Short Stories लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
Short Stories लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

शनिवार, 26 अक्तूबर 2024

चिड़ियाघर की कहानी। Best Zoo Short Stories for Kids

अमन अपने माता-पिता के साथ चिड़ियाघर जाता है। चूँकि अमन अभी बच्चा है और अपनी माँ की गोद में रहता है, इसलिए उसके लिए चिड़ियाघर का कोई टिकट नहीं है। माँ और पिताजी ने टिकट लिया और तीनों एक साथ चिड़ियाघर गए। अमन ने चिड़ियाघर में एक तालाब देखा जिसमें बहुत सारी बत्तखें और बगुले मस्ती में तैर रहे थे।

Short Story for kids

उसे यह बहुत पसंद आया और फिर उसने वहाँ पे बहुत सारे बंदर को देखा। वह छोटे बंदरों को अपने हाथों से खाना खिलाता है और छोटे बंदर उसके पीछे दौड़ते हैं। वह उसका पिता होगा । तब अमन ने अपने सामने बड़े-बड़े जानवरों को देखा जिसमें से एक रीछ, एक जिराफ, और बहुत से ऊँचे स्वर से चिल्लानेवाले सिंह भी देखे, छोटे बच्चे डर के मारे भाग गए।


तभी अमन ने देखा कि वहां हाथियों का झुंड खड़ा है और उसके छोटे-छोटे बच्चे भी वहीं हैं. वे आपस में खेलते थे और बहुत से बच्चे खड़े होकर यह तमाशा देखते थे। अमन भी खड़ा हो गया और हाथियों के झुंड को देखने लगा। इसके बाद हामान ने देखा कि और भी छोटे-छोटे बच्चे वहाँ आये हैं। वह अपने दोनों पैरों पर चलता था; कोई भी अपने माता-पिता की गोद में नहीं था। 


तब अमन अपने छोटे पैरों पर चलने लगा। इस बात से अमन के माता-पिता बहुत खुश थे, क्योंकि अब उनका बेटा चलना सीख गया था। ट्रेन की सवारी की और अमन ने चिड़ियाघर में ऊंट की सवारी भी की।


शिक्षा: बच्चे अनुकरण के माध्यम से सीखते हैं, बच्चों के दिमाग को विकसित करने के लिए उन्हें दुनिया का आकार दिखाना चाहिए।



शुक्रवार, 25 अक्तूबर 2024

सोने की चिड़िया । Short Stories for Kids in Hindi & English

एक परी जिसका नाम था आद्या, वह सोने की चिड़िया की खोज में निकली। सोने की चिड़िया बहुत ही महान और शक्तिशाली होती है। इसकी खोज न केवल धन और समृद्धि को लाती है, बल्कि इसके पास आपके हर समस्या का समाधान होता है।


परी ने शुरू में सोने की चिड़िया को ढूंढने के लिए बड़ी कठिनाइयों का सामना किया। लेकिन उसकी मेहनत और संकल्प से वह सोने की चिड़िया को खोजकर उसे अपने जीवन का सबसे महत्वपूर्ण खजाना मिल गया।

सोने की चिड़िया की प्रतिष्ठा से परी ने न केवल अपने लिए, बल्कि अपनी समुदाय के लिए भी काफी कुछ किया। जहां पहले कुछ लोग परी को मजाक बनाते थे, वहां अब सब उसे अपना हीरा मानते थे।


इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि किसी भी मुश्किल से निराश न होना चाहिए, बल्कि उसे परिवर्तित करने की कोशिश करनी चाहिए। हमारे अंदर ही हमारी शक्ति छुपी होती है, जो हमें हर मुश्किल से निकलने में मदद कर सकती है।


कभी भी नहीं हारना चाहिए, चाहे कितनी भी कठिनाई क्यों न आ जाए। सारे संभावनाओं के विपरीत उन्हें एक नया मौका देने का निश्चय रखना हमेशा हमें सफलता की ओर ले जाता है।**


FAQs:


1. सोने की चिड़िया क्या होती है ?

