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रविवार, 27 अक्टूबर 2024

सुंदर पिचाई जीवनी । Biography Sundar Pichai Ceo for Google

गूगल नें 10 अगस्त,2015 को पूरी दुनिया को अचम्भे मैं डाल दिया जब उसने अपने कंपनी का CEO सुंदर पिचाई को घोषित किया। वैसे तो यह भारत के लोगों के लिए बहुत ही गर्व की बात थी कि एक भारतीय व्यक्ति को दुनिया के सबसे बड़ी कंपनी Google के CEO के रूप में चुना गया है। यह बात सुनने मैं तो बहुत आसान लगता है कि सुंदर पिचाई Google जैसी बड़ी कंपनी के CEO हैं पर बहुत कम लोग ही हैं जो जानते हैं इस कमियाबी के पीछे कितनी मेहनत और संगर्ष है।


क्या आपको सुंदर पिचाई की प्रेरणादायक कहानी के बारे में पता है?

क्या आपने सुंदर पिचाई की गूगल प्रोडक्ट मेनेजर से सीईओ बनने की कहानी सुनी है?

अगर नहीं ! तो नीचे उनकी पूरी जीवनी पर कर आप जान सकते हैं। आज के दिन में सुंदर पिचाई को दुनिया भर में जाना जाता है उनके इस तरकी के लिए।

प्रारंभिक जीवन और बचपन Early Life

सुंदर पिचाई का पूरा नाम पिचाई सुंदरराजन (Pichai Sundararajan) है जिनका जन्म 12 जुलाई,1972 को मदुरै, तमिलनाडु (Madurai, Tamil Nadu) में हुआ। उनका जन्म निम्न मध्यम वर्ग के एक परिवार में हुआ था। उनके पिता एक इलेक्ट्रिकल इंजिनियर थे इसलिए वे चेन्नई शहर में अशोक नगर में रहते थे। उनके पिता से वे हमेशा प्रेरित होते थे और इसी लिए उन्हें भी टेक्नोलॉजी से जुड़ने की प्रेरणा मिली। उनकी माँ का नाम लक्ष्मी था। वो एक स्टेनोग्राफर थी। उन्होंने अपना स्टेनोग्राफर का काम सुंदर पिचाई के छोटे भाई के जन्म के बाद छोड़ दिया।

जब सुंदर पिचाई 12 साल के थे तो उनके पिताजी घर में एक लैंड लाइन फोन घर लेकर आये। उनके जीवन में यह पहला टेक्नोलॉजी से जुड़ा चीज था जो सुंदर जो पिचाई के घर में आया था। सुंदर पिचाई में बहुत ही स्पेशल क्वालिटी/असाधारण ज्ञान था। वो आसानी से अपने टेलीफोन में डायल किये गए सभी नुबरों को याद रख लिया करते थे। सिर्फ फ़ोन नंबर ही नहीं उन्हें हर प्रकार के नंबर आसानी से याद रह जाते थे। पढाई के साथ-साथ वे खेल में भी अच्छे थे। वो अपने स्कूल क्रिकेट टीम के कप्तान भी थे।

शिक्षा Study :- सुंदर पिचाई नें अशोक नगर के जवाहर विद्यालय में अपनी 10वीं कि पढाई पूरी की और चेन्नई के वाना वाणी स्कूल में अपनी 12 वीं की परीक्षा पूरी की। उसके बाद उन्होंने Metallurgical Engineering में IIT खरगपूर में ग्रेजुएशन पूरी की।

उसके बाद उन्होंने Stanford University में भौतिक विज्ञान में, MS (Masters in Science) की डिग्री पूरी कर ली और आखिर में वे MBA की पढाई के लिए Wharton School, University of Pennsylvania चले गए।

सुंदर पिचाई का गूगल से जुड़ने से पहले का करियर Google Career

गूगल से जुड़ने से पहले सुंदर पिचाई म्क किन्से एंड कंपनी(McKinsey & Company) में संचालन परामर्श के रूप में काम करते थे।
 उन्होंने एप्लाइड मैटेरियल्स में इंजीनियरिंग और उत्पाद प्रबंधन के रूप में भी अपने प्रतिभा का योगदान दिया।

