पंचतंत्र की कहानी : भालू का घमंड - Panchtantra Ki Kahaniyan
पंचतंत्र की कहानी : भालू का घमंड - Panchtantra Ki Kahaniyan-: वन गिरी नामक जंगल में एक भालू रहता था। वह बहुत ही शक्तिशाली था। इस भालू से जंगल के सभी जानवर डरा करते थे क्योंकि इस भालू के पास इंसानो की भाषा समझने और बोलने की समझ थी। इसी कारण यह जंगल पर राज करता था। इससे शेर भी डरता था। यह बहुत ही ताकतवर था। इसे अपनी ताकत पर बहुत घमंड हो गया।
एक दिन भालू ने सोचा कि मैं जंगल पर तो राज करता हूं क्यों ना इंसानों पर भी राज किया जाए। यह सोचकर वह इंसानो की बस्ती की निकल पड़ा। सुबह निकला और शाम होते होते वह इंसानों की बस्ती में पहुंच गया। वह गांव में बहुत घुमा। परंतु सभी लोग सो रहे थे।
लेकिन गांव के बाहर एक छोटी सी कुटिया में एक बूढ़ा व्यक्ति अपने पत्नी के साथ रहता था। उसके पास एक गधा था जो कि लोगों के सामान को गांव से बाहर पहुंचाने के काम आता था। जिसके बदले में उसे पैसे मिलते थे उसी से उसका गुजारा चलता था।
लेकिन कुछ दिनों से उनका गधा बीमार था। इसलिए उसकी पत्नी गधे की दवाई लेने के लिए डॉक्टर के यहां गई हुई थी। तभी उस गांव का सरपंच आया और उसने उस बूढ़े व्यक्ति से कहा कि मेरे सामान को गांव के उस पार पहुंचाना है। बहुत जरुरी है। आपको मुंह मांगी कीमत मिलेगी। यदि आपने मेरे सामान को वहां तक पहुंचा दिया तो।
रकम के नाम सुनकर उसे बूढ़े व्यक्ति ने कहा ठीक है। आप चलिए, मैं आपके सामान को पहुंचा देता हूं। यह कहकर वह उठा और हाथ मुहं धोने लगा। तभी उधर से भालू घूमता-घूमता उस कुटिया के पास आया। उसे बहुत जोर से भूख लगी थी। उसने देखा कि एक बीमार गधा यहाँ बंधा है। उसने तुरंत उस गधे को खा गया। गधा बड़ा था इसलिए वह वहीँ बैठ कर आराम करने लगा।
तभी वह बूढा व्यक्ति वहां आया। उसने उस भालू को गधा समझकर उसे कान पकड़कर खींचने लगा। यह देख भालू डर गया। वह सोचने लगा कि यह कौन व्यक्ति है जो एक भालू से भी नहीं डर रहा है। भालू अभी तक सोच ही रहा था। तभी उस बूढ़े व्यक्ति ने अपनी छड़ी उठाई और भालू को गधा समझकर उसने झट से सरपंच का सामान उसपर लाद दिया।
सामान बहुत भारी था। भालू ठीक से चल भी नहीं पा रहा था। सामान जल्दी पहुँचाना था इसलिए बूढ़े व्यक्ति ने भालू को डंडे मार मार कर जल्दी-जल्दी कैसी भी करके उसे उस पार पहुंचा दिया। वहां पहुंचकर बूढ़े व्यक्ति ने सामान लेकर सरपंच के घर गया। इधर भालू सोचने लगा कि इंसानों पर राज करना उसके बस की बात नहीं है और तेजी से जंगल की तरफ भाग गया।
तभी कुछ देर बाद बूढा व्यक्ति बाहर आया और उसने पास ही में खड़े व्यक्ति से पूछा कि मैंने यहाँ गधा बांधा था भाई मेरा गधा कहाँ है। वहां खड़ा एक व्यक्ति ने कहा क्या तुम अंधे हो गए हो क्या ?यहाँ गधा नहीं भालू था। वह भालू तेजी से जंगल की तरफ भाग गया है। यह सुन कर बूढा व्यक्ति भावुक हो गया। वह समझ गया कि भालू ने उसके गधे को खा लिया है।
घर जाकर उसने अपनी पत्नी को पूरी बात बताई। उसकी पत्नी ने कहा कोई बात नहीं जो हो गया सो जो गया। हमें जो पैसे मिले हैं, उससे हम बहुत सारे गधे खरीद सकते हैं। यह सोचकर दोनों खुश हो गए।
इधर भालू का इंसानों पर राज करने का सपना टूट गया। और वह कभी भी भूलकर भी इंसानों की बस्ती में नहीं गया।
इस कहानी से सीख-: इस कहानी से हमें यही सीख मिलती है कि कभी भी अपनी शक्ति और सामर्थ्य पर घमंड नहीं करना चाहिए।
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