गुरुवार, 9 जुलाई 2020

पंचतंत्र की कहानी : जग्गू और भूत । Bhoot Ki Kahani

पंचतंत्र की कहानी : जग्गू और भूत । Bhoot Ki Kahani

पंचतंत्र की कहानी : जग्गू और भूत । Bhoot Ki Kahani-: रामपुर नामक गांव में जग्गू नाम का एक बहुत ही गरीब व्यक्ति रहता था जग्गू गांव के ही बहुत अमीर और धनी व्यक्ति के यहां नौकर का काम करता था जग्गू के मालिक का नाम किशन लाल थाकिशनलाल बहुत कंजूस व्यक्ति था

किशनलाल दिन भर जग्गू से काम करवाता था उसे ठीक से पगार भी नहीं देता था परंतु जग्गू बिल्कुल साफ दिल का था इसलिए वह अपने मालिक को कुछ नहीं बोलता था

पंचतंत्र की कहानी : जग्गू और भूत । Bhoot Ki Kahani
पंचतंत्र की कहानी : जग्गू और भूत । Bhoot Ki Kahani

हमेशा की तरह एक दिन जग्गू अपने मालिक के यहां काम पर जा रहा था लेकिन जिस रास्ते से वह प्रतिदिन जाता था उस रास्ते पर काम चल रहा था इसलिए जग्गू ने जंगल वाले रास्ते से जाने का निर्णय किया

जब वह इस रास्ते से जा रहा था तब उसने देखा कि एक बहुत ही सुंदर घर है उसे देखकर जग्गू के मन में आया कि काश ! उसके पास भी इस तरह का एक सुंदर घर होता यह सोचकर जग्गू अपने मालिक के पास पहुंचा और उसने कहा कि मालिक आज तक मैंने जितनी भी रुपए कमाए हैं, मुझे दे दीजिए मुझे अपने लिए एक घर बनवाना है

यह सुनकर किशनलाल उस पर क्रोधित हो उठा उसने कहा कि अभी तक तुमने जो भी कुछ कमाया है वह तुम्हारे पूर्वजों का कर्ज चुकाने में ही समाप्त हो गया है इसलिए आज तक तुमने कुछ भी नहीं कमाया है जाओ जाकर जंगल से लकड़ियां लाओ मेरा समय दिमाग मत खराब करो

इतना सुनने के बाद जग्गू चुपचाप लकड़ियां लाने जंगल की ओर चल पड़ा जंगल जाकर, वह एक पेड़ के नीचे बैठ कर रोने लगा उसी पेड़ पर एक भूत रहता था जब उसके जग्गू को रोता देखा तब वह नीचे आया और बोला मित्र क्या बात है ? तुम रो क्यों रहे हो ? भूत को देख जग्गू डर गया

लेकिन भूत ने कहा कि डरो मत, तुम मुझे अपनी समस्या बताओ मैं तुम्हारी जरूर मदद करूंगा तब जग्गू ने उसे अपनी पूरी बात बताई यह सुनकर भूत जग्गू के मालिक किशनलाल पर क्रोधित हो उठाउसने कहा कि तुम चिंता मत करो मैं अभी उसे जान से मार देता हूं यह सुनकर जग्गू ने भूत से अनुरोध किया कि वह उसे जान से नहीं मारे बल्कि सिर्फ उसे सजा दे जग्गू के साफ दिल को देख भूत बहुत प्रसन्न हुआ

भूत ने जग्गू के कान में एक युक्ति बताई और कहा कि अपने मालिक के यहां जाओ और उसके सामने ऐसा दिखावा करो जैसे कि जंगल में तुंहें कुछ अनोखा चीज मिला है जिससे कि तुम्हारे मालिक को सचमुच भरोसा हो जाए कि तुम्हें सच में कुछ मिला नहीं
घर पहुंचकर जग्गू ने वैसा ही किया जैसा उसे भूत ने बताया था अब जग्गू कुछ अलग ही ढंग में बात करने लगा रोज दो तीन बार जंगल जाने लगा यह देख किशन लाल को शक होने लगा कि जरुर इसे कुछ मिला है, जो मुझ से छुपा रहा है। यह पहले तो जंगल बिना काम से नहीं जाता था। मुझे जरुर पता लगाना पड़ेगा कि आखिर बात क्या है ?

एक दिन जग्गू जंगल जा रहा था तभी किशन लाल भी उसके पीछे-पीछे जाने लगा किशन लाल को देख भूत बहुत खुश हुआ भूत ने अपने प्लान के अनुसार सोने से भरा एक थैला जग्गू के सामने गिरा दिया यह देख किशन लाल झट से जग्गू को धक्का दिया और उस थैले को उठा लिया जैसे ही उसने थैले को खोला उसने देखा कि थैले में सिर्फ पत्थर भरे हुए हैं यह देख वह उदास हो गया
तभी पेड़ से नीचे उतर कर भूत ने किशनलाल से कहा कि दुष्ट-पापी ! तुमने इस सोने से भरे थैले को छू दिया जिससे यह पत्थर में बदल गया है अब मैं तुम्हें जान से मार दूंगा यह सुन किशनलाल डर से कांपने लगा उसने कहा मुझे मत मारो मेरे पास बहुत सारा धन हैमैं तुम्हें अपना सारा धन दे दूंगा। बस मुझे जीवित छोड़ दो

पंचतंत्र की कहानी : जग्गू और भूत । Bhoot Ki Kahani
पंचतंत्र की कहानी : जग्गू और भूत । Bhoot Ki Kahani

यह सुनकर भूत ने कहा ठीक है मैं तुम्हें जीवित छोड़ दूंगा लेकिन बदले में तुम्हें थैले भरकर सोने और चांदी देने होंगे। किशन लाल ने कहा मैं अभी लाता हूँ किशनलाल डर कर गया, वह जल्दी से घर गया और सोने चांदी से भरा थैला लाकर भूत को दिया और वहां से जान बचाकर भाग गया
भूत ने उस थैले को लेकर जग्गू को दे दिया जग्गू ने भूत को धन्यवाद दिया और सारा धन लेकर चला गया और सुखी से अपना जीवन व्यतीत करने लगा

कहानी से सीख-: इस कहानी "पंचतंत्र की कहानी : जग्गू और भूत । Bhoot Ki Kahani" से हमें यही सीख मिलती है कि हमें कभी भी किसी को प्रताड़ित नहीं करना चाहिए। हमेशा दूसरों की मदद करना चाहिए

कैसी लगी ये "पंचतंत्र की कहानी : जग्गू और भूत । Bhoot Ki Kahani" की कहानी नीचे Comment करके जरुर बताएं. यदि आप किसी विशेष टॉपिक पर कहानी पढ़ना चाहते हैं तो नीचे उस टॉपिक नाम हमें Comment करके जरुर बताएं. ताकि हम उस टॉपिक पर आपके लिए एक अच्छी पोस्ट लिख सकें

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