सुंदर पिचाई का गूगल से जुड़ने के बाद का जीवन

सुंदर पिचाई 2004 में Google से जुड़े। शुरू-शुरू में उन्होंने एक छोटे से टीम के साथ Google Search Tool Bar के ऊपर काम किया। इस Toolbar की मदद से आज के दिन में भी लोग Internet Explorer, Firefox में Google Search कर पा रहे हैं।

उन्होंने Google के उत्पाद जैसे Google Gear और Google Pack पर भी काम किया। Google Toolbar के सफल होने के बाद सुंदर पिचाई के मन में एक नया आईडिया आया वो था खुद का इन्टरनेट ब्राउज़र बनाने का। उस समय के Google के CEO एरिक सचमिद्त(Eric Schmidt) नें खुद के इन्टरनेट ब्राउज़र बनाने की बात को बहुत ही महंगा प्रोजेक्ट करार दिया और मना किया।

लेकिन उनक मना करने के बाद भी पिचाई ने इस बात को ठान लिया और गूगल के सह-निर्माताओं लार्री पेज और सेर्गे ब्रिन को इस बात के लिए राज़ी कर लिया। वर्ष 2008 में Google ने सुंदर पिचाई की मदद से खुद का वेब ब्राउज़र लांच किये जिसका नाम दिया गया Chrome। Google Chrome बहुत ही अच्छी तरीके से सफल हुआ क्योंकि इससे Google Search लोग Diectly इस्तेमाल कर सकते हैं। आज के दिन में गूगल क्रोम दुनिया का सबसे ज्यादा इस्तेमाल किये जाने वाला वेब ब्राउज़र हैं।

उसी वर्ष 2008 में सुंदर पिचाई का वाईस प्रेसिडेंट ऑफ़ प्रोडक्ट डेवलपमेंट के रूप में प्रमोशन किया गया। इस पोजीशन पर आते ही सुंदर पिचाई और भी मेहनत करने लगे और 2012 में वो Chrome और Apps के सीनियर वाईस प्रेसिडेंट बन गए।

एंड्राइड को बनाने वाले, एंडी रुबिन ने 2013 में किसी दुसरे प्रोजेक्ट के कारण Android के प्रोजेक्ट को छोड़ दिया। इसके बाद लार्री पेज नें पिचाई को एंड्राइड का इन-चार्ज बना दिया। बाद अक्टूबर 2014 में उन्हें प्रोडक्ट चीफ बना दिया गया।

10 अगस्त 20फरवरी 2016 में उन्हें Google कि एक कंपनी Alphabet Inc. के 273,328 शेयर्स डे कर सम्मान दिया गया। वे आज भी समय-समय पर Skype के ज़रिये IIT खरगपुर के Students से बातचीत करते हैं । वर्ष 2015 को सुंदर पिचाई को गूगल के CEO के रूप में घोषित किया गया।

सुंदर पिचाई का निजी जीवन Personal Life

सुंदर पिचाई ने अपने लम्बे समय की गर्लफ्रेंड, अंजलि पिचाई से शादी की है। वो दोनों IIT खरगपूर में साथ में पढाई करते थे। उनके दो सुंदर बच्चे भी हैं एक लड़का और एक लड़की। उन्होंने Brooklyn, New York में $6.8 मिलियन देकर अपने लिए घर खरीदा। वो अब अमेरिका के नागरिक हैं इसीलिए वे अपने परिवार के साथ न्यू यॉर्क में ही रहते हैं।

मंगलवार, 23 जून 2020

स्टीफन हॉकिंग जीवनी। Stephen Hawking Biography in Hindi

स्टीफन हॉकिंग जीवनी। Stephen Hawking Biography in Hindi

प्रारंभिक जीवन (Early Life of Stephen Hawking)

Stephen Hawking का जन्म 8 जनवरी सन 1942 को ऑक्सफोर्ड, इंग्लैंड में हुआ था. इनका पूरा नाम स्टीफन विलियम हॉकिंग है. हॉकिंग के पिता का नाम फ्रैंक हॉकिंग तथा माता का नाम इसोबेल हॉकिंग था. इनके माता-पिता दोनों की शिक्षा ऑक्सफ़र्ड विश्वविद्यालय में पूरी हुई. द्वितीय विश्व युद्ध के
समय आर्थिक और सुरक्षा की दृष्टि से वे अपने परिवार के साथ लंदन से ऑक्सफोर्ड चले गए थे. Stephen Hawking का कैम्ब्रिज में अपने घर पर 14 मार्च 2018 को निधन हुआ था.

