मंगलवार, 18 अगस्त 2020

प्रेरणादायक कहानी : तोते की चोंच। Parrot Beak Short Story

प्रेरणादायक कहानी : तोते की चोंच। Parrot Beak Short Story

प्रेरणादायक कहानी : तोते की चोंच। Parrot Beak Short Story-: एक जंगल में एक तोता रहता था। वह हमेशा उदास रहता था। वह अपने घोंसले में ही रहता था। अन्य तोतों की तरह वह न तो कहीं घूमने जाता और ना ही अन्य पक्षियों के साथ खेलता ही था। वह हमेशा दुखी रहता था। एक दिन तोता उदास मन से अपने घोंसले में बैठा हुआ था। तभी वहां एक बंदर आया और तोते को उदास देखकर पूछा कि तुम उदास क्यों हो? तोते ने दुखी होते हुए कहा कि मुझे मेरी चोंच पसंद नहीं है।

Parrot Beak Short Story For Kids

अन्य सभी पक्षियों की चोंच बहुत अच्छी और सुंदर है। बाज,  कोयल, सारस, कौवा आदि सभी पक्षियों की चोंच मुझे अच्छी लगती है। परन्तु मैं ऐसा क्यों हूँ? यह कहकर तोता उदास हो गया। बंदर ने कुछ देर तक सोचा। फिर उसने कहा कि तुम क्यों ना एक बार ज्ञानी काका से मिल आओ। ज्ञानी काका जंगल में सबसे बुद्धिमान तोते के रूप में जाने जाते हैं।

यह तोते ने बंदर को धन्यवाद दिया और ज्ञानी काका के पास तुरंत चला गया। ज्ञानी काका जंगल के बीच एक बहुत पुराने वृक्ष की शाखा पर रहते थे। तोता वहां पहुंचा अपर अपनी समस्या ज्ञानी काका को कह सुनाई। और कहा कि मुझे मेरी चोंच बहुत अटपटी सी लगती है। जबकि जंगल के अन्य पक्षियों बाज, कौवा, कोयल, सारस सभी की चोंच बहुत सुंदर है।

काका ने कुछ देर विचार किया। फिर अचानक उस तोते से बोल उठे। अच्छा यह बताओ क्या तुम केचुआ और कीड़े मकोड़े खाना पसंद करोगे? तोते ने कहा ही ऐसी बेकार चीज़ तो मैं कभी ना खाऊं। काका ने फिर कहा क्या तुम सांप, खरगोश या चूहे को खाना चाहोगे। अब तोते ने नाराज होते हुए उत्तर दिया कि काका आप कैसी बातें कर रहे हैं। मैं एक तोता हूँ। और मैं यह सब खाने के लिए नहीं बना हूँ।

तोते की बात सुनकर काका ने मुस्कुराते हुए कहा, बिल्कुल सही! मैं भी तुम्हें यही समझाने का प्रयास कर रहा हूँ। ईश्वर प्रत्येक प्राणी को कुछ अलग तरीके से बनाया है। जो तुम पसंद करते हैं, वह तुम्हारे दोस्तों को पसंद नहीं आएगा। और तुम्हारे दोस्त को जो पसंद है, वह तुम्हें पसंद नहीं आएगा।

सोचो यदि तुम्हारी चोंच जैसी है वैसी नहीं होती तो क्या तुम अपनी पसंदीदा अखरोट खा पाते ----- नहीं न! इसलिए अपने जीवन का ध्यान यह सोचने में कभी मत लगाओ कि दूसरों के पास क्या है? और क्या नहीं? बस यह ध्यान रखो कि तुम्हारे पास जो गुण है वही सर्व श्रेष्ठ है।

और हमेशा उसे ही विकसित करने में अपना ध्यान लगाओ। ज्ञानी काका की बात सुनकर तोता बहुत खुश हुआ। उसने काका का धन्यवाद किया और खुशी-खुशी वापस अपने घर की ओर लौट गया।

इस कहानी से सीख-: इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हमें कभी भी दूसरों के गुणों को देखकर अपनी तुलना उससे नहीं करनी चाहिए। क्योंकि ईश्वर ने प्रत्येक प्राणी के अन्दर एक अलग-अलग गुण दिया है। हमें हमेशा अपने अंदर है के गुणों को पहचान कर उसका अधिक से अधिक लाभ उठाना चाहिए।

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