सोमवार, 29 जून 2020

पंचतंत्र कहानी - मित्र की सलाह: Panchtantra Moral Story

पंचतंत्र कहानी- मित्र की सलाह: Panchtantra Moral Story in Hindi

पंचतंत्र कहानी- मित्र की सलाह: Panchtantra Moral Story in Hindi-: एक गांव में श्याम नामक एक धोबी रहता था वह गांव के लोगों के कपड़े धोता था और उसी से अपना जीवन यापन करता था

श्याम के पास एक गधा था श्याम दिनभर कपड़ों की गट्ठर को इधर से उधर ढ़ोने में लगा रहता थाश्याम बहुत ही कंजूस और निर्दई व्यक्ति था वह गधे से दिन रात काम लेता था परंतु उसके चारे का प्रबंधन नहीं करता था बस रात को चरने के लिए उसे खुला छोड़ देता था गांव में कोई चारागाह भी नहीं था गधे को कभी भी भर पेट भोजन नहीं मिल पाता था जिससे धीरे-धीरे गधे का शरीर बहुत ही कमजोर हो गयाउसकी आंखें भी पीली पड़ चुकी थी

पंचतंत्र कहानी - मित्र की सलाह: Panchtantra Moral Story
पंचतंत्र कहानी- मित्र की सलाह: Panchtantra Moral Story in Hindi

एक रात गधा खाने की खोज में इधर-उधर भटक रहा था तभी उसकी मुलाकात एक सियार से हुईसियार ने गधे से पूछा कि ओ गधे भाई तुम इतने कमजोर कैसे हो गए हो तब गधे ने बड़े ही दुख स्वर में बताया कि उसका मालिक उससे दिन रात काम लेता है और उसे खाने को भी कुछ नहीं देता है बस रात को खुला छोड़ देता है


सही समय पर खाना नहीं मिलने के कारण मैं दिनों-दिन कमजोर होते जा रहा हूं सियार को उस गधे पर तरस आ गया उसने कहा कि मित्र चिंता मत करो। मैं तुम्हें खाने के ऐसे स्थान के बारे में बता रहा हूँ जहाँ तुम प्रतिदिन पेट भरकर भोजन कर सकते हो। सियार ने कहा कि पास ही में एक सब्जियों का बहुत बड़ा बगीचा है जहाँ तरह-तरह की सब्जियां उगी हुई है- खीरे, ककड़ियां, तोरई, गाजर, मूली, शलजम, बैंगन आदि

मैंने उस बगीचे में जाने के लिए एक गुप्त मार्ग बना रखा है, जहाँ से मैं प्रतिदिन रात होने पर उस बाग में जाता हूँ और भरपेट भोजन करता हूँ और खूब मजे से खाता हूँ। आज से तुम भी मेरे साथ चलो और इस भोजन का आनंद लो।

यह सुन गधे के मुहं से लार टपकने लगा। गधा भी उस बाग में सियार के साथ चल पड़ा। दोनों चुपके से बाग में घुस गए। गधे ने कई महीनों बाद पेट भर कर भोजन किया था और वह भी इतना स्वादिष्ट दोनों रात भर खूब खाए और सुबह होने से पहले वहां से निकल गए। सियार जंगल चला गया और गधा धोबी के पास

उसके बाद प्रतिदिन गधा और सियार रात में बाग जाते और भर पेट भोजन करते। ऐसा लगातार चलने लगा। कुछ ही दिनों के बाद गधा का शरीर बन गया और उसके शरीर में चमक आने लगी। एक रात गधे ने भर पेट खाया और झुमने लगा

पंचतंत्र कहानी - मित्र की सलाह: Panchtantra Moral Story
पंचतंत्र कहानी- मित्र की सलाह: Panchtantra Moral Story in Hindi

उसने मुहं ऊपर किया और कान फरफराने लगा। यह देख सियार ने गधे से चिंतित होते हुए कहा मित्र तुम्हारी तबियत तो ठीक है। गधे ने आखें बंद करके मस्त स्वर में कहा मित्र सियार मुझे गाने का मन कर रहा है। खाने के बाद गाना गाना अच्छा होता है इसलिए सोच रहा हूं कि ढैंचू-ढैंचू का राग गाऊं !

सियार ने गधे को चेतावनी देते हुए कहा कि मित्र ऐसा मत करो। मत भूलो के हम यहाँ चोरी कर रहे हैं। व्यर्थ में मुसीबत को न्योता मत दो। यदि बगीचे का चौकीदार जाग गया तो हम दोनों की खैर नहीं ! गधे ने टेढ़ी नजर से सियार को देखा और कहा मित्र तुम तो जंगल में रहते हो इसलिए तुम्हें संगीत का महत्त्व नहीं पता


सियार ने हाथ जोड़ते हुए कहा कि मुझे संगीत के बारे में नहीं पता मैं तो सिर्फ अपना प्राण बचाना जानता हूँ। तुम अपना ये बेसुरा राग बंद करो इसी में हम दोनों की भलाई है अब गधा क्रोधित हो गया। उसने सियार से कहा कि तुम मेरे संगीत का अपमान कर रहे हो तुम क्या जानो संगीत क्या है ?
तुम जैसे मूर्खों की समझ में संगीत नहीं आएगा। सियार ने गधे से हाथ जोड़कर विनती करते हुए कहा कि गधे भाई ! मैं मूर्ख और जंगली ही सही ! परन्तु एक मित्र के नाते मेरी सलाह मानो तुम अपना मुहं मत खोलना नहीं तो चौकीदार हमारी जान ले लेगा

गधे ने हँसते हुए कहा कि मेरे संगीत को सुनकर चौकीदार तो क्या भाग का मालिक भी फूलों की हार लेकर आएगा सियार ने चतुराई से काम लिया और उस गधे से कहा कि क्षमा करना मित्र मुझे अपनी गलती का अहसास हो गया है। तुम सच में महान गायक हो। मैं मूर्ख सियार सियार भी तुम्हारे लिए फूलों की माला लाना चाहता हूँ मेरे जाने के कुछ देर बाद तुम गाना गाना ताकि तुम्हारे गायन के समाप्त होते ही मैं तुम्हारे लिए फूलों की माला ला सकूँ

पंचतंत्र कहानी - मित्र की सलाह: Panchtantra Moral Story
पंचतंत्र कहानी - मित्र की सलाह: Panchtantra Moral Story

गधे से हँसते हुए सियार की बात मान ली। सियार के जाने के कुछ देर बाद गधे ने ढैंचू-ढैंचू करके रेंकना शुरू कर दिया। इधर गधे के रेंकने की आवाज सुनकर चौकीदार जाग गया। चौकीदार उसी ओर लट्ठ लेकर भागा जिस ओर से रेंकने की आवाज आ रही थी। वहां पहुँचते ही चौकीदार ने कहा तो यही है वह दुष्ट जो हमारे बाग को चर रहा था

बस क्या था सारे चौकीदार लट्ठ लेकर उस गधे पर टूट पड़े और कुछ ही देर में गधा ढेर हो गया


इस कहानी से सीख-: इस कहानी "पंचतंत्र कहानी- मित्र की सलाह: Panchtantra Moral Story" से हमें यही सीख मिलती है कि हमें हमेशा अपने शुभचिन्तक मित्रों व हितासियों की सलाह को मानना चाहिए। कभी उनके सलाह की अवहेलना नहीं करनी चाहिएअन्यथा हमें भी इस गधे की तरह उसका परिणाम भुगतना पड़ सकता है

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