प्रेरणादायक कहानी : फूटा घड़ा। Broken Pot Hindi Moral Story
प्रेरणादायक कहानी : फूटा घड़ा। Broken Pot Hindi Moral Story-: एक गांव में श्यामलाल नामक एक किसान रहता था। उसके पास एक छोटा सा खेत था, जिसमें वह खेती करता था। श्यामलाल एक निर्धन किसान था। इसलिए इसके जीवन यापन का मूल स्रोत खेती ही था। पैसों की कमी के चलते श्यामलाल को खेती की सिंचाई करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था क्योंकि उसके पास इतने पैसे नहीं थे कि वह मोटर द्वारा अपनी खेती का सिंचाई कर सके। सिंचाई के लिए वह दूसरे गांव से पानी लाता था।
उसके पास दो घड़ा था, जिसे वह एक डंडे और रस्सी की मदद से बांधकर अपने कन्धों पर लाता था। उनमें से एक घड़े में एक छोटा सा छेद था, जबकि दूसरा घड़ा बिल्कुल सही था। एक घड़े के फूटे होने के कारण, श्यामलाल जब भी पानी लेकर दूसरे गांव से अपने खेत तक आता तो उसके पास केवल डेढ़ घड़ा ही पानी बचता था। आधे घड़े का पानी रास्ते में गिर जाता था। ऐसा कई सालों से चलता आ रहा था।
सही घड़े को इसी बात का घमंड था कि वह पूरा पानी खेत में पहुंचाता है और उसके अंदर कोई कमी नहीं है। वहीं दूसरी तरफ फूटा घड़ा स्वयं को लज्जित महसूस करता था कि वह आधा पानी ही खेत तक पहुंचा पाता है। उसे हमेशा इस बात का दुःख होता था कि इस गरीब किसान की मेहनत बेकार चली जाती है। जब बार-बार सही घड़े ने फूटे घड़े को ताना मारा एक दिन फूटे घड़े ने किसान से कहा कि सुनो भाई मुझे तुम फेंक क्यों नहीं देते हो?
किसान ने पूछा ऐसा क्यों? तब फूटे घड़े ने बताया कि उसके अन्दर एक छिद्र है, जिसके कारण वह आधा पानी ही ला पाता है। और किसान की सारी की सारी मेहनत व्यर्थ चली जाती है। मेरी अंदर यह एक बहुत बड़ी कमी है। इसलिए मैं चाहता हूं कि आप एक नए घड़े ले आएं और मुझे फेंक दें। घड़े की बात सुनकर किसान ने मुस्कुराते हुए कहा कि कोई बात नहीं!
मैं चाहता हूँ कि आज तुम वापस लौटते वक्त रास्ते में उगने वाले फूलों को देखना। फूटे घड़े ने वैसा ही किया वह रास्ते भर सुंदर सुंदर फूलों को दिखने लगा। ऐसा करने से कुछ समय के लिए वह खुश हुआ। परंतु खेत पहुंचते ही उस घड़े का आधा पानी गिर चुका था। इसलिए वह फिर से मायूस हो गया।
उसे मायूस होता देख किसान ने कहा कि शायद तुमने ठीक से नहीं देखा कि रास्ते में जितने भी रंग-बिरंगे फूल लगे थे वह बस तुम्हारी तरफ थे। जबकि सही घड़े की तरफ एक भी फूल नहीं थे। ऐसा इसलिए था, क्योंकि मैं तुम्हारे अंदर की कमी को जानता था और इसका लाभ उठाने के लिए मैंने तुम्हारे तरफ आने वाले रास्तों पर रंग-बिरंगे फूलों के बीज लगा दिए थे।
तुम रोज थोड़ा-थोड़ा करके उन्हें सींचती रही जिसके कारण रास्ते पर बहुत सारे खूबसूरत फूल दिखने उगे थे। उस फूल को बाजार में बेचकर मैं कुछ पैसा कमा पाता हूँ। सोचो यदि तुम्हारे अन्दर एक छिद्र नहीं होता तो भला क्या मैं यह सब कर पाता? किसान की बात सुनकर फूटे घड़े के अंदर जोश भर गया और उसने किसान अपने अन्दर की खूबियाँ बताने के लिए किसान का बहुत-बहुत धन्यवाद दिया।
इस कहानी से सीख-: इस कहानी से हमें यही सीख मिलती है कि प्रत्येक व्यक्ति के अंदर कोई ना कोई कमी अवश्य होती है। यही कमियां हमें अन्य लोगों से अलग बनाती है। जरुरत है तो बस उस किसान की तरह अपनी कमियों को ध्यान में रखते हुए अपनी खूबियों से लाभ लेने की। जब भी हम ऐसा करेंगे तब हमें भी उस फूटे घड़े की तरह ही मूल्यवान हो जाएंगे।
कैसी लगी ये "प्रेरणादायक कहानी : फूटा घड़ा। Broken Pot Hindi Moral Story" की कहानी नीचे Comment करके जरुर बताएं. यदि आप किसी विशेष टॉपिक पर कहानी पढ़ना चाहते हैं तो नीचे उस टॉपिक नाम हमें Comment करके जरुर बताएं. ताकि हम उस टॉपिक पर आपके लिए पोस्ट लिख सकें.
---------✱✱✱---------
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
For read Majedar Hindi Kahaniya Please Subscribe my Website.