गुरुवार, 6 अगस्त 2020

प्रेरणादायक कहानी : शब्दों की ताकत। Power of Words

प्रेरणादायक कहानी : शब्दों की ताकत। Power of Words

प्रेरणादायक कहानी : शब्दों की ताकत। Power of Words-: सुंदर वन नामक जंगल में एक चीता रहता था। वह अभी नौजवान ही था। चूँकि उसके पास शिकार करने का कोई अनुभव नहीं था। इसलिए उसे शिकार करने में बाहर जंगल की तरफ जाने से डर लगता था। परंतु कई दिनों के बाद भी इसे भोजन नहीं मिल पाया, जिस कारण इसका शरीर धीरे-धीरे कमजोर होने लगा था एक दिन इस चीते ने निश्चय किया कि चाहे कुछ भी हो जाए आज मैं शिकार करके ही रहूंगा
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यह सोचकर वह जंगल की तरह शिकार करने के लिए निकल पड़ा। अभी वह कुछ ही आगे बढ़ा था तो रास्ते में उसे एक भेड़िया दिखाई दिया। उसे जंगल की तरह जाता देख भेड़िये ने उसे रोकते हुए पूछा कि अरे छोटू! कहां जा रहे हो तुम। चीते ने रोमांचित होते हुए उत्तर दिया कि मैं आज खुद से शिकार करने के लिए जा रहा हूं।

यह सुन भेड़िया हंसने लगा और उस चीते से कहा कि अभी तो तुम्हारे खेलने कूदने का समय है। तुम अभी बहुत छोटे हो और तुम्हारे पास शिकार करने का कोई अनुभव भी नहीं है। तुम क्या शिकार करोगे? जाओ वापस लौट जाओ। भेड़िये की बात सुनकर चीता बहुत उदास हो गया।

वह दिन भर शिकार के लिए इधर-उधर घूमता। परंतु उसे कोई सफलता नहीं मिली क्योंकि वह उदास मन से इधर-उधर शिकार के लिए घूम रहा था। परंतु शाम तक एक भी शिकार नहीं मिला जिसके कारण उसे भूखे पेट ही अपने घर की ओर लौटना पड़ा।

अगले दिन वह चीता फिर से शिकार करने जंगल की ओर निकल पड़ा। अभी कुछ दूर आगे ही बढ़ा था। तभी उसे पेड़ पर एक बूढ़े बंदर ने देखा और उससे कहा कि बेटे कहां जा रहे हो तुम। चीते ने जवाब दिया बंदर मामा मैं शिकार करने जा रहा हूँ।

बंदर ने कहा बहुत अच्छे बेटे तुम्हारी ताकत और तेज गति के कारण ही तुम एक बहुत ही कुशल शिकारी बन सकते हो। जाओ जल्दी जाओ तुम्हें बहुत जल्द ही सफलता मिलेगी। बंदर की बात सुनकर चीता उत्साह से भर गया और कुछ समय में ही उसने एक छोटे से हिरण का शिकार कर लिया। वह बहुत खुश हुआ। कुछ दिनों में वह एक बहुत ही अनुभवी शिकारी बन गया।

इस कहानी से सीख-: इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हमारे भी जिंदगी में शब्दों का बहुत महत्व है। दोनों ही दिन चीता तो वहीं था उसका वही फुर्ती और ताकत थी। लेकिन पहले दिन भेड़िया ने उसे हतोत्साहित कर दिया। परंतु अगले दिन बंदर ने उसे उसके ताकत का एहसास कराया जिससे वह चीता सफल हो गया।

हमें भी अपने शब्दों से कभी किसी को हतोत्साहित नहीं करना चाहिए। बल्कि जो भी अपने जीवन में कुछ करना चाहता है उसे हमेशा प्रोत्साहित करना चाहिए। ताकि वह अपने जीवन में कुछ बड़ा कर सके।

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