सोमवार, 24 जनवरी 2022

गुरु का महत्त्व | Inspirational Stories on Teachers Day

नारायणपुर नामक एक गांव में एक राजा राज्य करता था I राजा के पास एक बहुत ही सुंदर पत्नी थी और वह अपने परिवार के साथ अपने राज्य को बहुत ही अच्छे ढंग से चला रहा था I उसे शिक्षा ग्रहण करने का बहुत शौक था I एक दिन राजा ने मंत्री से सलाह लिया कि उसके लिए एक गुरु की व्यवस्था की जाए I

Inspirational Stories on Teachers Day

ऐसा ही हुआ राजा के आदेशानुसार उस राज्य के सबसे प्रसिद्ध और विद्वान गुरु राजा को शिक्षा देने के लिए प्रतिदिन महल में आने लगे I राजा को शिक्षा ग्रहण करते हुए कई माह बीत गए थे I परंतु राजा को कोई लाभ दिख नहीं रहा था I गुरु तो प्रतिदिन कठिन परिश्रम करते थे I परंतु राजा को इस शिक्षा से कोई लाभ नहीं हो रहा था I राजा काफी परेशान रहने लगा I


गुरु की योग्यता पर प्रश्न उठाना भी गलत था क्योंकि वह एक बहुत ही प्रसिद्ध और विद्वान गुरु थे I आखिर में राजा ने यह बात अपनी पत्नी को बताई I तब रानी ने सलाह दी की हे राजन इस प्रश्न का उत्तर गुरु जी से ही पूछ कर देखिए I अगले दिन राजा ने बहुत हिम्मत करके गुरुजी के सामने प्रश्न रखी I हे गुरुवर क्षमा कीजिएगा मैं कई माह से आपसे शिक्षा प्राप्त कर रहा हूँ I परंतु मुझे इसका कोई लाभ नहीं दिख रहा I  ऐसा क्यों ?


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गुरुजी ने बड़े ही शांत स्वर्ग में उत्तर दिया राजन इसका बहुत ही सरल उत्तर है I गुरुजी ने कहा हे राजन यह बात बहुत छोटी है परंतु आप बड़े हैं और आपके अंदर विद्यमान अहंकार के कारण आप इसे समझ नहीं पा रहे हैं जिससे आप परेशान और दुखी हैं I यह बात सच है कि आप एक बहुत बड़े राजा हैं I आप प्रत्येक दृष्टि से मुझसे पद और प्रतिष्ठा ने बड़े हैं I परंतु आपका और मेरा रिश्ता एक गुरु और शिष्य का है I इसलिए गुरु होने के नाते मेरा स्थान आप से ऊपर होना चाहिए I 


परंतु आप ऊँचे सिंहासन पर बैठते हैं और मुझे अपने से नीचे के आसन पर बैठाते हैं I  इसी कारण आपको ना तो कुछ शिक्षा प्राप्त हो रही है और ना ही आप ज्ञान को ही ग्रहण कर पा रहे हैं I चूँकि आपके राजा होने के कारण मैं आपसे यह बात नहीं कह पा रहा था I यदि कल से आप मुझे ऊंचे सिंहासन पर बिठाएं और आप स्वयं नीचे बैठे तो आप आसानी से शिक्षा प्राप्त कर पाएंगे I आपको इसका लाभ भी नजर आने लगेगा I 


राजा को अपनी गलती का एहसास हो गया उसने तुरंत अपनी गलती के लिए क्षमा मांगा और अगले दिन से स्वयं नीचे बैठता और गुरु को ऊंचे आसन पर बिठाकर शिक्षा प्राप्त करने लगा I 


इस कहानी गुरु का महत्त्व | Inspirational Stories on Teachers Day से हमें यह सीख मिलती है कि हमें हमेशा अपने शिक्षकों का सम्मान करना चाहिए I यहां ऊंचे स्थान का हाथ सिर्फ ऊंचा या नीचे बैठने से नहीं है I बल्कि इसका सही अर्थ है कि हम अपने मन में गुरु को क्या स्थान दे रहे हैं I इसलिए हमें हमेशा अपने गुरु का सम्मान करना चाहिए I


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