शिक्षा (Education of Stephen Hawking)

Stephen Hawking एक मेधावी छात्र थे, बचपन से ही उनमें असाधारण प्रतिभा थी. इसलिए स्कूल और कॉलेज में हमेशा अव्वल आते रहे थे. तीन सालों में ही उन्हें प्रकृति विज्ञान में प्रथम श्रेणी की ऑनर्स की डिग्री मिली जो कि उनके माता-पिता के लिए बहुत बड़ी बात थी.

स्टीफन हॉकिंग जीवनी। Stephen Hawking Biography in Hindi

Stephen Hawking एक ब्रह्मविज्ञानी, ग्रेजी सैद्धांतिक भौतिक विज्ञानी के साथ साथ लेखक भी थे. ब्रह्मांड के उद्गम के बारे अपनी स्पष्ट रूप से व्याख्या के लिए भी वे जाने जाते हैं. वे ब्रह्मांड और भौतिकी के कुछ सबसे कठिन पहलुओं में भी अपना स्पष्ट विचार दिए हैं. ब्रह्मांड विज्ञान के एक सिद्धांत की पेशकश करने वाले पहले वैज्ञानिक भी Stephen Hawking ही थे.

Stephen Hawking जब बड़े हुए तब उन्हें अंतरिक्ष-विज्ञान के बारे में जानने की बहुत उत्सुकता हुई. इसी कारण मात्र 20 वर्ष की आयु में वे कैंब्रिज कॉस्मोलॉजी विषय में रिसर्च के लिए चयनित हुए. ऑक्स फोर्ड विश्वविद्यालय में भी उस समय ब्रह्मांड विज्ञान में रिसर्च का काम नहीं हो रहा था. उन्होंने ब्रह्मांड विज्ञान में रिसर्च करने का निश्चय किया और पहुँच गए कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय जहाँ उन्होंने कॉस्मोलॉजी यानी ब्रह्मांड विज्ञान में रिसर्च करने लगे.

Stephen Hawking की बीमारी न्यूरॉन मोर्टार

जब वो 21 वर्ष के थे तो एक दिन छुट्टियां मनाने के लिए अपने घर आये. वे सीढ़ी से उतर रहे थे कि तभी अचानक वे नीचे गिर गए और बेहोश हो गए. प्रारंभ में तो सभी को लगा कि कमजोरी के कारण ऐसा हुआ. लेकिन बार-बार जब ऐसा होने लगा तो उनके घर वाले ने उन्हें डॉक्टर से दिखाया. तब डॉक्टर ने बताया कि उन्हें न्यूरॉन मोर्टार नामक एक ऐसी बीमारी हो गई है. जो कभी ठीक नहीं होने वाली और एक अनजान बीमारी है.

न्यूरॉन मोर्टार नामक इस बीमारी के कारण व्यक्ति के शरीर के सभी अंग धीरे धीरे काम करना बंद कर देता है और अंत में व्यक्ति का श्वास नली भी बंद हो जाता है जिससे व्यक्ति के दम घुटने से मौत हो जाती है. डॉक्टरों ने तो यहाँ तक कह दिया कि Stephen Hawking 2 वर्ष से अधिक तक जीवित नहीं रह सकते. लेकिन स्टीफन हॉकिंग ने कहा कि मैं 2 वर्ष नहीं बल्कि 40 वर्षों तक जीवित रहूँगा. उस समय उनके परिवार वालों ने दिलासा देने लिए हाँ कह दिया था, लेकिन आज सभी को पता है कि जो Stephen Hawking ने कहा था वो करके दिखाया.

पीएचडी की डिग्री

Stephen Hawking इसी बीमारी के बीच में ही उन्होंने अपनी पीएचडी की डिग्री पूरी की और अपनी प्रेमिका जेन वाइल्ड से विवाह किया. तब तक Stephen Hawking का पूरा दाहिना हिस्सा ख़राब हो चूका था. वो stick के सहारे चलते थे. अब हॉकिंग ने अपने वैज्ञानिक जीवन का सफ़र शुरू किया और धीरे धीरे उनकी ख्याति पूरी दुनिया में फैलने लगी थी. बाद में उन्होंने जेन वाइल्ड को तलाक दे दिया लेकिन उनके तीन बच्चे थे.

