मूर्ख इंजीनियर और राजा की कहानी । Stories Of Hindi
किसी देश में तीन इंजीनियर काम करते थे. एक बार वहां के राजा ने उन तीनों इंजीनियरों को एक महत्त्वपूर्ण काम दिया और साथ ही साथ उन्हें हिदायद भी दी गई कि यदि उन्होंने कोई गलती की तो उन्हें मौत की सजा दी जाएगी. कुछ दिनों बाद राजा को पता चला कि उन इंजीनियरों ने काम में बहुत बड़ी गलती कर दी है.
तब वहां के राजा क्रोधित हो गए और उन्होंने उन तीनों इंजीनियरों को मौत की सजा सुना दी. उन इंजीनियरों ने राजा से बहुत विनती की तो राजा ने उनसे कहा कि मैंने फैसला तो सुना दिया लेकिन ऊपर वाले की इच्छा होगी तो वह तुम्हें अवश्य ही फांसी से बचा लेगा.
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मूर्ख इंजीनियर और राजा की कहानी । Stories Of Hindi |
इस बिल्ली से सभी चूहे परेशान रहने लगे। परंतु यह चूहे कर भी क्या सकते थे ? बिल्ली के डर से सभी चूहे अपने घर से बाहर नहीं निकलते थे। हमेशा घर में ही रहते थे। परंतु उनके लिए सबसे बड़ी समस्या भोजन थी। यदि वो दिन भर घर पर बैठते तो उन्हें भोजन नहीं मिल पाता अर्थात सारा दिन घर पर बैठे रहना संभव नहीं था।
वहाँ मशीन से गर्दन काटकर मौत की सजा देने का प्रावधान था। नियत तिथि पर जब उन्हें ले जाया जा रहा था तो उनसे सहानुभूति रखने वाले एक वरिष्ठ व्यक्ति ने कहा- चाहे जो भी हो जाए, वहाँ कुछ भी मत बोलना, गूंगे की तरह चुप रहना. इंजीनियरों ने उसकी सलाह को मानकर चुप रहने का निर्णय लिया.
पहले इंजीनियर की गर्दन मशीन में रखी गई, जैसे ही बटन दबा, मशीन में से गर्दन काटने का औजार बाहर आया परन्तु गर्दन से कुछ इंच की दुरी पर रुक गया। जल्लाद ने कहा कि- भगवान की मर्जी तुम्हें मारने की नहीं है, और उस इंजीनियर की सजा को क्षमा कर दिया गया.
फिर दूसरे इंजीनियर की गर्दन रखी, उसमें भी औजार कुछ दूर पर रुक गया। उसे भी जल्लाद ने भगवान की मर्जी मानकर छोड़ दिया.
तीसरा इंजीनियर बहुत देर से यह देख रहा था, वह गूंगे रहो सिद्दान्त को भूल गया। जैसे ही उसकी गर्दन रखी गई, उसने तुरन्त जल्लाद से कहा कि मूर्ख इतनी देर से जिसे तुम भगवान की मर्जी कह रहे हो. वह मशीन की एक छोटी सी त्रुटि है. उसने त्रुटि बताई और जल्लाद ने तुरन्त मशीन से उसकी गर्दन को काट दी.
यदि वह तीसरा इंजीनियर उस समय चुप रहता तो उसके प्राण बच सकते थे, उन दो इंजीनियरों की तरह. लेकिन उसने चुप रहने के सिदांत को भूल गया जिसकी कीमत उसे अपनी जान देकर चुकानी पड़ी.
जब भी आपका बॉस, पति या पत्नी बहुत गुस्से में हो, उस वक्त आपका बोलना आग में घी की तरह काम करेगा, इसलिए गूंगे बन जाओ अर्थात चुप रह जाओ.
कई बार आप सही होंगे इसके बाद भी विवाद के समय चुप रह जाएँ और धैर्य रखें, ये बात गुस्सा उतरने के बाद सामने वाले व्यक्ति को बहुत परेशान करेगी और उसे पश्चाताप होगा। ऐसा करने से आपकी भी गरिमा बढ़ेगी।
इस कहानी से सीख-: इस कहानी "मूर्ख इंजीनियर और राजा की कहानी । Stories Of Hindi" से हमें यही सीख मिलती है कि हमें हमेशा वाद-विवाद के समय शांत रहना चाहिए और कठिन परिस्थिति में चुप रहने के लाभ। Advantages of being silent को कभी नहीं भूलना चाहिए.
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