- सोने की चिड़िया एक परी जैसी चमत्कारिक चिड़िया होती है जिससे समृद्धि और समाधान प्राप्त किया जा सकता है।


2. परी कैसे सोने की चिड़िया की खोज में निकली ?

- परी ने अपने संकल्प और मेहनत से सोने की चिड़िया की खोज की और उसे पाकर अपने जीवन को सफल बनाया।


3. सोने की चिड़िया की प्रतिष्ठा क्यों बढ़ी ?

- सोने की चिड़िया का प्राप्त होना परी के लिए एक महत्वपूर्ण संघर्ष का प्रतीक था जिससे उसकी प्रतिष्ठा और सम्मान बढ़ गई।


4. क्या सोने की चिड़िया का सिर्फ धनी व्यक्ति ही ढूंढ सकता है ?

- नहीं, सोने की चिड़िया धन के अलावा भलाई और समृद्धि की भी संभावनाओं का द्वार खोल सकती है।


5. क्या हमेशा मुश्किलों के सामने हर कोई सफल हो सकता है ?

- हां, अगर हमारे संकल्प मजबूत हैं और हम मेहनत करने के लिए तैयार हैं, तो हम हर मुश्किल को सामने करके उसे हरा सकते हैं।


इस पारी कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि मेहनत, संकल्प और विश्वास के साथ हर मुश्किल का सामना किया जा सकता है और हर बुराई को दूर किया जा सकता है। इसलिए, कभी भी हार न मानना और संघर्ष को जारी रखना हमें अपने लक्ष्यों की प्राप्ति में सफलता देगा।


शिष्य और पागल हाथी की कहानी | Elephant Story in Hindi

बुधवार, 26 जनवरी 2022

शिष्य और पागल हाथी की कहानी | Elephant Story in Hindi

एक बार एक गुरुकुल में गुरुजी अपने सभी शिष्यों को उपदेश दे रहे थे I उपदेश में गुरुजी बता रहे थे कि कण-कण में भगवान वास करते हैं I संसार की ऐसी कोई भी वस्तु नहीं जिसमें भगवान का अंश विद्वान नहीं हो I संसार की छोटे से छोटे और बड़े से बड़े जीव के अंदर भी भगवान होते हैं Iप्रत्येक जीव को भगवान का रूप मानकर हमें उनका आदर करना चाहिए I यही उनके उपदेश देने का मूल उद्देश्य था I सभी ध्यान पूर्वक गुरु जी के उपदेशों को सुन रहा था I
Elephant Story in Hindi

एक दिन उनका एक शिष्य बाजार जा रहा था I तभी अचानक रास्ते में उसने देखा कि एक हाथी बहुत तेजी से उसकी ओर आ रहा है I हाथी बहुत गुस्से में था I महावत रास्ते में आने वाले सभी लोगों को मार्ग से हट जाने को बोल रहा था I शिष्य मार्ग के बीच में ही खड़ा था I उसे अपने गुरु की कथन याद आ गया I वह मन ही मन सोचने लगा कि यह हाथी भी भगवान का एक रूप है तो हमें इस हाथी से डरने की क्या आवश्यकता है I यह सोचते हुए वह बीच रास्ते में ही खड़ा रहा I


महावत लगातार चिल्लाए जा रहा था हट जा हट जा यह हाथी पागल हो गया है I परंतु वह शिष्य अपने स्थान से जरा भी नहीं हटा I पागल हाथी ने उस शिष्य को अपने सुर में लपेटा और दूर फेंक दिया, जिससे शिष्य को बहुत चोटें आई I मुश्किल से वह लड़खड़ाते हुए अपने गुरुकुल पहुंचा l उसका भगवान पर से विश्वास ही उठ गया I