Stephen Hawking ने अपनी विकलांगता के लिए सकारात्मक व्यावहारिक दृष्टिकोण लिया है. उन्होंने कभी भी अपने इस रोग को अपने ऊपर ज्यादा हावी होने नहीं दिया. सैद्धांतिक ब्रह्माण्ड विज्ञान और क्वांटम ग्रेविटी में स्टीफन हॉकिंग के प्रमुख क्षेत्र शामिल हैं.

1974 में उन्हें डॉक्टरेट की उपाधि मिलने के बाद आपेक्षिता का सिद्धांत और पुंज सिद्धांत पर काम करना शुरू कर दिया था. इस तरह इन दोनों सिद्धांतो को मिलाकर उन्होंने महाएकीकृत सिद्धांत बनाया था. उनके इस सिद्धांत से दुनिया भर में उनका नाम हो गया और उन्हें एक बहुत ही प्रख्यात वैज्ञानिक के रूप में जाने जाना लगा.

मुख्य कार्य (Major Works of Stephen Hawking)

वे अल्बर्ट आइंस्टीन के सापेक्षता के सामान्य सिद्धांत के लिए गणितीय मॉडल विकसित किया.
उन्होंने ब्रह्माण्ड, बिग बैंग और ब्लैक होल की प्रकृति पर बहुत काम किया.
1974 में, उन्होंने अपने सिद्धांत को रेखांकित किया कि ब्लैक होल ऊर्जा रिसाव करते हैं और कुछ भी नहीं दर हो जाती हैं यह 1974 में “हॉकिंग विकिरण” के रूप में जाना जाता है.
गणितज्ञों रोजर पेनरोस के साथ उन्होंने दिखाया कि आइंस्टीन के सापेक्षता के सामान्य सिद्धांत का अर्थ है अंतरिक्ष और समय बिग बैंग में शुरू होगा और काला छेद(ब्लैक होल) में अंत होगा. अपनी पीढ़ी के सबसे अच्छे भौतिकविदों में से एक होने के बावजूद, Stephen Hawking सामान्य भौतिकी मॉडल को आम लोगों के लिए सामान्य समझ में अनुवाद करने में सक्षम हो गए।

स्टीफन हॉकिंग जीवनी। Stephen Hawking Biography in Hindi


उनकी पुस्तक (A brief history of time)

उनकी पुस्तकों – समय का एक संक्षिप्त इतिहास (A brief history of time) और एक संक्षिप्त में ब्रह्मांड दोनों बहुत मशहूर बन गए हैं – 230 दिनों से अधिक समय के लिए अधिग्रहण सूची में रहने वाले एक संक्षिप्त इतिहास के साथ-साथ 10 मिलियन से अधिक प्रतियां किताब बिक चुकी हैं.

अपनी पुस्तकों में, Stephen Hawking हर रोज़ भाषा में वैज्ञानिक अवधारणाओं को समझने की कोशिश करते थे और ब्रह्मांड के पीछे कार्य करने के लिए एक सिंहावलोकन देते थे. Stephen Hawking अपनी पीढ़ी के सबसे प्रसिद्ध वैज्ञानिकों में से एक बन गए । वह बार-बार सार्वजनिक कार्यक्रमों में काम करते थे और अपने कार्यक्रमों से लोकप्रिय मीडिया संस्कृति में खुद को चित्रित करते थे, जैसे कि ‘द सिम्पसन्स टू स्टार ट्रेक’। 1990 के दशक के अंत में, उन्हें कथित रूप से एक नाइटहुड की पेशकश की गई थी, लेकिन 10 साल बाद उन्होंने यह साबित कर दिया कि उन्होंने विज्ञान के लिए सरकार के वित्त पोषण के साथ मुद्दों पर इसे बदल दिया था.

स्टीफन हॉकिंग के अद्भुत विचार (Quotes of Stephen Hawking)

अगर आपके पास लोगो के प्रति गुस्सा और शिकायत रहेगी तो लोगों से पास भी आपके लिए समय नहीं होगा। बिना किसी लक्ष्य के आपका जीवन खाली है। मेरा मानना है की ऐसी कोई चीज़ नहीं है तो असंभव हो, क्योकि चीज़े खुद को असंभव नहीं बना सकती बल्कि व्यक्ति की सोच उसे असंभव बनाती है.
ज़िन्दगी जितनी भी कठिन लगे, आप हमेशा कुछ न कुछ कर सकते हैं और सफल हो सकते हैं. बसर्ते आप लगातार मेहनत करते रहे.

