सुंदरबन के जंगल में एक बहुत बड़ी गुफा थी I उसमें एक बहुत ही भयानक शेर रहता था I वह हमेशा अपने आप को बुद्धिमान समझता था और जंगल के अन्य जानवरों को वह तुच्छ समझता था I उसे लगता था कि पृथ्वी पर उससे बुद्धिमान जीव कोई है नहीं I उसके इसी स्वभाव से जंगल के अन्य जानवर काफी भयभीत रहते थे I
उसी जंगल के नजदीक एक गांव था जहां पर एक राजा अपनी प्रजा के साथ उस गांव पर शासन करता था I एक दिन वह राजा उसी जंगल में अपने सभी अंग रक्षकों के साथ शिकार करने निकला I राजा को अपनी ओर आता देख तभी जानवर अपने अपने घरों में छिप गए I तभी शेर ने देखा कि राजा हाथी पर आसन लगाकर बैठा हुआ जंगल में शिकार कर रहा है I यह देख शेर के मन में हाथी के आसन पर बैठने का विचार आया I
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अगले दिन शेर ने जंगल के सभी जानवरों को इकट्ठा किया और आदेश दिया कि हाथी पर एक आसन लगाया जाए I उसके यह आदेश को सुनकर सभी जानवर काफी भयभीत हो गए और डर कर जानवरों ने हाथी पर एक आसन लगा दिया I बस फिर क्या था झट से आसन लग गया और शेर उछल कर हाथी पर लगे आसन में जाकर बैठ गया I
हाथी जैसे ही आगे की ओर चलता आसन हिल जाता और शेर नीचे धड़ाम से गिर जाता I ऐसा कई बार हुआ हाथी जब भी आगे बढ़ता शेर तुरंत नीचे गिर जाता जिससे शेर की टांगे टूट गई I वह दर्द से कराहने लगा और और किसी तरह लड़खड़ाते हुए कहने लगा कि जंगल में पैदल चलना ही ठीक होता है I यह सुनकर बाकी के जानवर हंसने लगे I और उस दिन के बाद शेर कभी भी खुद को अधिक बुद्धिमान नहीं समझता था I
इस कहानी शेर का आसन I Hindi short stories with moral for kids से हमें यही सीख मिलती है कि हमें कभी भी खुद को अधिक बुद्धिमान नहीं समझना चाहिए और दूसरों की नकल कभी नहीं करनी चाहिए क्योंकि इसका परिणाम बुरा हो सकता है I
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