मंगलवार, 2 जून 2020

अकबर बीरबल की कहानियां : कुत्ते की दुम टेढ़ी क्यों

अकबर बीरबल की कहानियां : कुत्ते की दुम टेढ़ी क्यों

अकबर बीरबल की कहानियां : कुत्ते की दुम टेढ़ी क्यों-: कोई भी चूहा अपने प्राणों को संकट में डालकर उस बिल्ली के गले में घंटी बांधने को तैयार नहीं था उसमें से किसी ने भी रिस्क लेकर उस बिल्ली के गले में घंटी बांधने की कोशिश भी नहीं कीसभी चूहे डर के साथ ही जीने लगे किसी ने भी हिम्मत नहीं कि रिस्क लेने की इससे हुआ यह कि बिल्ली के गले में घंटी नहीं बंध सकी

एक बार की बात है अकबर और बीरबल वन में घूमने के लिए निकले। वन में घूमने के दौरान अकबर ने बीरबल की ओर इशारा करते हुए कहा कि “यह वृक्ष इतना टेढा क्यों हैं ?” तब बीरबल ने सोचते हुए कहा कि यह इसलिए टेढा है क्योंकि यह जंगलों के सभी वृक्षों का साला है. अकबर ने बीरबल से कहा कि तुम ऐसा कैसे कह सकते हो ? तब बीरबल ने जबाब दिया कि कुत्ते कि दुम और साला हमेशा टेढे ही होते हैं ।

अकबर बीरबल की कहानियां : कुत्ते की दुम टेढ़ी क्यों
अकबर बीरबल की कहानियां : कुत्ते की दुम टेढ़ी क्यों

एक बार की बात है अकबर और बीरबल वन में घूमने के लिए निकले। वन में घूमने के दौरान अकबर ने बीरबल की ओर इशारा करते हुए कहा कि “यह वृक्ष इतना टेढा क्यों हैं ?” तब बीरबल ने सोचते हुए कहा कि यह इसलिए टेढा है

अकबर ने तुरंत बीरबल से पूछा कि क्या मेरा साला भी टेढ़ा है? बीरबल ने तुरंत कहा जी जनाब ! तब अकबर ने कहा तो फिर मेरे साले को फांसी चढा दो ! अकबर के आदेशानुसार बीरबल ने फांसी के लिए तीन तख्ते बनवाए “एक सोने का, एक चांदी का और एक लोहे का ” । तीनो तख्तों को देखकर अकबर ने बीरबल से कहा कि तीन तख़्त क्यों ? तब बीरबल ने जबाब दिया कि बादशाह सोने का आपके लिए, चांदी का मेरे लिए और लोहे का तख्ता सरकारी साले साहब के लिए। अकबर ने आश्चर्य से पूछा कि तुम्हें और मुझे फांसी किसलिए ? तब बीरबल ने कहा “क्यों नहीं जनाब आखिर हम भी तो किसी के साले हैं ” यह सुन अकबर हंस पड़े जिससे सरकारी साले साहब के जान में जान आई। वह फांसी से बाइज्जत बरी हो गया और बीरबल को धन्यवाद देने लगा ।

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