लालची दुकानदार की कहानी । Short Stories with Moral
लालची दुकानदार की कहानी । Short Stories with Moral-: विजयपुर नामक एक गांव में एक बहुत ही लालची दुकानदार रहता था। उसका नाम हरि किशन था। उस गांव में मात्र एक उसका ही दुकान था जिसके वजह से गांव के सभी लोग उसी दुकानदार से अपने जरुरी सामानों को खरीदते थे। हरि किशन सामान लेने आए ग्राहकों से कभी भी अच्छे तरीके से बात नहीं करता था।
वह हमेशा उचित मूल्य से अधिक मूल्य लोगों से वसूलता था। इसके अलावे वह डंडी भी मारा करता था यानी एक किलो आटा की जगह पर वह मात्र 800 ग्राम आटा ही देता था। लोगों को भी उसका व्यवहार पसंद नहीं था परन्तु वे सभी मजबूर थे क्योंकि उस गांव में मात्र एक ही दुकान था। इसलिए कोई भी उसका विरोध नहीं करता था।
उसी गावं में श्याम नाम का एक गरीब लड़का रहता था। एक दिन श्याम की मां ने उसे दुकान से 1 किलो चीनी लाने को कहा। श्याम गया और उसी दुकानदार से 1 किलो चीनी देने को कहा। हरि किशन ने उससे पैसे लिए और 1 किलो चीनी दे दिया। श्याम चीनी लेकर अपने घर पहुंच गया।
जब घर पहुंचा तो उसकी मां ने उससे कहा कि श्याम यह यह किलो चीनी नहीं है। यह चीनी कम लग रही है। माँ की बात सुनकर श्याम ने कहा नहीं माँ यह पूरे 1 किलो ही चीनी है। मैंने दुकानदार को पूरे 1 किलो चीनी के पैसे दिए हैं और उसने मेरे सामने ही तौला था। श्याम कि बात सुनकर उसकी माँ ने कहा हो सकता है वह दुकानदार ने डंडी मार ली हो।
यह सुन श्याम ने कहा कि रुको मां मैं अभी चीनी को तौल कर देख लेता हूं। जब श्याम ने उसको तौला तो देखा कि वह मात्र 800 ग्राम चीनी ही है। श्याम दौड़ता हुआ हरि किशन के पास पहुंचा और बताया कि मैंने आपको एक किलो चीनी का पैसा दिया। लेकिन यह तो सिर्फ 800 ग्राम ही है।
इस पर हरि किशन क्रोधित हो उठा। उसने श्याम पर झल्लाते हुए कहा कि मैंने तुम्हें पूरे 1 किलो ही चीनी दिया था। तुमने घर जाकर इसे निकाल लिया और हम पर आरोप लगाने आए हो। श्याम ने उसे बहुत समझाने की कोशिश की। परंतु हरि किशन मानने को तैयार नहीं था।
अंत में वह निराश होकर घर की ओर लौट गया। उसने निश्चय किया कि इस लालची दुकानदार की पोल लोगों के सामने जरूर खोलेगा। अगले दिन श्याम अपने झोले में तराजू लेकर उस दुकान के पास ही एक गली में छिप गया और इंतजार करने लगा।
तभी एक ग्राहक आया और उसने हरि किशन से 5 किलो चावल खरीदा। इसे देख श्याम तुरंत बाहर आया और उस ग्राहक से कहा कि सुनिए आपने जो अभी इस दुकान से चावल खरीदा है वह 5 किलो से कम है। ग्राहक ने उसे समझाया कि नहीं-नहीं ऐसा नहीं है। इसने मेरे सामने ही तौल कर मुझे 5 किलो चावल दिया है।
श्याम ने फर कहा- मैं आपके चावल को तौल देता हूं क्योंकि यह दुकानदार लोगों को हमेशा कम सामान ही देता है। और यदि यह 5 किलो है तो मैं एक बार आपके सामने ही तौल कर देख लेता हूं ।फिर खुद पता चल जाएगा कि यह चावल 5 किलो ही है या नहीं। ग्राहक ने श्याम की बात मान ली श्याम ने अपने झोले से ताजू निकाला और चावल को तौलने लगा।
जब श्याम ने चावल तौला तब देखा कि उस मात्र 4 किलो ही चावल थे। यह देख वहां पर सभी गांव वाले इकट्ठा हो गए। सभी ने मिलकर उस लालची दुकानदार को खूब सबक सिखाया। और सभी गांव वाले ने निश्चय किया कि आज के बाद इस दुकान से कोई भी सामान नहीं खरीदेगा। साथी साथ सभी गांव वाले ने श्याम की प्रशंसा की और दुकानदार की चोरी पकड़ने के लिए उसे बहुत बहुत धन्यवाद दिया।
इस कहानी से सीख-: इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि चोर कितना ही शातिर क्यों ना हो ? उसकी चोरी एक ना एक दिन जरूर पकड़ी जाती है। इसलिए हमें कभी भी चोरी नहीं करनी चाहिए क्योंकि बुरा कर्म का फल हमेशा बुरा ही होता है।
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