स्टीफन हॉकिंग जीवनी। Stephen Hawking Biography in Hindi

मृत्यु Death

Stephen Hawking का कैम्ब्रिज में अपने घर पर 14 मार्च 2018 को निधन हो गया. उनके निधन से पूरी दुनिया ने शोक की लहर दौर गई.

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सोमवार, 22 जून 2020

जैक मा की प्रेरणादायक जीवनी । Jack Ma Biography in Hindi

जैक मा का संक्षिप्त विवरण (Jack Ma Biography)

जैक मा का जन्म एक बहुत ही छोटे से गावं में हुआ था। इनका जन्म 10 सितम्बर सन 1964 को चीन के हन्ग्ज़्हौ (Hangzhou) नामक एक गावँ में हुआ था। जैक मा के माता-पिता गाने-बजाने का काम करते थे। जैक मा को बचपन से इंग्लिश बहुत पसंद थी।

Jack Ma Biography In Hindi
पूरा नाम (Full Name )–: मा यूं निक नेम (Nick Name)–: जैक मा जन्म तारीख़ (Date of Birth)–: 10 सितम्बर सन 1964, हन्ग्ज़्हौ (Hangzhou) पिता का नाम (Father’s Name)–: Ma Laifa माँ का नाम (Mother’s Name)–: Cui Wencai पत्नी का नाम (Wife’s Name)–: Cathy Zhang व्यवसाय (Business of Jack Ma)–: Founder of Alibaba Groups जैक मा की आयु (Age)–:         55 Years राजनीतिक दल (Party)–:             चीन की कम्युनिस्ट पार्टी
नागरिकता (Nationality)–: चायनीज जैक मा की कमाई (Net worth)–:         US $ 41.1 बिलियन (अक्टूबर 2019) कॉलेज (College)–:       हांग्जो सामान्य विश्वविद्यालय ( बीए )

जैक मा की जीवनी। (Alibaba Owner Jack Ma ki Kahani)

जैक मा का जन्म एक बहुत ही छोटे से गावं में हुआ था। इनका जन्म 10 सितम्बर सन 1964 को चीन के हन्ग्ज़्हौ (Hangzhou) नामक एक गावँ में हुआ था। जैक मा के माता-पिता गाने-बजाने का काम करते थे। जैक मा को बचपन से इंग्लिश बहुत पसंद थी। वे इंग्लिश को सीखना चाहते थे। इसे सिखने के लिए वे Hangzhou International Hotel अपने साइकिल से जाया करते थे। क्योंकि यहाँ विदेशी नागरिक आते थे जो इंग्लिश को बहुत ही अच्छी तरह बोलते थे।

Jack Ma Success Story

टूरिस्ट गाइड के रूप में जैक मा (Tourist Guide Life of Jack Ma)

Jack Ma जब Hangzhou International Hotel जाते थे तो वे वहां के विदेशी नागरिकों से टूटी-फूटी अंग्रेजी भाषा में बात किया करते थे। शुरुआत से ही चीन में अंग्रेजी भाषा अधिक महत्त्व नहीं दिया जाता था। जब जैक मा ने थोड़ा बहुत अंग्रेजी बोलना सीख लिया। तब जैक मा ने एक Tourist गाइड के रूप में नौकरी करनी शुरू कर दी।

जैक मा की शिक्षा (Jack Ma: Education)

वे विदेशी लोगों को घुमने के लिए Tourist गाइड किया करते थे। धीरे-धीरे जैक मा अंग्रेजी भाषा बोलने व समझने में बहुत एक्सपर्ट हो गए। यह काम जैक मा ने लगभग 9 वर्षो तक किया। Hangzhou Institute of Electronic Engineering कॉलेज में जैक मा अंग्रेजी शिक्षक के तौर पर वहां अंग्रेजी पढ़ाते थे।

