तेनालीराम की कहानियां : कितने कौवे - Crow Story in Hindi
तेनालीराम की कहानियां : कितने कौवे - Crow Story in Hindi-: महाराज कृष्णदेव राय हमेशा ही तेनालीराम से अनसुलझे प्रश्न पूछा करते थे। महाराजा कृष्णदेव राय हमेशा इस ताक में रहते थे कि किसी भी तरह से एक बार भी तेनालीराम को गलत साबित किया जाए। परंतु आज तक लगातार प्रयास करने के बाद भी वह ऐसा करने में सफल नहीं हो पाए। इसी कारण वह चिंतित रहते थे।
एक दिन वह शिकार से महल वापस लौटे और उन्होंने तेनालीराम से एक बहुत कठिन प्रश्न किया। महाराजा कृष्णदेव राय ने तेनालीराम से पूछा कि
महाराज ने कहा ठीक है।लेकिन एक बात का ध्यान रखना। यदि तुमने सही गिनती नहीं बताई तो तुम्हें दंड दिया जाएगा। तेनालीराम महाराज के इस शर्त को मान गया। महाराज और उनके दरबार में उपस्थित सभी दरबारियों ने अंदाजा लगा लिया कि इस बार तेनालीराम को दंड देने से कोई भी नहीं बचा सकता। भला किसी परिंदों की भी सही गिनती का पता लगाया जा सकता है? यह तो बहुत असंभव काम है।
महाराज कृष्णदेव राय ने तेनालीराम को आदेश दिया कि तुम्हें 2 दिनों के भीतर यह बताना होगा कि हमारी राजधानी में कुल कितने कौवे रहते हैं। यदि तुम इसका सही उत्तर बताने में असमर्थ होते हो तो तुम्हें दंड स्वरुप 1 वर्ष का कारावास दिया जाएगा। तेनालीराम ने अपनी सहमति जताई और वहां से चला गया।
फिर दो दिनों के बाद वह राज दरबार में वापस लौटा। सभी राज दरबारी बहुत खुश थे क्योंकि आज तेनालीराम को दंड मिलने वाला था। क्योंकि सभी को पता था कि इस बार तेनालीराम सही उत्तर नहीं दे पाएगा। सभी तेनालीराम के आने की प्रतीक्षा कर रहे थे।
कुछ देर बाद तेनालीराम राज दरबार में पहुंचा। उसे देख महाराज ने पूछा तो बताओ तेनालीराम हमारी राजधानी में कुल कितने कौवे हैं?
तेनालीराम ने बड़े ही विनम्रता से उत्तर दिया कि महाराज हमारी राजधानी में कुल एक लाख 50 हजार 970 कौवे हैं। यह सुन महाराज ने तेनालीराम से कहा कि यदि गिनती की संख्या जादा या कम निकली तो? तेनालीराम ने तुरंत उत्तर दिया महाराज यदि आपको शंका हो तो आप गिनती करबा सकते हैं।
यदि गिनती की संख्या कम या ज्यादा होती है तो इसका कारण भी होगा। महाराज ने तुरंत पूछा क्या कारण हो सकता है? तेनालीराम ने उत्तर दिया- यदि हमारी राजधानी में कौवे की संख्या अधिक होती है तो इसका मतलब है कि हमारी राजधानी में उन कौवों के कुछ रिश्तेदार या मित्र उनसे मिलने आए हुए हैं। और यदि संख्या घट गई है तो इसका मतलब है कि हमारी राजधानी में निवास करने वाले कौवे अपने रिश्तेदारों से मिलने के लिए दूसरे राज्य में गए हैं।
तेनालीराम के इस उत्तर को सुन महाराज हैरान हो गए। क्योंकि उनके पास कोई उत्तर नहीं था। इधर बाकी के दरबारियों का भी मुंह लटक गया। क्योंकि हर बार की तरह इस बार भी तेनालीराम ने अपनी बुद्धिमानी की मदद से खुद को दंडित होने से बचा लिया।
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