शुक्रवार, 10 जुलाई 2020

पंचतंत्र की कहानी : दिन में सपने । Short Hindi Stories

पंचतंत्र की कहानी : दिन में सपने । Short Hindi Stories

पंचतंत्र की कहानी : दिन में सपने । Short Hindi Stories-: बंसीपुर नामक गांव में एक लड़की अपनी मां के साथ रहती थी वह लड़की बड़ी चंचल स्वभाव की थी उसका नाम संगीता था संगीता अक्सर दिन मैं सपने देखा करती थी। हमेशा ही वह सपने में खोई रहती थी इसी आदत से उसकी मां हमेशा चिंतित रहती थी

पंचतंत्र की कहानी : दिन में सपने । Short Hindi Stories
पंचतंत्र की कहानी : दिन में सपने । Short Hindi Stories

एक दिन संगीता ने सोचा कि क्यों ना दूध ले जाकर शहर में बेचा जाए उसने अपनी मां से पूछा की मां मैं शहर जा रही हूं दूध बेचने क्या तुम्हें शहर से कुछ मंगवाना भी है ? उसकी मां ने कहा कि नहीं, मुझे कुछ भी नहीं चाहिए, हां लेकिन इस दूध को बेचकर तुम्हें जो पैसे मिलेंगे उससे तुम्हें जो चाहिए तो वह ले लेना


संगीता अपने सर पर दूध से भरा बर्तन रखी और इसे बेचने शहर की ओर निकल पड़ी चलते चलते संगीता फिर से सपनों में खो गई उसने अपने मन में सोचा कि दूध बेचने से उसे अधिक पैसे नहीं मिलेंगे ऐसा कौन सा काम करूं जिससे मुझे अधिक पैसे मिलेंगे

तभी उसके दिमाग में एक विचार आया की इस दूध को बेचकर जो पैसे मिलेंगे उससे वह मुर्गी खरीद लेगी वह मुर्गियां प्रतिदिन अंडे देगी इन अंडों को बाजार में बेचकर काफी पैसे कमा सकती हूं उन पैसों से मैं और भी मुर्गियां खरीदूंगी फिर उनसे चूजे निकलेंगे और फिर बहुत सारे अंडे मिलेंगे इस तरह में बहुत सारे पैसे कमाऊंगी

फिर उसने सोचा कि इतने पैसों का करूंगी क्या ? हां मैं उन पैसों से अपने लिए नए-नए कपड़े और टोपी खरीद दूंगीजब मैं यह ड्रेस और टोपी पहन कर बाहर निकलूंगी तो पूरे शहर के लड़के मुझे ही देखेंगे सब मुझसे दोस्ती करना चाहेंगे मैं भी इतराकर उनसे बात करूंगी बड़ा मजा आएगा

यह देखकर बाकी की सब लड़कियां तो मुझसे जलने लगेगी, उन्हें जलता देख बहुत आनंद आएगाउन्हें देखकर स्टाइल मारकर आगे बढ़ जाऊंगी यह सोचते हुए संगीता ने जोर से अपनी गर्दन को झटक दिया। इससे उसका संतुलन बिगड़ गया और वह तुरंत ही जमीन पर गिर गई। उसके जमीन पर गिरते ही उसका सारा दूध बर्बाद हो गया


यह देख वह सदमे में आ गई वह सपने से बाहर आई वह काफी उदास मन से घर की तरफ लौटने लगी घर पहुंचकर उसने अपनी मां से सारी बात बताई और माफी मांगने लगी यह सुनकर उसकी मां ने उससे कहा कि दूध गिरने की चिंता छोड़ो परंतु एक बात को हमेशा याद रखना कि "जब तक अंडे ना फूट जाए तब तक चूजे गिनने से कोई फायदा नहीं" मां क्या कहना चाह रही थी, संगीता समझ चुकी थी

पंचतंत्र की कहानी : दिन में सपने । Short Hindi Stories
पंचतंत्र की कहानी : दिन में सपने । Short Hindi Stories

उसकी मां यही कहना चाहती थी कि जब तक हाथ में कुछ नहीं हो तब तक यूं ही ख्याली पुलाव नहीं पकाना चाहिए। हमेशा सपने देखने से कुछ नहीं होता। इसके लिए मेहनत करना पड़ता है


इस कहानी से सीख-: इस कहानी "पंचतंत्र की कहानी : दिन में सपने । Short Hindi Stories" से हमें यह सीख मिलती है कि हमें ख्याली पुलाव नहीं पकाना चाहिए यदि सच में कुछ पाना है तो उसे पाने के लिए कड़ी मेहनत करनी चाहिए

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