प्रेरणादायक कहानियाँ - बाज का शिकार लक्ष्य पर आधारित कहानी
प्रेरणादायक कहानियाँ - बाज का शिकार लक्ष्य पर आधारित कहानी-: सुंदरवन के जंगल में एक बाज रहता था। उसी जंगल के पास एक बस्ती था, जहां पर बहुत सारे लोग रहते थे। उस बस्ती के लोग के मुर्गी, भेड़, बकरियां और सूअरों को पालते थे। बाज उसी गांव के छोटे-मोटे जानवरों का शिकार करता और उसी से अपना गुजारा करता था। एक दिन बाज ने एक अंडा दिया। कुछ दिनों बाद उस अंडे से एक नन्हें से बाज ने जन्म लिया। उसकी मां ने उस छोटे से बाज को आकाश में उड़ने की कला सिखाने लगी।
वह छोटा सा बाज धीरे-धीरे उड़ने की कला और साथ ही साथ शिकार करने की कला भी सीख रहा था। तभी एक दिन उस छोटे से बाज ने देखा कि एक भेड़ का बच्चा पेड़ के नीचे बैठा हुआ है। उसे देख उसके मुहं में पानी आ गया। उसने अपनी मां से कहा मां वह देखो भेड़ कितना स्वादिष्ट है! मैं अभी उसका शिकार करता हूं।
मां ने कहा नहीं बेटा अभी तुम इसके लिए तैयार नहीं हो। भेड़ एक बड़ा शिकार है। तुम अभी एक छोटे से चूहे के शिकार से ही शुरुआत करो। नन्हां बाज आज्ञाकारी था। उसने अपनी मां की बात तुरंत मान लिया। कुछ ही दिनों में वह बड़ी ही कुशलता से चूहों का शिकार सीख गया। अब उसका आत्मविश्वास बढ़ चुका था।
एक दिन बाज अपनी मां के पास गया और फिर से उस भेड़ का शिकार करने के लिए कहने लगा। लेकिन फिर उसकी मां ने उसे समझाया कि बेटा अभी नहीं। पहले तुम खरगोश का शिकार करना सीखो। फिर कुछ दिनों में दिनों तक बाज ने खरगोश का शिकार करने का हुनर सिखने लगा। और कुछ ही दिनों में वह इसमें भी पारंगत हो गया।
एक दिन फिर उस बाज ने अपनी मां से उस भेड़ का शिकार करने की जिद करने लगा। उसकी मां ने फिर एक बार उसे समझाया और उससे पहले मेमना का शिकार करने के लिए कहा। बाज ने फिर से अपनी मां की बात मान ली। और वह कुछ ही दिनों में मेमना का शिकार करने में भी पारंगत हो गया।
एक दिन वह बाज अपनी मां के साथ अपने घोंसले में बैठा था। तभी उसने देखा कि वह भेड़ का बच्चा फिर से एक पेड़ के नीचे बैठा है। इस बार बाज ने अपनी मां से पूछा कि क्या वह इस भेड़का शिकार कर सकता है ?
मां ने उसकी ओर देखा और मुस्कुराई! बाज अपनी मां के इशारे को समझ चुका था और उसने झट से उस भेड़ के बच्चे को ढेर कर दिया। भेड़ का शिकार कर वह बहुत खुश था। क्योंकि वह पहली बार अपने मनपसंद शिकार को खा रहा था।
मित्रों अब आप खुद ही विचार कीजिए कि यदि उसकी मां ने उस नन्हें से बाज को पहले ही दिन भेड़ का शिकार करने के लिए कह दिया होता तो क्या होता?
जाहिर सी बात है कि वह बाज अभी छोटा था। इसीलिए वह और असफल हो जाता और संभव है कि उसका आत्मविश्वास भी कमजोर हो जाता। लेकिन जब उसने पहले छोटे छोटे जानवरों का शिकार करना सीख लिया किया। तब उसका आत्मविश्वास धीरे-धीरे बढ़ता गया। और अंततः वह बड़े जानवर का भी शिकार करने में पारंगत हो गया।
इस कहानी से सीख-: इस कहानी से हमें यही सीख मिलती है कि हमेशा अपने बड़े लक्ष्य को छोटे-छोटे आसान है भागों में बांटकर उसे हासिल करना चाहिए। क्योंकि जब आप छोटे छोटे काम करने में पारंगत हो जाएंगे। तब आपका आत्मविश्वास बढ़ जाएगा और अंततः आप उस बड़े लक्ष्य को बड़े ही आसानी से प्राप्त कर लेंगे।
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