हिंदी कहानियां : दो आलसी भाई । Moral Stories in Hindi
हिंदी कहानियां : दो आलसी भाई । Moral Stories in Hindi-: एक गांव में रमेश और सुरेश नाम के दो भाई रहते थे। उनके पिता बचपन में ही गुजर गए थे। इनकी मा ही अब इनका पालन पोषण करती थी। रमेश और सुरेश बहुत ही आलसी थे। वह कोई भी काम नहीं करते थे। और हमेशा सोए रहते थे। उसके आलस से इनकी मां हमेशा चिंतित रहा करती थी।
हिंदी कहानियां : दो आलसी भाई । Moral Stories in Hindi |
एक दिन रमेश की मा ने दोनों से कहा कि जाओ जाकर खेत की रखवाली करो, नहीं तो सारा फसल चोर चुरा कर ले जाएंगे। मां की बात सुनकर दोनों खेत की ओर चल दिया।
वे वहां पहुंचे तो वही बगल में आम का पेड़ था और हवा चल रही थी। वह दोनों आम के पेड़ के नीचे आराम करने लगे और सो गए। उनकी जब नींद खुली तो देखा कि सारा फसल गायब है। जब इस बात का पता उनकी मां को चली तो वह बहुत क्रोधित हो उठी और बोलने लगी कि पता नहीं कब इसका आलस खत्म होगा। पता नहीं मेरे जाने के बाद इन दोनों का क्या होगा।
एक दिन फिर से रमेश और सुरेश अपने खेत की ओर चल दिए और फिर से आम के पेड़ के नीचे जाकर सो गए। कुछ देर बाद एक आम सुरेश के सर पे गिर पड़ा। सुरेश ने रमेश से कहा कि अब मैं इस आम को खाऊं कैसे ? इसे खाने के लिए उठना पड़ेगा फिर इसे छीलना पड़ेगा और बाद में खाना पड़ेगा।
यदि कोई इस रास्ते से गुजरेगा तो उसी से यह आम उठवा कर ले लूंगा। कुछ देर बाद उसी रास्ते से उनके गांव का एक मंत्री गुजर रहा था। सुरेश ने मंत्री जी से कहा कि मंत्री जी मेरा एक काम कर दीजिए। मंत्री जी ने कहा बताओ क्या काम है ? तब रमेश ने कहा कि वह तो टुटा हुआ आम है, उसे उठाकर मेरे हाथ में दे दीजिये.
यह सुनकर मंत्री ने बड़े ही आश्चर्यचकित होते हुए कहा कि इस काम को तो तुम भी कर सकते थे। तब रमेश ने कहा कि नहीं इसे मैं नहीं कर सकता क्योंकि इस आम को उठाने में बहुत मेहनत है यह सुनकर मंत्री क्रोधित होते हुए वहां से चला गया बिना आम दिए ही.
उसके बाद मंत्री जी सीधे रमेश की माँ से मिलने उसके घर गए। तब उसकी माँ ने सारी बात बताई कि कैसे उसका बेटा बहुत आलसी है। मंत्री जी ने कहा तुम चिंता मत करो माँ इन दोनों को कल ही राजमहल भेज देना और वहां पर इन्हें कुछ काम दिया जायेगा। मैं इन्हें सुधार दूंगा, ताकि ये जीवन में कभी भी इतने आलसी नहीं रहेंगे। मां ने मंत्री जो को धन्यवाद दिया।
अगले दिन रमेश और सुरेश दोनों भाई राजमहल पहुँचते हैं। तब मंत्री जी ने राजा से आदेश लेकर इन दोनों को महल की रखवाली करने का काम दे दिया। साथ ही साथ चेतावनी भी दिया कि यदि वे अपना काम ध्यान से नहीं करेंगे तो उन्हें दण्डित किया जायेगा। दोनों काम करने को तैयार हो गए।
रात के समय दोनों रखवाली करने लगते हैं। इधर कुछ समय बाद ही दोनों अपने आलसी आदत के कारण सो जाते हैं, जिसके कारण राजमहल में चोरी हो जाती है। सुबह जब दोनों की नीद खुलती है तब सामने मंत्री जी खड़े रहते हैं और दोनों पर क्रोधित होते है कि तुम दोनों के कारण ही राजमहल में चोरी हुआ है। अब तुम्हें दण्डित किया जायेगा। महराज ने तुम दोनों को भूखे शेर के सामने छोड़ने का आदेश दिया है।
यह सुनकर दोनों डर के मारे रोने लगते हैं। दोनों विनती करते हैं कि अब कभी भी वे आलस नहीं करेंगे। इस बार क्षमा कर दें। आज के बाद हर काम बड़ी इमानदारी व सही समय कर पूरा करेंगे। काफी मिन्नतें करने के बाद मंत्री जी ने दोनों को यह चेतावनी देते हुए छोड़ दिया कि जीवन में कभी भी आलस मत करना। तब दोनों ने प्राण लिया कि अब कभी भी आलस नहीं करेंगे।
इस कहानी से सीख-: इस कहानी "हिंदी कहानियां : दो आलसी भाई । Moral Stories in Hindi" से हमें यही सीख मिलती है कि हमें कभी भी आलस नहीं करना चाहिए अन्यथा हमारा प्राण संकट में भी पड़ सकता है।
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