शनिवार, 22 जनवरी 2022

प्रेरणादायक कहानी : खाने का महत्त्व |The Importance of the food

प्रेरणादायक कहानी : खाने का महत्त्व |The Importance of the food -: बहुत दिनों पहले की बात है किसी गांव में राधा नाम की एक लड़की रहती थी। वह देखने में भी ठीक-ठाक ही थी लेकिन उसमे एक में एक बुरी आदत ये थी की वह जब भी खाना खाने के लिए बैठती तो ज्यादा खान ले कर उसे डस्टबीन में फेक दिया करती थी।

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कुछ ही दिनों बाद उसकी शादी कर दी गयी। उसकी बड़ी भाभी ने उसको घर के सभी तौर-तरीके के बारे में बताया और कहा की अब इस घर की सारी जिम्मेदारियाँ तुम ही संभलोगी तो राधा ने सिर हिलाते हुए बोली जी भाभी ठीक है।
कुछ ही दिनों बाद जब राधा कभी दाल तो कभी कुछ कभी कुछ लाती तो ये सब देखकर उसकी भाभी ने उससे पूछ राधा क्यों ना तुम पूरे महीने का सारा सामान एक बार में ही मँगवा लेती हो तो राधा बोली भाभी मैंने तो सारा सामान मँगवाया तो था लेकिन वो महीने ख़त्म होने के पहले ही ख़त्म हो गए।
इसके बाद में राधा की भाभी ने मन में सोचा की मैं तो इतने सामान में पूरा महीन हो जाता था और राधा कहती है की सामान ख़त्म हो गया इसके बाद वे किचन में ताक-झक करने लगी तो बाद में पता चलता है की ये बहुत ज्यादा खाना बना लेती है और जो बच जाता है उसे वह उठकर डस्टबिन में फेक आती थी।

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जब वे जाने के लिए घर से निकले तो थोड़ी दूर पर एक मोहल्ला दिखाई दी जहाँ कई सारे बच्चे भूख के मारे रो रहे थे ये सब देखा कर उसे अपने गलती का एहसास हुआ की वह कितनी बड़ी गलती करती थी ये सब देख वे दोनों उसी मोहल्ले से घुर कर घर वापस चले आए।

उसके बाद वे सोचने लगे की कैसे मैं राधा को खाने की अहमियत के बारे में उसे समझाए जाए तो उसने उसे बोला की मेरी एक बहुत ही करीबी एक दोस्त है जो बहुत ही गरीब है आज उसका फोन आया आर वो बोली की मेरा बेटा का तबियत बहुत ख़राब मुझे कुछ रूपयों की जरूरत है क्या तुम मेरी मदद कर सकती हो मैंने बोला मैं और मेरी देवरानी हम दोनों आज तुमसे मिलने आ रहे है क्या तुम भी चोलोगी मेरे साथ तो राधा बोली ठीक है भाभी। जब कुछ दिन बीत गए तो उसकी भाभी बोली तुम जानती हो की मै तुमसे उस दिन झूठ बोली की तुम मेरी दोस्त के यहाँ चलो वहा का तो सिर्फ एक बहाना था मेरा असली मकसद तो सिर्फ ये था की तुम जो खाना फेक देती हो उसका कितना बड़ा महत्त्व है।
तो राधा बोली की नहीं मै अब से कभी-भी खाने को बर्बाद नहीं करुँगी ऐसा सुन उसकी जेठानी बहुत खुश हुई।

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