एक जंगल में बहुत बड़ा बरगद का एक पेड़ था और उस पेड़ पर एक कबूतर रहता था I वह प्रतिदिन दाना चुगने के लिए इधर उधर भटकता और शाम होते ही अपने घोसले में वापस लौट जाता था I उसी पेड़ के नीचे एक नन्हीं सी चींटी रहती थी I एक बार गर्मी के समय चिलचिलाती धूप थी I उस कबूतर ने देखा कि उस नन्हीं सी चींटी को बहुत जोरों की प्यास लगी है I और वह पानी की तलाश में इधर उधर भटक रही है I
काफी समय के बाद चीटीं एक नदी के किनारे पहुंची I नदी काफी बड़ी व् गहरी थी इसलिए वह पानी पीने के लिए एक छोटे से चट्टान पर चढ़कर पानी पीने का प्रयास करने लगी I परंतु दुर्भाग्यवश वह फिसल गई और फिसलते हुए नदी में जा गिरी I पानी का बहाव तेज था इसलिए वह नदी में पानी के साथ बहने लगी I यह देख चीटीं बहुत घबरा गई और वह मन ही मन भगवान से प्रार्थना करने लगी I
पास ही पेड़ पर बैठा हुआ कबूतर यह सब देख रहा था I कबूतर को उस नन्हीं सी चीटीं पर दया आ गई I कबूतर ने जल्दी से एक पत्ता तोड़ा और नदी में डूबते हुए चींटी के पास उस पत्ते को फेंक दिया I चींटी तुरंत उस पत्ते पर चढ़ गई और धीरे-धीरे किनारे लग गई I देखते ही देखते वह पत्ते से उतर कर जमीन पर आ गई और उसने कबूतर को अपनी जान बचाने के लिए धन्यवाद दिया I फिर दोनों अपने अपने घरों में चले गए I
हिंदी कहानियां Hindi Short Stories with moral
शाम को उसी दिन एक शिकारी जाल लेकर कबूतर को पकड़ने आया I कबूतर आराम से अपने घोसले में सो रहा था और उसे खतरे की कोई खबर ना थी I चींटी ने देखा कि शिकारी धीरे-धीरे कबूतर को पकड़ने के लिए पेड़ पर चढ़ने वाला है I यह देख चींटी ने तुरंत शिकारी के पांव पर जोर से काटा I चींटी के काटने से शिकारी की चीख निकल गई जिससे कबूतर उठ गया और वहां से तुरंत उड़ गया I इस प्रकार नन्हीं सी चींटी ने उस कबूतर की जान बचाई I
इस कहानी चींटी और कबूतर I Short Hindi stories with moral से हमें यही सीख मिलती है कि कर भला तो हो भला I यदि आप किसी के साथ अच्छा करोगे तो आपके साथ भी अच्छा ही होगा I
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