यह घटना दुनिया के महान वैज्ञानिक थॉमस एल्वा एडिसन के जीवन में घटने वाली एक घटना पर आधारित है I इस कहानी का मुख्य उद्देश्य हर परिस्थिति में व्यक्ति को सकारात्मक सोच कैसे बनाए रखें यह सिखाना है I
दिसम्बर की ठंडी रात थी I न्यूजर्सी शहर में एडिसन की एक बहुत बड़ी फैक्ट्री थी जो बहुत ही अच्छी तरह से कार्य कर रही थी I एडिसन की यह फैक्ट्री पूरी तरह से फायरप्रूफ मानी जाती थी I एक दिन अचानक उनकी फैक्ट्री में आग लग गई I उस दिन एडिसन फैक्ट्री में उपस्थित थे I फैक्ट्री में भयंकर आग लगता देख I एडिसन का 24 वर्षीय पुत्र चार्ल्स हाँफते हुए एडिसन के पास पहुंचा और अपने पिता को बताया कि उनकी फैक्ट्री में भयंकर आग लग चुकी है जिसे रोक पाना संभव नहीं है I
एडिसन तुरंत उस आग वाली जगह पर पहुंचे और उस आग की लपटों को बड़े गौर से देख रहे थे I चार्ल्स ने सोचा कि उसके पिता की जीवन की सारी कमाई आग में जल गई जिसके कारण एडिसन को सदमा लगा है और वह आग की लपटों को बड़े गौर से देख रहे हैं I
एडिसन ने तुरंत कहा चार्ल्स तुम्हारी मम्मी कहां है I उसे तुरंत यहां बुलाओ क्योंकि उसे उसके जीवन में ऐसा नजारा फिर कभी देखने को नहीं मिलेगा I यह सुन चार्ल्स भी दंग रह गया I दूसरे दिन प्रातः काल एडिसन अपने जले हुए फैक्ट्री को देख रहे थे और उन्होंने कहा
“Thanks God, We can start a New
हे ईश्वर ! तुम्हें धन्यवाद, हम नए सिरे से पुनः प्रारंभ कर सकते हैं I”
एडिसन कि यह बात सुन उनके सभी कर्मचारी आश्चर्यचकित थे I एडिसन को बर्बादी में भी सकारात्मकता दिखाई दी I वे इतने आशावादी थे कि उन्होंने पुनः शुरू से कार्य प्रारंभ करने का विश्वास दिखाया I महान व्यक्तियों का दृष्टिकोण हमेशा महान ही होता है उन्हें हर समस्या में भी अवसर नजर आती है I
इस कहानी सकारात्मक सोच का परिणाम | Positive thinking Hindi Story से हमें यही सीख मिलती है कि हमें कभी भी अपने जीवन में निराश नहीं होना चाहिए I विपरीत परिस्थितियों में भी स्वयं को एडिसन की तरह आशावादी बनाये रखना चाहिए I
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