गुरुकुल पहुँचकर उसने गुरूजी को सारी बातें बताई I उसने अपने गुरु जी से कहा कि आपने तो कहा था कि भगवान सभी जीवो में विद्यमान है तो हाथी ने मेरी यह कैसी दुर्गति कर दी है ? तब गुरुजी ने कहा कि यह बात सत्य है की भगवान सभी जीवो में रहते हैं I निश्चय ही हाथी में भी भगवान का वास है I परंतु महावत में भी तो भगवान का वास है I उसके बार-बार कहने पर भी तुम मार्ग से क्यों नहीं हटे ? गुरु की बात सुनकर शिष्य को अपनी गलती का पश्चाताप हुआ l उसने निश्चय किया कि कभी भी किसी बात को अधूरी समझकर उसका प्रयोग नहीं करेगा I

इस कहानी शिष्य और पागल हाथी की कहानी | Elephant Story in Hindi से हमें यही सीख मिलती है कि कभी भी किसी शिक्षा को अधूरी समझ कर पढ़ योग में लाना बुद्धिमानी नहीं मूर्खता है I


बंद मुट्ठी – खुली मुट्ठी की कहानी | Short Stories in Hindi

रामपुर नामक गांव में धनीराम नामक एक किसान रहता था I उसके दो पुत्र थे I एक का नाम राम था तो दूसरे का नाम श्याम था I दोनों भाई थे तो सगे परंतु दोनों की आदत बिल्कुल भी एक दूसरे से मेल नहीं खाता था I एक तरफ जहां राम बहुत कंजूस था वहीं दूसरी तरफ श्याम को फ़िज़ूलखर्ची की आदत थी I इन दोनों के आदत से धनीराम हमेशा परेशान रहा करता था I


Short Stories in Hindi

उसे समझ नहीं आता था कि कैसे अपने दोनों बेटों को सही रास्ते पर लाया जाए I उनकी इन आदतों से उन दोनों की पत्नियां भी काफी परेशान थी I घरवाले दोनों को समझाने का बहुत प्रयास किए परंतु इसका असर उन दोनों पर रत्ती भर भी नहीं होता I ना राम अपनी कंजूसी छोड़ता और ना ही श्याम अपनी फ़िज़ूल खर्ची से ही बाज आता था I 


एक बार उस गांव में एक बहुत ही प्रसिद्ध और विद्वान महात्मा जाए I उनके पास प्रत्येक प्रश्न का उत्तर था इसलिए सभी लोग अपनी-अपनी समस्या का समाधान उस महात्मा से पूछने के लिए जाते I धनीराम ने सोचा कि क्यों ना अपने पुत्रों का समाधान भी महात्मा जी से पूछा जाए I अगले दिन धनीराम महात्मा जी के पास पहुंचा और अपनी परेशानी बताई महात्मा जी ने ध्यानपूर्वक उनकी बातें सुनी और अगले दिन दोनों पुत्रों को साथ लेकर आने को कहा I


भेड़िया और सुनैना का विवाह


धनीराम नियत समय पर पुत्रों को लेकर पहुंच गए I महात्मा जी ने राम और श्याम दोनों  के सामने अपनी मुट्ठी को बंद किया और घूमाते हुए कहा कि बताओ यदि मेरा हाथ हमेशा ऐसे ही बंद रहे तो कैसा लगेगा तो दोनों पुत्र बोले ऐसे में तो लगेगा जैसे कि आपको कोढ़ हो गया है I उस महात्मा जी ने अपनी हथेली को फैलाते हुए पूछा कि यदि मेरा हाथ हमेशा इसी प्रकार खुला रहे तो कैसे लगेगा ? अभी यहीं लगेगा कि आपको कोढ़ है पुत्र बोले !


तब महात्मा जी ने मुस्कुराते हुए बोले पुत्रों यही तो मैं तुम्हें समझाना चाह रहा हूँ I हमेशा अपनी मुट्ठी बंद रखना अर्थात कंजूसी दिखाना या हमेशा अपनी हथेली खुली रखना अर्थात फ़िज़ूलखर्ची करना एक तरह का कोढ़ ही तो है I हमेशा मुट्ठी बंद रखने वाला व्यक्ति धनवान होती विधि निर्धन ही रहता है जबकि हमेशा मुट्ठी खुला रखने वाला व्यक्ति कितना ही बड़ा धनवान क्यों ना हो जाए उसे निर्धन बनते देर नहीं लगती I 


