शनिवार, 13 जून 2020

पंचतंत्र कहानी - दिखावे का फल । Moral Stories in Hindi

पंचतंत्र कहानी - दिखावे का फल । Moral Stories in Hindi

पंचतंत्र कहानी - दिखावे का फल । Moral Stories in Hindi -: एक बार की बात है एक गावं में एक बहुत ही मेहनती लड़का रहता था. उसका नाम श्याम था. श्याम पढ़ने में बहुत तेज था. उसने मैनेजमेंट की शिक्षा प्राप्त करके नौकरी की तलाश में शहर की ओर निकल पड़ा.

कुछ दिनों के बाद श्याम की नौकरी एक बहुत ही अच्छी कंपनी में लग जाती है और कंपनी उसे काम करने के लिए एक अलग से केबिन दे दिया जाता है और वह वहां काम करने लगता है.

पंचतंत्र कहानी - दिखावे का फल । Moral Stories in Hindi
पंचतंत्र कहानी - दिखावे का फल । Moral Stories in Hindi

एक दिन श्याम जब अपने केबिन में बैठ कर कोई काम कर रहा होता है. इतने में ही एक बहुत ही साधारण से दिखने वाला व्यक्ति दरवाजा खट -खटाता है और श्याम से अन्दर आने की अनुमति मांगता है. परन्तु श्याम उसे अन्दर बुलाने के बजाय उसे बाहर ही आधे घंटे इंतजार करने के लिए कहता है.

यह भी पढ़ें-: पंचतंत्र की कहानी: खटमल और मच्छर । Panchatantra Hindi Stories आधा घंटे इंतजार करने बाद वह व्यक्ति फिर से अन्दर आने की अनुमति मांगता है तो श्याम उसे अंदर आता देख टेबल पर रखी टेलीफोन को उठाकर बात करना शुरू कर देता है. वह टेलीफ़ोन पर बड़ी-बड़ी डींगें हाँकनेँ लगता है. वह फोन पर बहुत सारे पैसों की बातें भी करता है. सामने वाला वह व्यक्ति श्याम की सारी बातें ध्यान से सुन रहा होता है. जब श्याम की बातें खत्म हो जाती है तब वह उस व्यक्ति से कहता है कि माफ़ कीजियेगा थोड़ा जरुरी काम था इसलिए मैंने आपको देखा नहीं. वैसे आप यहाँ किस काम से आये हैं ? तब उस आदमी ने श्याम से बड़ी विनम्र भाव से देखते हुए कहता है , “साहब, मैँ यहाँ टेलीफोन रिपेयर करनेँ के लिए आया हुँ, मुझे खबर मिली है कि आप जिस टेलीफोन से बात कर रह थे वह लगभग एक सप्ताह से बंद पड़ा है. मैं इसी टेलीफोन को ठीक करने आया हूँ. उस व्यक्ति की बात सुन श्याम का चेहरा शर्म से लाल हो जाता है श्याम के पास कहने को कुछ शेष नहीं रह जाता है क्योंकि ज्यादा दिखावे का फल उसे मिल चूका होता है.और वह बिना कुछ कहे अपने केबिन से बाहर चला जाता है. इस कहानी का सार यही है कि जब कभी भी हम अपने जीवन में सफल होते हैं तो हमें स्वयं पर गर्व होता है और यह होना स्वाभाविक भी है. लेकिन कई बार हमें अहंकार हो जाता है, जिससे हम दुसरोँ के सामनेँ दिखावा करने लग जाते हैं. परन्तु हमें कभी भी दिखावा नहीं करनी चाहिए.

यह भी पढ़ें-: पंचतंत्र कहानी - कौआ और उल्लू । Moral Stories in Hindi इस कहानी से सीख-: अतः हमें ध्यान रखना चाहिए कि हम चाहे कितने भी सफल क्यों ना हो जाएं व्यर्थ के अहंकार और झूठे दिखावे में ना पड़ें अन्यथा श्याम की तरह हमे भी कभी न कभी शर्मिंदा होना पड़ सकता है और दिखावे का फल मिल सकता है.

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