भगवान के भरोसे मत बैठो । Inspirational Moral Stories
भगवान के भरोसे मत बैठो । Inspirational Moral Stories-: एक गावं में एक बहुत ही अच्छा व्यक्ति रहता था. इसका नाम रामू था. रामू की भगवान में गहरी आस्था थी जिसके चलते वह प्रतिदिन भगवान की पूजा-अर्चना करता था. वो धार्मिक प्रवृत्तियों में गहरी आस्था वाला व्यक्ति था.
एक दिन उस गाँव में भीषण बाढ़ आ गई. गावं के लोग अपनी-अपनी जान बचाने के लिए घर की छत पर चढ़ गए. रामू छत पर चढ़कर लगातार भगवान को याद कर रहा था। वो धार्मिक प्रवृत्तियों में गहरी आस्था रखने वाला व्यक्ति था. पानी लगातार बढ़ता ही जा रहा था. लेकिन रामू को अपनी कोई चिंता न थी वह बस भगवान के भक्ति में लीन था.
इतने में वहाँ एक नाव आई, दूसरे लोगों ने उसे नाव में आने के लिए आवाज लगाई लेकिन उसने जवाब दिया- मुझे नहीं जाना है तुम जाओ, मेरी तो प्रभु रक्षा करेंगे और वो नाव आगे निकल गई ।
कुछ देर बाद एक और नाव आई, फिर से लोगों ने उससे कहा- जल्दी आ जाओ, बहुत जल्दी पानी तुम्हारी छत तक पहुँच जाएगा। उसने जवाब दिया- मुझे कुछ नहीं होगा, मुझे तो भगवान जरूर बचाएगें और पानी लगातार बढ़ रहा था, अब छत पर भी पानी पहुँचने लगा था.
इतने में वहां एक हैलिकोप्टर आया और उसमें सवार व्यक्ति ने रस्सी फेंकी और रामू से कहा कि उसे पकड़ कर हैलिकोप्टर में जल्दी से आ जाओ. उस व्यक्ति ने जवाब दिया- मुझे नहीं जाना है, मुझे तो भगवान बचाएंगे. हैलिकोप्टर से आवाज आई, कुछ ही मिनटों में तुम्हारी छत डूब जाएगी. जल्दी आओ। उसने मना कर दिया और उसके बाद कुछ ही देर में रामू पानी में डूब कर मर गया.
मरने के बाद वह ऊपर वाले के पास पहुँचा. वो बेहद क्रोधित था. उसने भगवान से कहा- मैंने जीवन भर आपकी भक्ति की और जब मैं मर रहा था तो आप मुझे बचाने नहीं आए.
भगवान ने कहा मूर्ख भक्त, तेरे घर जो दो नाव और हैलिकोप्टर आए थे, उन्हें मैने ही भेजा था. अब तू खुद ही नहीं बचना चाहेगा तो तुझे कौन बचा सकता है ? मैंने तुझे तीन बार बचने के रास्ते दिए, लेकिन तू स्वयं बचने के लिए कर्म नहीं किया तो मैं भी तेरी कोई मदद नहीं कर सकता.
भगवान की यह बात सुन रामू को अपनी गलती का अहसास हो गया.
जो लोग अपनी असफलताओं और नाकामियों को भाग्य या भगवान की इच्छा के नाम पर छुपाते है, वे जीवन भर ऐसे ही रह जाएंगे क्योंकि ऊपर वाला भी कर्मवीरों की ही पुकार सुनता है.
जब भी हम मुश्किल में होते है, अनायास ही हमें ईश्वर याद आ जाता है। डाक्टर भी मरीज को बचाने के सारे प्रयास करने के बाद कहता है, सब कुछ ऊपर वाले के हाथ में हैं. वो उन्हें उनके कार्य का उचित परिणाम देना चाहता है. उसके दरबार में देर तो हो सकती है परन्तु अंधेर नहीं है. बस वो इंतजार करता है कि आप पूरी तन्मयता से अपना काम करें.
इस कहानी से सीख -: जीवन में मुश्किलें और कठिनाइयाँ तो आएगी ही, ऐसे वक्त में उस ऊपर वाले को याद करना लेकिन पूरी ताकत से कर्म करना भी जरुरी है क्योंकि ऊपर वाला भी कर्मवीरों को ही चाहता है. इसलिए हमेशा भगवान के भरोसे मत बैठो अपना कर्म भी करते रहो.
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