इसलिए कभी मुट्ठी बंद रखें तो कभी खुली रखें तभी जीवन का संतुलन बना रहता है I राम श्याम दोनों को अपनी गलतियों का एहसास हो चुका था उन्होंने निश्चय किया कि आज के बाद वह ना तो अधिक कंजूसी करेंगे और ना ही अधिक फ़िज़ूल खर्ची ही करेंगे I 


इस कहानी बंद मुट्ठी – खुली मुट्ठी की कहानी | Short Stories in Hindi से हमें यह सीख मिलती है कि व्यक्ति को ना ही अधिक कंजूस होना चाहिए और ना ही अधिक फ़िज़ूलखर्ची हमेशा जरुरत के अनुसार अपने खर्चों का ध्यान रखना चाहिए I


पंचतंत्र की कहानी : दो बिल्लियां और एक बंदर


पंचतंत्र की कहानी : लालची कुत्ता

शेर का आसन I Hindi short stories with moral for kids

सुंदरबन के जंगल में एक बहुत बड़ी गुफा थी I उसमें एक बहुत ही भयानक शेर रहता था I वह हमेशा अपने आप को बुद्धिमान समझता था और जंगल के अन्य जानवरों को वह तुच्छ समझता था I उसे लगता था कि पृथ्वी पर उससे बुद्धिमान जीव कोई है नहीं I उसके इसी स्वभाव से जंगल के अन्य जानवर काफी भयभीत रहते थे I

Hindi short stories with moral for kids

उसी जंगल के नजदीक एक गांव था जहां पर एक राजा अपनी प्रजा के साथ उस गांव पर शासन करता था I एक दिन वह राजा उसी जंगल में अपने सभी अंग रक्षकों के साथ शिकार करने निकला I राजा को अपनी ओर आता देख तभी जानवर अपने अपने घरों में छिप गए I तभी शेर ने देखा कि राजा हाथी पर आसन लगाकर बैठा हुआ जंगल में शिकार कर रहा है I यह देख शेर के मन में हाथी के आसन पर बैठने का विचार आया I


भेड़िया और सुनैना का विवाह । Panchtantra Stories in Hindi


अगले दिन शेर ने जंगल के सभी जानवरों को इकट्ठा किया और आदेश दिया कि हाथी पर एक आसन लगाया जाए I उसके यह आदेश को सुनकर सभी जानवर काफी भयभीत हो गए और डर कर जानवरों ने हाथी पर एक आसन लगा दिया I बस फिर क्या था झट से आसन लग गया और शेर उछल कर हाथी पर लगे आसन में जाकर बैठ गया I 


हाथी जैसे ही आगे की ओर चलता आसन हिल जाता और शेर नीचे धड़ाम से गिर जाता I ऐसा कई बार हुआ हाथी जब भी आगे बढ़ता शेर तुरंत नीचे गिर जाता जिससे शेर की टांगे टूट गई I वह दर्द से कराहने लगा और और किसी तरह लड़खड़ाते हुए कहने लगा कि जंगल में पैदल चलना ही ठीक होता है I यह सुनकर बाकी के जानवर हंसने लगे I और उस दिन के बाद शेर कभी भी खुद को अधिक बुद्धिमान नहीं समझता था I


इस कहानी शेर का आसन I Hindi short stories with moral for kids से हमें यही सीख मिलती है कि हमें कभी भी खुद को अधिक बुद्धिमान नहीं समझना चाहिए और दूसरों की नकल कभी नहीं करनी चाहिए क्योंकि इसका परिणाम बुरा हो सकता है I


पंचतंत्र कहानी - दिखावे का फल । Moral Stories in Hindi

पंचतंत्र की कहानी : सच बोलने का परिणाम । Kids Stories


मंगलवार, 25 जनवरी 2022

कालिदास और विक्रमादित्य की कहानी | Mahakavi Kalidas Stories

एक बार की बात है I रामपुर नामक एक गांव में एक राजा रहता था उसका नाम राजा विक्रमादित्य था I राजा विक्रमादित्य बहुत ही दयालु थे और वह हमेशा अपनी प्रजा की भलाई के बारे में ही सोचते रहते थे I उनके दरबार में बहुत सारे विद्वान महाकवि थे I उन्हीं में से महाकवि कालिदास प्रमुख राज दरबारियों में से एक थे I