जैक मा जब Tourist गाइड के रूप में काम करते थे तब उनका एक बहुत ही अच्छा विदेशी मित्र भी बना। Jack Ma का असली नाम यूँ था। चीनी भाषा में ये नाम लेना बहुत ही कठिन काम था। इसलिए उनके विदेशी मित्र ने उनका नया नाम Jack Ma रख दिया। अब सभी लोग उन्हें जैक मा के नाम से पुकारने लगे। उसके बाद जैक मा ने नौकरी ढूँढना शुरू कर दिए।

जैक मा का संघर्ष जीवन (Struggle Life of Jack Ma)

Jack Ma का जीवन बहुत ही संघर्ष पूर्ण रहा है। इन्होंने 30 से भी अधिक नौकरियों के लिए इंटरव्यू दिया। लेकिन हर जगह उन्हें रिजेक्ट ही कर दिया गया। उन्हें कहीं भी सफलता नहीं मिली। एक बार वे पुलिस की नौकरी के लिए आवेदन किया परन्तु उन्हें देखते ही रिजेक्ट कर दिया गया। क्योंकि वे दिखने में पतले-दुबले इंसान थे। एक बार उनके शहर में KFC का Restaurant का एक स्टोर खुला था। उन्होंने वहां भी नौकरी के लिए इंटरव्यू दिया। उस KFC Restaurant में जॉब इंटरव्यू के लिए कुल 24 लोग गए थे। उनमें से 23 लोगों को जॉब मिल गया। परन्तु उन 24 लोगों में से एक मात्र जैक मा ही थे जिसे जॉब नहीं मिला। इसी से हम अंदाजा लगा सकते हैं कि Jack Ma का जीवन कितना संघर्ष पूर्ण रहा होगा।

जैक मा का अमेरिकी दौरा (Jack Ma’s goes First time to USA in 1995)

Jack Ma ने पहली बार इन्टरनेट के बारे में सन 1994 में सुना। तब जैक मा 1995 में अपने कुछ दोस्तों की मदद से पहली बार अमेरिका गए। वो भी इस इन्टरनेट के बारे में विस्तृत जानकारी लेने के लिए। वहां पहली बार उन्होंने इन्टरनेट चलाया और देखा कि इन्टरनेट कैसे काम करता है। इन्टरनेट पर पहली बार जैक मा ने Bear शब्द को Search किया। उन्हें इस शब्द का अर्थ अलग-अलग साईटों पर कई प्रकार की जानकारियां मिली। यहाँ पर Jack Ma ने अपने देश के बारे में इन्टरनेट पर सर्च किया तो देखा कि कुछ अधिक जानकारी नहीं मिली उन्हें। जब उन्होंने ध्यान से देखा तब पाया कि इन्टरनेट पर चीनी भाषा के बारे में कोई जानकारी नहीं है। तभी उनके दिमाग में एक आईडिया आया। अपने देश के बारे इन्टरनेट पर ज्यादा कुछ नहीं मिलने पर उन्हें दुःख हुआ। उन्हें लगा कि टेक्नोलॉजी के मामले में हमारा देश चीन अन्य देशों से बहुत पीछे है।

Jack Ma Awards And Achievements

वेबसाइट बनाने का बिजनेस (Alibaba Owner Jack Ma Success Story in Hindi)

Jack Ma ने अपने देश चीन की जानकारी की पहली वेबसाइट बनाने के बारे में सोचा। अपने अमरीकी मित्र के साथ उन्होंने चीन की जानकारी देने वाला एक पहला वेबसाइट बनाया। वेबसाइट बनाने के कुछ ही घंटों में उन्हें कुछ चीनी लोगों का ईमेल आने लगा। इसके बाद ही जैक मा को इन्टरनेट की ताकत का अंदाजा हो गया। उसी वर्ष सन 1995 में Jack Ma और उनकी पत्नी अपने कुछ दोस्तों के साथ मिलकर $ 20,000 जमा करके वेबसाइट बनाने वाली एक कंपनी की शुरुआत की। इस कंपनी का नाम उन्होंने China Yellow Pages रखा। यह कंपनी दूसरे कंपनी के लिए वेबसाइट बनाने का काम करती थी। जैक मा द्वारा बनाये गए इस कंपनी ने 3 वर्ष के भीतर ही लगभग 3 लाख डॉलर का प्रॉफिट किया। उसके बाद जैक और उनकी कंपनी ने चीन के कंपनी के लिए वेबसाइट बनाने लगे। जैक ने खुद बताया कि जब वे दूसरी कंपनी के लिए वेबसाईट बनाने का काम करते थे तो उन्हें काम को छोड़कर टीवी देखना और ताश खेलना पड़ता था। क्योंकि उस टाइम इन्टरनेट का स्पीड बहुत स्लो होती थी। आधा पेज बनने में 3.5 घंटे का समय लग लग जाते थे। जैक ने 33 वर्ष की उम्र में अपना पहला कंप्यूटर लिया था। Jack Ma 1998-1999 के दौरान एक IT कंपनी में भी काम किया। जो China International Electronic Commerce Center के द्वारा स्थापित किया गया था। बाद में जैक अपने 17 दोस्तों के साथ फिर से अपने गावं Hangzhou वापस आ गए, जहाँ उनका जन्म हुआ था।

