहीं यह कोई मायावी जीव तो नहीं. लेकिन फिर भी वे उस बछड़े को अपने कंधे पर लेकर अपने घर की ओर जल्दी-जल्दी जा रहे थे.
कुछ दूर और अधिक बढ़ने पर पंडित जी को तीसरा ठग मिला. इस तीसरे ठग ने भी पंडित जी को टोकते हुए कहा कि यह क्या पंडित जी आप जैसा इतना बुद्धिमान ब्राह्मण (Brahman) एक गधे को अपने कंधे पर क्यों लादे जा रहा हैं. क्या यह आपको शोभा देता है.
ब्राह्मण (Brahman) अब घबरा गया और उसने सोचा जरुर यह कोई मायावी जीव, जो बार-बार अपना रूप बदल रहा है, कभी कुत्ता, कभी गधा और कभी बकरा. वरना इतने सारे लोग झूठ क्यों बोलेंगे. यह सोच ब्राह्मण (Brahman) ने उस बछड़े को वहीँ उतार दिया और आगे बढ़ गया.
इधर तीनों ठगों ने उस बछड़े को को हथिया लिया और जोर-जोर से उस ब्राह्मण (Brahman) की मूर्खता पर हंसने लगा. जब यह ब्राह्मण ने यह देखा तो उसे बहुत अफसोस और वह खाली हाथ अपने घर की तरफ लौट पड़ा.
इस कहानी से सीख-: इस मार्मिक कहानी "मूर्ख ब्राह्मण और तीन ठग : Panchtantra Story in Hindi" से हमें यही सीख मिलती है कि किसी भी व्यक्ति के द्वारा बार-बार बोलने से वह सच की तरह दिखने लगता है, इसलिए कभी भी कोई निर्णय लेने से पूर्व अच्छी तरह सोच-विचार जरुर कर लेना चाहिए. अन्यथा इस ब्राह्मण (Brahman) की भांति हमें भी बाद में अफसोस ही करना पड़ेगा.
यह भी पढ़ें-: पंचतंत्र की कहानी : नीला सियार । Blue Jackal Stories
कैसी लगी ये "मूर्ख ब्राह्मण और तीन ठग : Panchtantra Story in Hindi" की कहानी नीचे Comment करके जरुर बताएं. यदि आप किसी विशेष टॉपिक पर कहानी पढ़ना चाहते हैं तो नीचे उस टॉपिक नाम हमें Comment करके जरुर बताएं. ताकि हम उस टॉपिक पर आपके लिए पोस्ट लिखे सकें.
---------✱✱✱---------
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
For read Majedar Hindi Kahaniya Please Subscribe my Website.