Mahakavi Kalidas Stories

एक बार राज दरबार का कार्य चल रहा था और बीच में राजा विक्रमादित्य ने कालिदास से एक प्रश्न पूछा की कालिदास आप इतने बड़े विद्वान महाकवि है परंतु आपका शरीर आपकी बुद्धि के अनुरूप इतनी सुंदर क्यों नहीं है ? कालिदास उस समय चुप रहे और बात को टाल गए I 


कुछ दिन बाद महाराज ने अपनी सेवक से पीने के लिए पानी मांगा I कालिदास वहीं पर थे उन्होंने सेवक को निर्देश दिया कि दो बर्तनों में पानी लाया जाए I एक बर्तन साधारण मिट्टी का था तो दूसरा बर्तन बहुमूल्य धातु से बना था I महाराज ने बड़े ही आश्चर्य के साथ कालिदास की ओर देखते हुए इसका कारण पूछा तो कालिदास ने महाराज से दोनों बर्तनों का पानी पीने का अनुरोध किया I


खतरनाक आइसलैंड और किसान की नौकरी


महाराज ने ऐसा ही किया ! फिर कालिदास ने कुछ समय पश्चात महाराज से पूछा महाराज इन दोनों बर्तनों में से किस बर्तन का पानी अधिक शीतल था ? अवश्य ही मिट्टी के बर्तन का ! महाराज ने बड़ी ही सरलता से उत्तर दिया I कालिदास मुस्कुराए और बोले हे राजन जिस प्रकार पानी की शीतलता बर्तन के बाहरी सुंदरता पर निर्भर नहीं करती ठीक उसी प्रकार बुद्धि की सुंदरता शरीर की सुंदरता पर निर्भर नहीं करती I


राजा विक्रमादित्य को अपनी प्रश्न का उत्तर मिल चुका था और वे समझ चुके थे कालिदास उन्हें क्या समझाना चाह रहा है ?


इस कहानी कालिदास और विक्रमादित्य की कहानी | Mahakavi Kalidas Stories से हमें यह ही सीख मिलती है कि हमें कभी भी अपनी शारीरिक सुंदरता पर घमंड नहीं करना चाहिए बल्कि अपने अंदर बुद्धि को अधिक महत्व देना चाहिए I


पंचतंत्र की कहानी : भालू और दो मित्र


दुष्ट बगुला और केकड़े की कहानी

सोमवार, 24 जनवरी 2022

शिक्षाप्रद कहानियां- हार-जीत का फैसला | Small story in Hindi

बहुत समय पहले की बात है एक गांव में विक्रमादित्य नामक राजा राज्य करते थे I वह बहुत ही दयालु प्रवृत्ति के थे I वह हमेशा अपनी प्रजा की भलाई के बारे में ही सोचा करते थे I प्रजा भी अपने राजा को बहुत आदर सत्कार किया करती थी I राजा हमेशा गरीब से गरीब लोगों की भी मदद किया करता था I एक बार विक्रमादित्य ने अपने राज्य में घोषणा करवाई की अमुक तिथि को दरबार में शास्त्रार्थ प्रतियोगिता का आयोजन करवाया I 


Small story in Hindi

इस प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए आसपास के सभी गांवों से बड़े-बड़े विद्वान लोग आए हुए थे I शास्त्रार्थ की प्रक्रिया चल रही थी और सभी विद्वान लोग अपने अपने मत को सिद्ध करने में लगे हुए थे I शास्त्रार्थ की प्रक्रिया 10 दिनों तक लगातार चली और इसमें केवल 2 प्रतिभागी हरिनारायण और रामनारायण ही अंतिम तक टिके हुए थे I अब केवल हार जीत का निर्णय होना ही बाकी था I 


