शनिवार, 30 मई 2020

बोले हुए शब्द वापस नहीं आते । Moral Stories by Shiv Khera

बोले हुए शब्द वापस नहीं आते । Moral Stories by Shiv Khera

बोले हुए शब्द वापस नहीं आते । Moral Stories by Shiv Khera-: हमारे जीवन में कई बार ऐसा होता है कि हमें सामने वाले कि कोई बात इतनी चुभ जाती है कि हम उसे गुस्से में बहुत भला बुरा कह देते हैं. परन्तु जब हमारा गुस्सा शांत होता है तब हमें पश्तावा होता है कि हमें इस तरह से नहीं बोलना चाहिए. क्रोध के समय बोले हुए शब्द कभी भी वापस नहीं आते हैं. इसी घटना पर आधारित Shiv Khera के प्रसिद्ध किताब "You Can Win" में मैंने एक कहानी पढ़ी थी जिसे मैं आपके सामने बता रहा हूँ.

बोले हुए शब्द वापस नहीं आते । Moral Stories by Shiv Khera
बोले हुए शब्द वापस नहीं आते । Moral Stories by Shiv Khera

एक बार कि बात है किसी गावं में एक किसान रहता था. एक दिन किसान का अपने पड़ोसी के साथ किसी बात पर झगड़ा हो गया और उसने गुस्से में अपने पड़ोसी को बहुत भला बुरा कह दिया. परन्तु जब उसका गुस्सा शांत हुआ तो उसे अपने किये पर बहुत पछतावा होने लगा.
वह किसान गाँव के ही एक संत के पास गया और संत को पूरी बात बता दिया तथा उसने संत से अनुरोध किया कि ऐसा कुछ उपाय बताएं ताकि क्रोध के समय बोले हुए शब्द वापस आ जाए. संत ने उस किसान से कहा कि " तुम बहुत सारे पंख को इकठ्ठा करो और उसे अपने शहर के बीचों-बीच चौराहे पर जाकर रख दो ". किसान ने संत द्वारा बताये गए उपाय को किया और फिर वापस संत के पास पहुंच गया. तब संत ने उस किसान से पुनः कहा कि "अब फिर जाओ और उन सभी पंखों को वापस इकठ्ठा करके लाओ ".
किसान वापस उस चौराहे पर गया जहाँ उसने पंखों को रखा था. परन्तु उसे वहां कोई भी पंख नहीं मिला क्योंकि हवा के कारण सारे पंख इधर-उधर उड़ चुके थे. किसान उदास मन से खाली हाथ संत के पास लौटा और कहा कि वहां कोई भी पंख नहीं था. तब संत ने उस किसान को समझाते हुए कहा कि ठीक इसी प्रकार तुम्हारे द्वारा क्रोध के समय बोले हुए शब्दों के साथ भी ऐसा ही होता है. तुम क्रोध के समय आसानी से सामने वाले को बहुत भला बुरा कह देते हो लेकिन कभी भी बोले हुए शब्द वापस नहीं आते हैं. कई बार सामने वाला हमारी गलती को माफ़ कर देता है परन्तु उसके दिल में कहीं न कहीं चोट जरुर लगी रहती है, जिसे वह कभी भूल नहीं पाता है. इस कहानी से सीख-: इस "बोले हुए शब्द वापस नहीं आते । Moral Stories by Shiv Khera" कहानी से हमें यही सीख मिलती है कि क्रोध के समय अपने वाणी सदैव नियंत्रित रखें और अपने शब्दों से किसी को चोट नहीं पहुंचाएं. एक बहुत ही प्रचलित कहावत है कि "बोली की चोट गोली से भी गहरी होती है"
कैसी लगी ये "बोले हुए शब्द वापस नहीं आते । Moral Stories by Shiv Khera" की कहानी नीचे Comment करके जरुर बताएं. यदि आप किसी विशेष टॉपिक पर कहानी पढ़ना चाहते हैं तो नीचे उस टॉपिक नाम हमें Comment करके जरुर बताएं. ताकि हम उस टॉपिक पर आपके लिए पोस्ट लिख सकें. ---------✱✱✱---------

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