अमन अपने माता-पिता के साथ चिड़ियाघर जाता है। चूँकि अमन अभी बच्चा है और अपनी माँ की गोद में रहता है, इसलिए उसके लिए चिड़ियाघर का कोई टिकट नहीं है। माँ और पिताजी ने टिकट लिया और तीनों एक साथ चिड़ियाघर गए। अमन ने चिड़ियाघर में एक तालाब देखा जिसमें बहुत सारी बत्तखें और बगुले मस्ती में तैर रहे थे।
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उसे यह बहुत पसंद आया और फिर उसने वहाँ पे बहुत सारे बंदर को देखा। वह छोटे बंदरों को अपने हाथों से खाना खिलाता है और छोटे बंदर उसके पीछे दौड़ते हैं। वह उसका पिता होगा । तब अमन ने अपने सामने बड़े-बड़े जानवरों को देखा जिसमें से एक रीछ, एक जिराफ, और बहुत से ऊँचे स्वर से चिल्लानेवाले सिंह भी देखे, छोटे बच्चे डर के मारे भाग गए।
तभी अमन ने देखा कि वहां हाथियों का झुंड खड़ा है और उसके छोटे-छोटे बच्चे भी वहीं हैं. वे आपस में खेलते थे और बहुत से बच्चे खड़े होकर यह तमाशा देखते थे। अमन भी खड़ा हो गया और हाथियों के झुंड को देखने लगा। इसके बाद हामान ने देखा कि और भी छोटे-छोटे बच्चे वहाँ आये हैं। वह अपने दोनों पैरों पर चलता था; कोई भी अपने माता-पिता की गोद में नहीं था।
तब अमन अपने छोटे पैरों पर चलने लगा। इस बात से अमन के माता-पिता बहुत खुश थे, क्योंकि अब उनका बेटा चलना सीख गया था। ट्रेन की सवारी की और अमन ने चिड़ियाघर में ऊंट की सवारी भी की।
शिक्षा: बच्चे अनुकरण के माध्यम से सीखते हैं, बच्चों के दिमाग को विकसित करने के लिए उन्हें दुनिया का आकार दिखाना चाहिए।