भोला और आलसी भूत । Motivational Stories in Hindi
भोला और आलसी भूत । Motivational Stories in Hindi-: बहुत समय पहले की बात है एक गांव में भोला नाम का एक युवक रहता था. वह बहुत आलसी था. और हर समय सोता रहता था. उसके पिता का नाम किशन लाल था. उसके पिता उसे बहुत परेशान रहते और हमेशा उसे समझाते रहते थे कि अरे भोला उठ जा अब तो सूरत सर पर चढ़ गया है खेतों में काम करने नहीं जाना क्या ?
क्या करूं इस लड़के का इसे तो सोने से फुर्सत ही नहीं है. अगर ऐसा ही चलता रहा तो मेरे चले जाने के बाद यह दाने-दाने को तरस जाएगा. बड़ बड़ाते हुए भोले के पिता खेतों की तरफ निकल गया.
भोला की शादी हो चुकी थी. उसकी पत्नी का नाम राधा था. वह बहुत ही समझदार थी. एक दिन उसने अपनी बहू को बुलाया और कहा मेरी तो उम्र बीत गई इस नालायक को समझाते समझाते. मैं खत्म होने को हूँ. लेकिन इसका आलस खत्म होने का नाम नहीं ले रहा. अब मैं इस जिम्मेदारी को तुम्हें सौपता हूं. मुझे लगता है इसके ऊपर किसी आलसी भूत का साया है.
अब तुम्हें ही इसके आलस का इलाज करना है. जी पिताजी कुछ दिनों बाद किशन लाल का निधन हो गया. अपने पति को सही राह पर लाने की और आलस का भूत भगाने की सारी जिम्मेदारी राधा के ऊपर आ गई.
उसने सोचा अगर मैं भी उनके साथ जाकर खेतों में काम करने लगूं तो शायद यह काम करना शुरू कर दें. अब वह भोला के साथ खेतों में जाती और कुछ देर तो भोला उसके साथ काम करता फिर जाकर पेड़ के नीचे सो जाता.
इधर राधा अकेले ही काम करती रहती. यह सिलसिला कोई दिन ऐसा ही चला. फिर 1 दिन गांव में एक सरकारी ऐलान हुआ सरकार ने सभी किसानों को मुफ्त में अच्छे बीज बांटने का ऐलान किया है. कल सुबह 6:00 बजे से सभी किसानों को बीज बांटे जाएंगे सभी अपना आधार कार्ड लेकर सरकारी ठेके पहुंच जाएं.
यह बात राधा ने आकर भोला को बताई अजी सुनते हो हां क्या हुआ सरकार कल सभी किसानों को मुफ्त में बीज बांट रही है. मुफ्त में मुफ्त सुनते ही भोला की आंखें चकरा गई. और चमक उठी यह बात राधा ने देख ली. मुफ्त बीज कैसे और कहां मिल रहे हैं. सरकारी ऐलान हुआ है. कल आधार कार्ड लेकर बस सरकारी ठेके जाना है.
6:00 बजे से बटना शुरू होगा. अगले दिन भोला 4:00 बजे ही उठ कर चला गया और वहां लाइन में सबसे आगे खड़ा था. वह बीज लेकर घर आया और बोला राधा-राधा बाहर आओ देखो मैं बीज लेकर आ गया. और वह भी फ्री में बिल्कुल मुफ्त फ्री. मुफ्त शब्द कहते हुए उसके चेहरे की खुशी और आंखों की चमक को राधा ने भाप लिया.
उसके दिमाग में एक तरकीब सूझी. अगले दिन बाद फिर बोली अजी सुनते हो, हां अब क्या हुआ सरकार ने नया ऐलान किया है. अब वह किसानों को मुफ्त में बैल भी देगी. बैल मुफ्त में अच्छा इसके लिए कहां जाना होगा. सरकारी ऐलान है कि जो भी किसान अपने खेतों में 20 क्विंटल अनाज उगा पाए गा. सरकार उसे मुफ्त में बैल देगी.
बस 20 क्विंटल हमारी जमीन तो बहुत बड़ी और उपजाऊ है. इसमें तो आराम से 30 क्विंटल अनाज हो सकता है. पर करेगा कौन आपको तो काम करना पसंद नहीं है. अरे मैं करूंगा फिर मुफ्त में बैल भी तो मिलेंगे जिनसे मेरा काम और आसान हो जाएगा.
वह अब रोज खेतों में काम करने जाता और देखते ही देखते बीज अंकुर बन गए. अंकुर पौधे और फसल लहराने लगी. एक समय ऐसा भी आया जब उसके खेत में अनाज का एक छोटा सा पहाड़ बन गया. यह अनाज तो 20 क्विंटल से ज्यादा ही होगा. हां तो फिर बताओ बैले लेने कहा जाना है कहीं नहीं जाना. वह यही आएंगे और अनाज तोल कर हमें बैले देंगे.
अगले दिन व्यापारी आया राधा ने उसे अनाज बेचा और उससे उसे डेढ़ लाख रुपए मिले और उन पैसों से उसने 10,000 के दो बैल खरीदे और बोली अजी सुनते हो हां वह बाहर आया था. उसने दो बैल देखें और बोला अरे वाह कितने मजबूत बैल हैं और वह भी फ्री में.
यह मुक्त के बैल नहीं हैं आपकी मेहनत के बैल है. और यह लीजिए 1,40,000 इतने सारे पैसे आपने जो अनाज उगाया उससे मुझे ₹1,50,000 मिले, जिसमें से मैंने 10,000 के बैल लिए. यह बाकी हमारी बचत है. भोला को बात समझ में आ गई कि अगर वह मेहनत करे तो क्या नहीं कर सकता. और उसका आलस का भूत उतर गया.
इस कहानी से सीख-: इस भोला और आलसी भूत । Motivational Stories in Hindi कहानी से हमें यही सीख मिलती है कि हमें कभी आलस नहीं करना चाहिए. यदि हम बिना आलस किये लगातार मेहनत करते हैं तो हमें एक न एक दिन जरुर सफलता मिलेगी. क्योंकि मेहनत का फल मीठा होता है.
कैसी लगी ये "भोला और आलसी भूत । Motivational Stories in Hindi" की कहानी नीचे Comment करके जरुर बताएं. यदि आप किसी विशेष टॉपिक पर कहानी पढ़ना चाहते हैं तो नीचे उस टॉपिक नाम हमें Comment करके जरुर बताएं. ताकि हम उस टॉपिक पर आपके लिए पोस्ट लिख सकें.
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