सोमवार, 6 जुलाई 2020

बिल्ली के गले में घंटी । Moral Stories for Kids in Hindi

बिल्ली के गले में घंटी । Moral Stories for Kids in Hindi

बिल्ली के गले में घंटी । Moral Stories for Kids in Hindi-: बहुत समय पहले की बात है शिकारपुर नामक एक जंगल में बहुत सारे चूहे अपने परिवार के साथ रहते थे उनके पास खाने पीने की कोई कमी नहीं थी उनका जीवन बहुत ही मजे में बीत रहा थावे बड़े ही मजे में घूमते खाते और खूब एक दूसरे के साथ मस्ती करते थे

बिल्ली के गले में घंटी । Moral Stories for Kids in Hindi
बिल्ली के गले में घंटी । Moral Stories for Kids in Hindi

एक दिन अचानक उस जंगल में एक बिल्ली कहीं से आ गया अब वह बिल्ली चूहों को मारकर खाने लगी इससे धीरे-धीरे चूहों के अंदर डर का माहौल बन गया अब सभी चूहे उस बिल्ली से भयभीत होने लगे प्रतिदिन बिल्ली आती और किसी न किसी चूहे को वह पकड़कर खा लेती

इस बिल्ली से सभी चूहे परेशान रहने लगे परंतु यह चूहे कर भी क्या सकते थे ? बिल्ली के डर से सभी चूहे अपने घर से बाहर नहीं निकलते थे हमेशा घर में ही रहते थे परंतु उनके लिए सबसे बड़ी समस्या भोजन थी यदि वो दिन भर घर पर बैठते तो उन्हें भोजन नहीं मिल पाता अर्थात सारा दिन घर पर बैठे रहना संभव नहीं था

उन्हीं में से एक बुजुर्ग चूहा भी था सभी अन्य चूहे ने उस बुजुर्ग चूहे से अनुरोध किया कि इस समस्या का कोई हल बताएं बुजुर्ग चूहे ने एक सभा बुलाई सभा के समय पर सभी चूहे उपस्थित हो गए
तब उस बुजुर्ग चूहे ने सभी से कहा कि सभी अपनी-अपनी राय दें

तभी उनमें से एक चूहे ने कहा कि जब बिल्ली सो रही होगी, तब हम सभी मिलकर उस पर हमला कर देंगे और उसे मार देंगे इस पर बुजुर्ग चूहे ने कहा कि नहीं हम ऐसा नहीं कर सकते क्योंकि यदि हम बिल्ली पर हमला करते हैं तो इसमें हमारे बहुत सारे साथी मारे जा सकते हैं और बहुत घायल हो सकते हैं इसलिए ऐसा करना हमारे लिए अधिक नुकसान देह साबित होगा

तभी एक दूसरे चूहे ने कहा की तो हम इससे बचने के लिए और क्या उपाय कर सकते हैं उसी भीड में से एक तीसरे चूहे ने कहा कि क्यों ना हम लोग मिलकर बिल्ली के गले में घंटी बांध दें जब बिल्ली सो रही हो तो उसके गले में घंटी बांध देंगे, जिससे वह जब भी हमारे घर के आस पास आएगी तो हम लोग घंटी की आवाज़ सुनकर भाग जाएंगे

हम इस बिल्ली से बच भी जाएंगे इसमें हमारा नुकसान भी नहीं होगा बुजुर्ग चूहे और सभा में उपस्थित अन्य चूहों को भी इस तीसरे चूहे का उपाय बहुत पसंद आया परंतु अफसोस की बात यह थी की इस संकट भरे काम को करेगा कौन ?

बिल्ली के गले में घंटी । Moral Stories for Kids in Hindi
बिल्ली के गले में घंटी । Moral Stories for Kids in Hindi

कोई भी चूहा अपने प्राणों को संकट में डालकर उस बिल्ली के गले में घंटी बांधने को तैयार नहीं था उसमें से किसी ने भी रिस्क लेकर उस बिल्ली के गले में घंटी बांधने की कोशिश भी नहीं कीसभी चूहे डर के साथ ही जीने लगे किसी ने भी हिम्मत नहीं कि रिस्क लेने की इससे हुआ यह कि बिल्ली के गले में घंटी नहीं बंध सकी
इस कहानी से सीख-: इस कहानी "बिल्ली के गले में घंटी । Moral Stories for Kids in Hindi" की सीख - हमारे जीवन में भी कई बार ऐसा होता है कि हम भी सफल होने के लिए अच्छे उपाय सोच तो लेते हैं परन्तु रिस्क लेने से डरते हैं की यदि असफल हो गए तो क्या होगा ? इसलिए अच्छा उपाय जब भी आपके मन में आये तो उस पर काम करना शुरू कर दीजिये आपको देर-सबेर सफलता जरुर मिलेगी

कैसी लगी ये "बिल्ली के गले में घंटी । Moral Stories for Kids in Hindi" की कहानी नीचे Comment करके जरुर बताएं. यदि आप किसी विशेष टॉपिक पर कहानी पढ़ना चाहते हैं तो नीचे उस टॉपिक नाम हमें Comment करके जरुर बताएं. ताकि हम उस टॉपिक पर आपके लिए एक अच्छी पोस्ट लिख सकें

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