एक सेठ और भिखारी की कहानी । Moral Stories in Hindi
एक सेठ और भिखारी की कहानी । Moral Stories in Hindi-: बहुत समय पहले की बात है। पारसपुर नामक एक गांव में एक बहुत ही धनी सेठ रहता था। उसके पास अपार धन संपदा थी। उसे किसी भी चीज की कोई कमी नहीं थी। यह सेठ बहुत ही ईमानदार व्यक्ति था। यह अपने सभी कामों को बड़ी ही इमानदारी एवं लगन से किया करता था।
सेठ एक दिन अपने बिजनेस के काम से शहर की ओर जा रहा था। तभी उसी रास्ते में एक भिखारी दिखा। भिखारी आया और उसने सेठ से अनुरोध किया कि उसे कुछ पैसे दे दे। सेठ बहुत समझदार था। उसने भिखारी से कहा कि मैं एक व्यापारी हूं और मैं तुम्हें पैसे एक ही शर्त पर दे सकता हूं। जब तुम पैसे के बदले कोई और चीज मुझे दोगे तो ही मैं तुम्हें पैसे दे सकता हूं।
भिखारी ने बड़े ही विनम्र स्वर में कहा कि साहब मैं तो खुद ही भिखारी हूं ।मेरे पास आपको देने के लिए कुछ भी नहीं है। तब उस सेठ ने कहा तब मैं तुम्हें पैसे नहीं दे सकता हूं। यह बोलकर सेठ अपने काम पर चल पड़ा ।
सेठ के जाने के बाद भिखारी सोचने लगा कि आखिर में लोगों को क्या दे सकता हूं। ताकि जिसके बदले वह मुझे पैसे दे सकें। उसे सोचते हुए 2 दिन गुजर गए। लेकिन फिर भी उसे कुछ भी समझ में नहीं आया।
उसने देखा कि पास ही एक बगीचा है, जिसमें बहुत सुंदर सुंदर फूल लगे हुए हैं। अचानक उसने बगीचे से कुछ फूल तोड़े और भीख मांगने निकल पड़ा। जो भी व्यक्ति उसे पैसे देता, वह उसे फूल दे देता। इस तरह काफी समय गुजर गया। धीरे-धीरे भिखारी को बहुत ज्यादा भीख मिले लगा। भिखारी अब बहुत खुश रहने लगा परंतु जब उसके पास फूल नहीं होते थे तो उसे कोई भी पैसा नहीं देता।
एक दिन वही सेठ दोबारा उसी रास्ते से गुजर रहा था। तब सेठ को देखकर भिखारी दौड़ा-दौड़ा उसके पास गया और बोला कि आज आपको देने के लिए मेरे पास फूल है। इसके बदले में मुझे पैसे दे दीजिए। यह सुनकर सेठ ने मुस्कुराते हुए कहा कि अब तो तुम एक व्यापारी बन चुके हो बिल्कुल मेरी तरह। और उसने कुछ पैसे देकर फूल लिया और अपने रास्ते चल पड़ा।
सेठ के जाने के बाद भिखारी सोच में पड़ गया की कैसे मैं भिखारी से एक व्यापारी बन गया हूं। कुछ देर बाद वह खुशी के मारे नाचने लगा और जोर जोर से चिल्लाने लगा। क्योंकि उस समझ में आ गया था कि सेठ ने उसे व्यापारी क्यों कहा क्योंकि वह फूल के बदले पैसे लेता है।
कुछ साल बाद भिखारी फूल का एक बहुत बड़ा व्यापारी बन चुका था। एक दिन वह फूल वाला भिखारी जा रहा था। तभी रास्ते में उसे फिर से वही सेठ नजर आया। वह दौड़ते हुए सेठ के पास गया और बोला आपका बहुत बहुत धन्यवाद। आज मैं आपकी वजह से ही एक भिखारी से इतना बड़ा बिजनेसमैन बन पाया हूं।
यह सुनकर सेठ को बहुत अच्छा लगा और उसने कहा कि चलो कम से कम किसी को तो मेरी बात समझ में आई।
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एक सेठ और भिखारी की कहानी । Moral Stories in Hindi |
इस कहानी से सीख-: इस कहानी "एक सेठ और भिखारी की कहानी । Moral Stories in Hindi" से हमें यही सीख मिलती है कि चाहे हमारी परिस्थिति कितनी भी विपरीत क्यों ना हो, यदि हम सच्चे लगन से मेहनत करें तो हमें आगे बढ़ने से कोई रोक नहीं सकता।
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