खतरनाक आइसलैंड और किसान की नौकरी। Panchatantra Stories
खतरनाक आइसलैंड और किसान की नौकरी। Panchatantra Stories-: बहुत समय पहले की बात है। आइसलैंड के दक्षिणी छोड़ पर एक किसान रहता था। यह जगह बहुत खतरनाक थी। क्योंकि आए दिन यहां पर आंधी तूफान और भारी वर्षा आते रहते थे। इस किसान को अपने खेत में काम करने के लिए एक मजदूर की आवश्यकता थी। परंतु कोई भी मजदूर इस आइसलैंड पर काम करने को तैयार नहीं था। क्योंकि कोई व्यक्ति अपनी जान को जोखिम में नहीं डालना चाहता था।
एक बार किसान ने शहर की एक अखबार में विज्ञापन दिया कि उसे खेत में काम करने वाले एक मजदूर की आवश्यकता है। अखबार में छपी इस विज्ञापन के कारण बहुत सारे लोग उस किसान के पास पहुंचे। लेकिन जब वे उस खतरनाक जगह के बारे में सुनते तो काम करने से मना कर देते थे। अंत में एक सामान्य कद का बहुत ही पतला-दुबला एक व्यक्ति किसान के पास पहुंचा। उसे देख कर किसान को नहीं लगा कि यह व्यक्ति काम कर सकता है।
परंतु कोई और काम करने वाला व्यक्ति नहीं मिल रहा था। इसलिए किसान ने उस व्यक्ति से पूछा कि क्या तुम इतने विषम परिस्थितियो में काम कर सकते हो? उस मजदूर ने उत्तर दिया हां और कहा कि "जब हवा चलती है तब मैं सोता हूँ।" मजदूर की बातें सुन किसान को थोड़ा अजीब लगा। परंतु उसने फिर भी इसे काम पर रख लिया।
मजदूर बहुत मेहनती था। वह सुबह से शाम तक खेतों में काम करता। किसान भी इस मजदूर से काफी संतुष्ट था। कुछ दिन इसी तरह बीता। एक रात अचानक जोर-जोर से हवा बहने लगी। किसान समझ गया कि अब तूफान आने वाला है। वह तेजी से उठा। अपने हाथ में टोर्च लिया और मजदूर के झोपड़ी की तरफ चला गया। किसान ने देखा कि मजदूर आराम से सो रहा है।
उसने कहा जल्दी उठो। देखते नहीं कि भयंकर तूफान आने वाला है। सब कुछ बर्बाद हो जाएगा। जल्दी से उठो और सारी फसल को अच्छी तरह से ढक दो। मजदूर ने बड़े आराम से कहा कि मालिक मैंने आपसे पहले ही कहा था कि जब हवा चलती है। तब मैं सोता हूँ। यह सुन किसान को बहुत गुस्सा आया। एक बार तो उसने सोचा कि इस मजदूर को गोली मार दे। परंतु तूफान को देखते हुए। वह चीजों को बचाने के लिए अपने खेत की ओर भागा।
किसान जब खेत में पहुंचा तो उसे बड़ा आश्चर्य हुआ। उसने देखा कि फसल की गांठ अच्छी तरह से बंधी हुई थी। और तिरपाल से ढंकी हुई भी थी। गाय बैल भी सुरक्षित बंधे हुए थे। यानी सारी चीजें बिल्कुल व्यवस्थित तरीके से थी। नुकसान होने की कोई संभावना नहीं थी।
किसान को पश्चाताप होने लगा कि ना जाने गुस्से में उसने उस मजदूर से क्या-क्या कह दिया? जबकि उस मजदूर ने तो आंधी आने से पूर्व ही सारी तैयारी कर ली थी। उसने जाकर उस मजदूर से क्षमा मांगी। क्योंकि "जब हवा चलती है तब मैं सोता हूँ।" इसका अर्थ वह किसान अब समझ चुका था।
इस कहानी से सीख-: हमारे जीवन में भी कभी-कभी कुछ ऐसे ही तूफान रूपी समस्याओं का आना निश्चित है। आवश्यकता है तो हमें उस मजदूर की तरह पहली से तैयारी करके रखने की। ताकि समस्या आने पर भी हम चैन से सो सकें। क्योंकि भविष्य में आने वाले समस्याओं का समाधान करके पहले रखना ही बुद्धिमानी है।
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