अगले दिन शास्त्रार्थ की प्रक्रिया चल रही थी I राजा विक्रमादित्य को किसी आवश्यक कार्य हेतु बाहर जाना पड़ गया I लेकिन उन्होंने जाने से पूर्व हरिनारायण और रामनारायण के गले में एक एक फूल की माला डालते हुए कहा कि यह दोनों मालाएं मेरी अनुपस्थिति में आप दोनों के हार और जीत का निर्णय करेगी I यह कहते हुए राजा विक्रमादित्य दरबार से निकल गए और शास्त्रार्थ की प्रक्रिया आगे चलती रही I


पंचतंत्र की कहानी : भालू का घमंड


परंतु यह क्या कुछ क्षणों के पश्चात ही राजा विक्रमादित्य पुनः राज दरबार में लौट आए यह देख सभी राजदरबारी अचंभित हो गए I परंतु राजा ने अपनी निर्णायक नजरों से हरिनारायण और रामनारायण को बारी-बारी से देखा और अपना निर्णय सुनाया I उनके निर्णय के अनुसार रामनारायण विजय घोषित हुए I  जबकि हरिनारायण की पराजय हुई I सभी दर्शक अचंभित हो गए कि किस आधार पर राजा ने रामनारायण को विजय घोषित कर दिया I


तभी एक मंत्री ने राजा विक्रमादित्य से अनुरोध किया कि महाराज आपने हार और जीत का फैसला कैसे किया ? जबकि आप प्रतियोगिता के मध्य आवश्यक कार्य हेतु प्रस्थान किए थे और फिर वापस लौटते ही आपने ऐसा निर्णय कैसे दे दिया I तब राजा ने मुस्कुराते हुए उत्तर दिया कि जब भी कोई विद्वान शास्त्रार्थ में पराजित होने लगता है तो उसे क्रोध उत्पन्न हो जाता है I 


जैसा कि हरिनारायण के गले की माला उनके क्रोध के कारण मुरझा चुकी है I जबकि रामनारायण के गले की माला का फूल अभी भी पहले की भांति ताजे हैं I इस से ज्ञात होता है कि रामनारायण ही विजय हुए हैं I राजा विक्रमादित्य का फैसला सुनकर सभी दंग रह गए और सब ने उनकी प्रशंसा की I


इस कहानी शिक्षाप्रद कहानियां- हार-जीत का फैसला | Small story in Hindi से सीख इस कहानी से हमें यही सीख मिलती है कि क्रोध व्यक्ति का सबसे बड़ा शत्रु है क्योंकि क्रोध मनुष्य की वह अवस्था है जो जीत के नजदीक पहुंच कर भी हार का नया रास्ता खोल देता है I इसलिए व्यक्ति को कभी भी क्रोध नहीं करना चाहिए I


खतरनाक आइसलैंड और किसान की नौकरी


जादुई पत्थर और आलसी शिष्य की कहानी


रविवार, 23 जनवरी 2022

चींटी और कबूतर I Short Hindi stories with moral

एक जंगल में बहुत बड़ा बरगद का एक पेड़ था और उस पेड़ पर एक कबूतर रहता था I वह प्रतिदिन दाना चुगने के लिए इधर उधर भटकता और शाम होते ही अपने घोसले में वापस लौट जाता था I उसी पेड़ के नीचे एक नन्हीं सी चींटी रहती थी I एक बार गर्मी के समय चिलचिलाती धूप थी I उस कबूतर ने देखा कि उस नन्हीं सी चींटी को बहुत जोरों की प्यास लगी है I और वह पानी की तलाश में इधर उधर भटक रही है I


Short Hindi Stories with Moral

काफी समय के बाद चीटीं एक नदी के किनारे पहुंची I नदी काफी बड़ी व् गहरी थी इसलिए वह पानी पीने के लिए एक छोटे से चट्टान पर चढ़कर पानी पीने का प्रयास करने लगी I परंतु दुर्भाग्यवश वह फिसल गई और फिसलते हुए नदी में जा गिरी I पानी का बहाव तेज था इसलिए वह नदी में पानी के साथ बहने लगी I यह देख चीटीं बहुत घबरा गई और वह मन ही मन भगवान से प्रार्थना करने लगी I


