प्रेरणादायक कहानियां : ग्लास को नीचे रख दीजिए - Hindi Stories
प्रेरणादायक कहानियां : ग्लास को नीचे रख दीजिए - Hindi Stories-: एक विद्यालय में एक शिक्षक नए-नए नियुक्त हुए थे। उस विद्यालय की कक्षा में उनका पहला दिन था। वह शिक्षक बहुत ही ज्ञानवान और उच्च विचार वाले शिक्षक थे। पहले ही दिन उस शिक्षक ने कक्षा में उपस्थित सभी छात्रों से कहा कि छात्रों आज मैं आप लोगों को जीवन की एक बहुत ही महत्वपूर्ण सीख देने जा रहा हूं। इसे आप हमेशा याद रखिएगा।
यह कहते हुए उस शिक्षक ने अपने हाथ में पानी से भरे एक ग्लास को लिया और ऊपर उठाते हुए छात्रों से पूछा कि बताओ छात्रों आपके हिसाब से इस ग्लास का वजन कितना ग्राम होगा। किसी ने 50 ग्राम, 100 ग्राम, 150 ग्राम, 200 ग्राम------- सभी छात्रों ने अपने-अपने हिसाब से इसका उत्तर दिया।
तब शिक्षक ने कहा कि जब तक मैं इसका वज़न न कर लूँ। तब तक मुझे इसका सही भार ज्ञात नहीं हो सकता। लेकिन मेरा प्रश्न यह है कि यदि मैं इस गिलास को कुछ देर तक अपने हाथ में ही उठा के रहूँ तो क्या होगा? छात्रों ने कहा कुछ नहीं। शिक्षक ने कहा यदि मैं इसी तरह इसे 1 घंटे तक को उठाए रखूं तो क्या होगा?
छात्रों ने जवाब दिया आपके हाथ में दर्द होने लगेगा।
यदि मैं इसे 2 घंटों तक उठाये रखूं तो क्या होगा? अब छात्रों ने जबाब दिया आपके हाथ में बहुत तेज दर्द होगा। यदि 5 घंटे रखूं तो अब छात्र थोड़े कड़े स्वर में जबाब दिया। आपके हाथ में सूजन हो सकती है।
शिक्षक ने कहा आप लोगों का जवाब बिल्कुल सही है। यदि मैं इस गिलास को पूरे दिन हाथ में ही उठाए रहूं तो क्या होगा?
तब छात्रों ने कहा आपके हाथ सुन्न हो सकते हैं, जिसके कारण आपके मसल्स में तनाव आ सकता है और आपको अस्पताल भी जाना पड़ सकता है। यह बोल कुछ छात्र हंसने लगे। बहुत सही जबाब दिया आपलोगों ने। लेकिन क्या इस दौरान इस ग्लास के वजन में कोई परिवर्तन हुआ। छात्रों ने एक साथ है जवाब दिया नहीं।
तब भला हाथ में दर्द और मांसपेशियों में तनाव क्यों आया? सभी छात्र आश्चर्यचकित रह गए। उनके पास इसका कोई उत्तर नहीं था। फिर शिक्षक ने छात्रों पूछा कि अब दर्द से छुटकारा पाने के लिए मुझे क्या करना चाहिए?
ग्लास को नीचे रख देना चाहिए। एक छात्र ने उत्तर दिया। शिक्षक ने कहा बिल्कुल सही!
इस कहनी से सीख-: इस कहानी से हमें यही सीख मिलती है कि हमारे जीवन में आने वाली कठिनाइयों भी ठीक इसी प्रकार होती है। कुछ देर तक कठिनाइयों को अपने दिमाग में रखना चाहिए और उसके बाद इन्हें अपने दिमाग से बाहर निकाल देना चाहिए।
क्योंकि यदि आप अधिक देर तक जीवन में आने वाली कठिनाइयों के बारे में सोचेंगे तो आप डिप्रेशन का शिकार हो सकते हैं। इसलिए अपने जीवन में आने वाली परेशानियों के बारे में जरूर से जादा सोचना छोड़ देना चाहिए अन्यथा इससे हमारी स्वास्थ और सफलता दोनों में भारी गिरावट आ सकती है।
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