रविवार, 5 जुलाई 2020

मूर्ख बातूनी कछुआ और हंस की कहानी। Short Hindi Stories

मूर्ख बातूनी कछुआ और हंस की कहानी। Short Hindi Stories

मूर्ख बातूनी कछुआ और हंस की कहानी। Short Hindi Stories-: एक बार की बात है एक नदी में एक कछुआ रहता था इस नदी की सबसे खास बात यह थी कि यह कभी भी सुखी नहीं थी इसमें सालों घर पानी भरा रहता था कछुआ खुशी से अपना जीवन यापन करता था

इसी नदी किनारे दो हंस भी आया करते थे हंस बहुत ही हंसमुख स्वभाव के थे कुछ दिनों के भीतर ही हंस और कछुए में गहरी मित्रता हो गई कछुआ बहुत भोला था हंस को कछुए का धीरे-धीरे चलना और उसका भोलापन बहुत पसंद था दोनों हंस बहुत बुद्धिमान थे


मूर्ख बातूनी कछुआ और हंस की कहानी। Short Hindi Stories
मूर्ख बातूनी कछुआ और हंस की कहानी। Short Hindi Stories

कछुआ नदी के किनारे ही टहलता था जबकि हंस दूर-दूर तक उड़कर सैर करती थी हंस कछुए को हमेशा शिक्षाप्रद कहानियां सुनाया करती थी हंस हमेशा आसमान में उड़ते रहती थी इसलिए उसे बहुत सारी जानकारियां थी दोनों का जीवन बहुत ही मजे में बीत रहा था

कछुआ भी हंसों की कहानी को मंत्रमुग्ध होकर सुनता था परंतु कछुए में एक बुरी आदत थी वह हमेशा बीच-बीच में हंसो को टोका करता था। और बहुत बोलता था अपने सज्जन स्वभाव के कारण हंस कछुए की इस बातूनी आदत का बुरा नहीं मानती थी

एक बार उस क्षेत्र में बहुत भीषण अकाल पड़ा वर्षा के समय में एक बूंद भी पानी नहीं बरसा इससे नदी का पानी धीरे-धीरे सूखने लगा नदी में रहने वाले अन्य जीव जंतु और मछलियां तड़प-तड़प कर मरने लगी


नदी का पानी बहुत ही तेजी से सूखने लगा एक समय ऐसा आ गया कि नदी में सिर्फ कीचड़ ही बच गया अब कछुए को बड़ी चिंता होने लगी क्योंकि कछुए का जीवन संकट में पड़ गया अपने मित्र कछुए को संकट में देख हंस भी बहुत चिंतित हो गए

हंस ने कछुए को भरोसा दिलाया कि मित्र चिंता मत करो मैं तुम्हें यहां से ले जाने का कोई ना कोई मार्ग अवश्य ढूंढ निकालूंगी वे दूर-दूर तक आसमान में उड़ कर अपने मित्र के संकट का हल ढूंढने लगी एक दिन जब हंस कछुए के पास लौटी तो वह बहुत खुश थी

उसने खुश होते हुए कछुए से कहा कि मित्र यहां से 100 मील दूर एक बहुत ही बड़ा तालाब है उसमें काफी पानी है तुम वहां मजे से रह सकते हो यह सुन कछुए ने चिंतित होते हुए कहा कि मित्र यह तो ठीक है परंतु वहां पहुंचने में मुझे महीनों लग जाएंगे और अब तक तो मेरा जीवन भी समाप्त हो चुका होगा

कछुए की बात बिल्कुल सही थी हंस ने दिमाग लगाया और एक तरकीब निकाली हंस गई और लकड़ी का एक टुकड़ा उठाकर ले आई और बोली मित्र हम दोनों हंस अपनी चोंच में इस लकड़ी के सिरे को पकड़कर एक साथ उड़ेंगे तुम इस लकड़ी को बीच से मुंह में जोर से पकड़ कर रखना इस प्रकार हम तुम्हें उस झील तक पहुंचा देंगे फिर तुम्हारा प्राण भी बच जाएगा

मूर्ख बातूनी कछुआ और हंस की कहानी। Short Hindi Stories
मूर्ख बातूनी कछुआ और हंस की कहानी। Short Hindi Stories

हंसने कछुए को चेतावनी देते हुए कहा कि मित्र याद रखना कि जब हम आसमान में उड़ रहे हों तब तुम अपना मुंह मत खोलना अन्यथा तुम जुड़ गिर जाओगे, जिससे तुम्हारी मौत भी हो सकती है कछुए ने हां मैं अपना सिर हिलाया

दोनों हंसो ने लकड़ी को अपनी चोंच में पकड़ा और कछुआ भी लकड़ी को बीच में अपने मुंह से दबाया फिर तीनों आसमान में उड़ने लगे कुछ देर बाद हंस एक गांव से होकर गुजर रहे थे। तभी वहां के लोगों ने देखा की बहुत ही अद्भुत नजारा है कछुआ आसमान में उड़ रहा है कुछ देर बाद उस गांव में भीड़ इकट्ठा हो गई और ख़ुशी के मारे सभी लोगों ने शोर मचाना शुरु कर दिया


जब कछुए की नजर नीचे के लोगों पर पड़ी तो वह खुशी से झूम उठा उसने हंस से कहा देखो मित्र हमें कितने लोग देख रहे हैं वह हंस के दिए चेतावनी को भूल गया और ज्यों ही उसने अपना मुंह खोला वह नीचे जंगलों में गिर पड़ा। उसका कोई अता-पता नहीं चला और उसकी मौत हो गई

इस कहानी से सीख-: इस कहानी "मूर्ख बातूनी कछुआ और हंस की कहानी। Short Hindi Stories" से हमें यह सीख मिलती है कहां पर क्या और कितना बोलना है और कहां चुप रहना है हमें हमेशा इसका ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि गलत समय पर अपना मुह खोलना हमारे लिए घातक सिद्ध हो सकता है

कैसी लगी ये "मूर्ख बातूनी कछुआ और हंस की कहानी। Short Hindi Stories" की कहानी नीचे Comment करके जरुर बताएं. यदि आप किसी विशेष टॉपिक पर कहानी पढ़ना चाहते हैं तो नीचे उस टॉपिक नाम हमें Comment करके जरुर बताएं. ताकि हम उस टॉपिक पर आपके लिए एक अच्छी पोस्ट लिख सकें

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