पास ही पेड़ पर बैठा हुआ कबूतर यह सब देख रहा था I कबूतर को उस नन्हीं सी चीटीं पर दया आ गई I कबूतर ने जल्दी से एक पत्ता तोड़ा और नदी में डूबते हुए चींटी के पास उस पत्ते को फेंक दिया I चींटी तुरंत उस पत्ते पर चढ़ गई और धीरे-धीरे किनारे लग गई I देखते ही देखते वह पत्ते से उतर कर जमीन पर आ गई और उसने कबूतर को अपनी जान बचाने के लिए धन्यवाद दिया I फिर दोनों अपने अपने घरों में चले गए I


हिंदी कहानियां Hindi Short Stories with moral


शाम को उसी दिन एक शिकारी जाल लेकर कबूतर को पकड़ने आया I कबूतर आराम से अपने घोसले में सो रहा था और उसे खतरे की कोई खबर ना थी I  चींटी ने देखा कि शिकारी धीरे-धीरे कबूतर को पकड़ने के लिए पेड़ पर चढ़ने वाला है I यह देख चींटी ने तुरंत शिकारी के पांव पर जोर से काटा I चींटी के काटने से शिकारी की चीख निकल गई जिससे कबूतर उठ गया और वहां से तुरंत उड़ गया I इस प्रकार नन्हीं सी चींटी ने उस कबूतर की जान बचाई I


इस कहानी चींटी और कबूतर I Short Hindi stories with moral से हमें यही सीख मिलती है कि कर भला तो हो भला I यदि आप किसी के साथ अच्छा करोगे तो आपके साथ भी अच्छा ही होगा I


जैसा करोगे वैसा भरोगे । Panchtantra Stories in Hindi

मूर्ख बातूनी कछुआ और हंस की कहानी। Short Hindi Stories

शनिवार, 22 जनवरी 2022

मुर्गे की मूर्खता I Hindi short stories with moral for kids

बहुत समय पहले की बात है एक गांव में रामू नामक एक किसान रहता था I उसके पास कई गायें बकरियां और ढेर सारी मुर्गियां थी I रामू को एक छोटा बेटा था जिसका नाम हरि था I हरि बचपन से ही बहुत ही शरारती था और वह हमेशा बकरियों और मुर्गियों को तंग करते रहता था I

Hindi short stories with moral for kids

एक दिन की बात है रामू अपने सभी गायों को लेकर पास के गांव में चराने  के लिए ले गया था I जबकि हरि घर पर ही था I अपने को अकेला पाकर हरि ने उस दिन मुर्गियों को काफी तंग किया जिससे सभी मुर्गियां परेशान हो गई और सोचने लगी कि लोगों को सबक कैसे सिखाया जाए I उसने सोचा कि अगले दिन जब मैं सुबह में आवाज नहीं करूंगी तो सभी लोग सोते ही रह जाएंगे तब उन सबको मेरी अहमियत समझ में आएगी और कभी भी मुझे फिर से तंग नहीं करेंगे I

सोने का अंडा देने वाली मुर्गी की कहानी | Golden Egg Story

यह सोच कर सभी मुर्गियां सो गई और अगले सुबह काफी देर तक सोई रही I सुबह में कुछ नहीं बोली  परंतु यह क्या सभी लोग समय पर उठकर अपने-अपने काम में लग गए यह देख मुर्गियों को अपनी गलती का एहसास हो गया और वे समझ गए कि किसी के बिना किसी का कोई काम रुकता नहीं है I किसी के होने या नहीं होने से किसी के काम पर कोई फर्क नहीं पड़ता है I


इस कहानी मुर्गे की मूर्खता I Hindi short stories with moral for kids से हम लोगों को यही सीख मिलती है कि हमें कभी भी खुद पर घमंड नहीं करना चाहिए क्योंकि आपकी अहमियत लोगों को बिना बताए पता चलती है साथ ही साथ घमंड करने से लोगों की नजर में आपकी छवि खराब हो जाती है I

पंचतंत्र की कहानियां : एकता में बल है - Moral Story for Kids