पंचतंत्र की कहानी : दो बिल्लियां और एक बंदर। Hindi Story
पंचतंत्र की कहानी : दो बिल्लियां और एक बंदर। Hindi Story-: बहुत समय पहले की बात है। एक जंगल में दो बिल्लियां रहती थी। दोनों बहुत अच्छी दोस्त थी और हमेशा एक दूसरे के बारे में सोचती थी। उन्हें खाने में कुछ भी मिलता तो दोनों हमेशा आपस में मिल बांट के ही खाती थी। जंगल के अन्य जानवर हमेशा दोनों बिल्लियों की मित्रता का उदाहरण देते थे।
एक दिन उन दोनों को बहुत जोर की भूख लगी और वह खाने की तलाश में निकल पड़े। काफी देर बाद उन्हें एक बहुत ही स्वादिष्ट रोटी का टुकड़ा मिला। उनमें से एक बिल्ली ने उस रोटी के टुकड़े को उठाया और झट से खाने लगी।
तभी दूसरी बिल्ली ने कहा अरे ये क्या ? तुम अकेले ही रोटी खाने लगी। मुझे भूल गई क्या ? मैं तुम्हारी मित्र हूं। हम जो भी खाते हैं। आपस में बांट कर ही खाते हैं।
लेकिन आज तुम इसे अकेले ही खाने लगी। तभी उस बिल्ली ने रोटी के दो टुकड़े किए और एक टुकड़ा उस दूसरी बिल्ली को दे दी। यह देख दूसरी बिल्ली ने फिर कहा तुमने मुझे रोटी का छोटा टुकड़ा दिया है। यह तो गलत बात है। उसके बाद दोनों बिल्लियां आपस में झगड़ा करने लगी। झगड़ा इतना बढ़ गया कि वहां सभी जानवर इकट्ठे हो गए।
तभी वहां एक बंदर आया और उसने उन दोनों से कहा कि तुम दोनों आपस में क्यों झगड़ा कर रही हो। दोनों बिल्ली ने पूरी बात बताई। तब बंदर ने कहा बस इतनी सी बात ! मैं अभी तुम दोनों के झगड़े को समाप्त कर देता हूं।
उस बन्दर ने कहा कि मैं दोनों टुकड़ों को तौलता हूं और दोनों को बराबर भागों में बांटदूंगा, जिससे कि तुम दोनों को अपना-अपना हिस्सा मिल जाएगा। दोनों बिल्लियां ने कहा मंजूर है।
बंदर झट से गया और एक तराजू ले आया उसने दोनों टुकड़े को एक-एक करके पलड़े पर रख दिया । तौलते हुए उसने देखा कि एक पलड़ा भारी था। तब वह बोला अरे यह टुकड़ा तो बड़ा है। चलो दोनों को बराबर कर देता हूं।
यह कहते हुए उसने बड़े टुकड़े में से थोड़ा सा तोड़कर खा लिया। इस तरह हर बार जो भी पलड़ा भारी होता, उस तरफ से वह थोड़ा-थोड़ा तोड़ कर खाने लगा।
अब दोनों बिल्लियां घबराने लगी। बंदर के फैसले का इंतजार करती रही। लेकिन जब उन्होंने देखा कि अब रोटी का बहुत छोटा टुकड़ा बचा हुआ है। तब उन्होंने बंदर से कहा कि आप चिंता ना करें ।अब हम लोग अपने आप रोटी का बंटवारा कर लेंगे।
दोनों कि बात सुनकर बंदर ने कहा ठीक है। जैसा आपको उचित लगे। लेकिन मैंने जो मेहनत की है, उसकी मजदूरी तो मुझे मिलनी ही चाहिए।
यह कहकर बंदर ने रोटी के बचे हुए दोनों टुकड़े को भी खा लिया। बेचारी बिल्लियां हाथ मलते, वहां से खाली हाथ लौट गई। दोनों बिल्लियों को अपनी गलती का एहसास हो चुका था। उन्हें समझ में आ चुका था कि आपसी फूट बहुत बुरी होती है। आपसी फूट के कारण ही दूसरे लोगों का फायदा उठाते हैं।
इस कहानी से सीख-: इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि कभी भी अधिक लालच नहीं करनी चाहिए। साथ ही साथ हमेशा आपसी विवाद को खुद ही सुलझाना चाहिए। अन्यथा कोई तीसरा व्यक्ति हमारे आपसी फूट का फायदा उठा सकता है।
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