सोमवार, 27 जुलाई 2020

रामू काका की कुल्हारी। Inspirational Hindi Story of Axe

रामू काका की कुल्हारी। Inspirational Hindi Story of Axe

रामू काका की कुल्हारी। Inspirational Hindi Story of Axe-: एक बार की बात है। लकड़ी के एक कारखाने में रामू काका नामक एक व्यक्ति काम करते थे। वह बहुत मेहनती थे। वह हमेशा मेहनत करके बहुत सारे लकड़ियां काटा करते थे। उस कारखाने का मालिक भी रामू काका से बहुत खुश रहता था। और अन्य मजदूरों को भी रामू काका की तरह ही कुल्हाड़ी चलाने को कहता था।

Inspirational Hindi Story

रामू काका की प्रशंसा देख अन्य मजदूर उनसे जलते थे। एक दिन उस कारखाने का मालिक रामू काका की प्रशंसा कर रहे थे। तभी वहां एक नौजवान मजदूर सामने आया और बोला कि मालिक आप हमेशा इन्हीं की तारीफ करते हैं। जबकि मेहनत तो हम सब करते हैं। बल्कि रामू काका तो बीच-बीच में आराम करने के लिए भी चले जाते हैं। लेकिन हम लोग बिना आराम किए लगातार लकड़ियां काटते रहते हैं।

यह सुन मालिक ने कहा मुझे नहीं पता कि यह कितना आराम करते हैं। मुझे तो बस इतना पता है कि दिन के अंत में सबसे अधिक लकड़ियां रामू काका ही काटते हैं। बाकी मजदूरों को यह बात अच्छी नहीं लगी। इसलिए उसने मालिक से कहा कि मालिक यदि ऐसा है तो क्यों ना लकड़ियां काटने की एक प्रतियोगिता हो। कल दिन भर में जो सबसे अधिक लकड़ियां काटेगा वही विजेता कहलाएगा।

मालिक ने कहा ठीक है अगले दिन सभी मजदूर कारखाने पहुंचे और प्रतियोगिता शुरु हो गई। अन्य दिनों की तुलना में इस दिन सभी मजदूर अधिक जोश से और जल्दी-जल्दी हाथ चला रहे थे। जबकि रामू काका को कोई जल्दी नहीं थी। वह रोज की तरह आज भी आराम से ही लकड़ियां काटने में लगे हुए थे। दोपहर के समय सभी ने देखा कि काका ने अभी तक मात्र 4-5 ही पेड़ काटे हैं जबकि अन्य मजदूर अभी तक 6-7 साथ पेड़ काट चुके थे।

सभी को लगने लगा कि आज रामू काका हार जाएंगे। रोज की तरह रामू काका काम करने के बाद आराम करने चले गए। सब ने सोचा कि आज काका तो सचमुच में हार ही जाएंगे। अन्य सभी मजदूर जल्दी-जल्दी फिर पेड़ काटने लगे। कुछ देर बाद उधर से काका आराम करके आए और फिर से अपने काम में जुट गए। तय समय पर प्रतियोगिता खत्म हो गई।

तब मालिक ने पेड़ों की गिनती करनी शुरू कर दी। बाकी मजदूर कुछ खास पेड़ नहीं काट पाए थे। लेकिन जब मालिक ने उस नौजवान मजदूर के पेड़ों की गिनती शुरु की तो उन्होंने देखा कि इसने कुल 11 पेड़ काटे हैं। सभी ने वहां ताली बजाने शुरू कर दी क्योंकि अभी तक अन्य मजदूरों में से किसी ने भी 10 से अधिक पेड़ नहीं काटे थे।

बस अब केवल रामू काका के पेड़ों की ही गिनती होना बाकी था। मालिक ने रामू काका के काटे हुए पेड़ों की गिनती शुरु की। दोनों ने देखा कि इन्होंने कुल 15 पेड़ काटे हैं। अब मालिक ने खुशी से काका को विजेता घोषित किया और इन्हें एक हजार रूपये का इनाम दिया। यह देख सभी मजदूर हैरान हो गए। उन्होंने जाकर काका से पूछा कि काका आप तो प्रतिदिन आधे घंटे विश्राम भी करते हैं। जबकि हम लोग लगातार पेड़ काटने में लगे थे। फिर भी आप हम सबसे अधिक पेड़ कैसे काट पाते हैं?

तब काका ने कहा कि बेटा बड़ा सीधा सा कारण है। जब मैं आधे दिन काम करके आधे घंटे विश्राम करता हूं तो इस आधे घंटे के दौरान मैं अपनी कुल्हाड़ी की धार तेज करता हूं, जिससे बांकी के समय में कम मेहनत के साथ ही तुम लोगों से अधिक पेड़ काट पाता हूं। सभी मजदूर हैरान थे कि थोड़ी देर धार बनाने से इतना फर्क पड़ता है। सभी ने काका को धन्यवाद दिया और निश्चय किया कि अगले दिन से वह भी प्रतिदिन काम करने के बाद कुछ देर तक अपनी कुल्हाड़ी की धार तेज किया करेंगे।

इस कहानी से सीख-: इस कहानी से हमें यही सीख मिलती है कि हमें भी कुल्हारी अर्थात अपने ज्ञान के भंडार को बढ़ाते रहना चाहिए। यदि हम नई-नई जानकारियों सीखते रहेंगे तो हमारे सफल होने का चांस बढ़ जायेगा।

कैसी लगी ये "रामू काका की कुल्हारी। Inspirational Hindi Story of Axe" की कहानी नीचे Comment करके जरुर बताएं. यदि आप किसी विशेष टॉपिक पर कहानी पढ़ना चाहते हैं तो नीचे उस टॉपिक नाम हमें Comment करके जरुर बताएं. ताकि हम उस टॉपिक पर आपके लिए एक अच्छी पोस्ट लिख सकें

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