अलीबाबा कंपनी की शुरुआत (Alibaba Founder)

जैक मा अपने 17 दोस्तों के साथ एक पहला B to B E-Commerce वेबसाइट की शुरुआत किया। जैक ने बताया कि एक बार वे San Francisco के एक कॉफ़ी शॉप में कॉफ़ी पी रहे थे और इसी बीच उन्होंने वहां की एक Waitress से पूछा कि क्या तुम्हें Alibaba के बारे में पता है। तो उस Waitress ने जवाब दिया खुल जा सिम-सिम !

उसके बाद जैक ने कई भारतीय, अमरीकी और अन्य देशों के व्यक्तियों से वही सवाल पूछा कि क्या आप Alibaba के बारे में जानते हैं। सबका जवाब एक ही था, हाँ। इसके बाद Jack Ma ने अपनी कंपनी को Alibaba Groups के नाम से शुरू कर दिया।

Alibaba Founder
धीरे-धीरे Alibaba Groups ने पूरी दुनिया ने अपना नाम कमाया। उसने 240 से भी अधिक देशों में अपना बिज़नस शुरू किया। Alibaba कंपनी ने New York Stock Exchange के अनुसार 25 Billion डॉलर वैल्यू की कंपनी खड़ी कर दी। जो कि एक बहुत बड़ी सफलता थी। यह सितम्बर 2014 के आंकड़ों के अनुसार है। 10 सितम्बर 2017 को फ़ोर्ब्स के एक रिपोर्ट के अनुसार Jack Ma की कुल कमाई 37।6 Billion डॉलर है। 2017 के एक रिपोर्ट के अनुसार वर्तमान में इस कंपनी में 50,000 से अधिक लोग काम कर रहे हैं। Alibaba Groups के सभी सहायक कंपनियों का लिस्ट नीचे है।

पुरस्कार Awards

➤ सितम्बर 2005 में जैक मा को वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम द्वारा "यंग ग्लोबल लीडर" चुना गया। ➤ फॉर्च्यून ने जैक मा को 2005 में "एशिया के 25 सबसे शक्तिशाली व्यवसायी" में से एक के रूप में भी चुना। ➤ बिजनेसवेक ने उन्हें 2007 में "बिजनेसपर्सन ऑफ द ईयर" के रूप नामित किया। ➤ 2008 में, बैरॉन ने उन्हें 30 "विश्व के सर्वश्रेष्ठ सीईओ" में से एक के रूप में चुना। ➤ 2015 में, एशियाई पुरस्कार ने उन्हें एंटरप्रेन्योर ऑफ द ईयर पुरस्कार से सम्मानित किया। ➤ 2017 में, फॉर्च्यून ने अपने विश्व के 50 महानतम नेताओं की सूची में मा को दूसरे स्थान पर रखा। ➤ 2017 में, केपीएमजी सर्वेक्षण ने वैश्विक तकनीकी नवाचार दूरदर्शी सर्वेक्षण में मा को तीसरा स्थान दिया।

जैक मा के अनमोल वचन (Jack Ma Quotes) –

मैं चाहता हूं कि साधारण व्यक्ति भी लोकतंत्र का मतलब समझ सके।
➤ सफलता प्राप्त करने के लिए धैर्य का होना अति आवश्यक होता है।
यदि ग्राहक आपसे प्यार करता है तो सरकार को आपसे प्यार करना ही होगा। जब हमारे पास अधिक पैसे होते हैं तो हम गलतियां करना शुरु कर देते हैं।
आप कभी नहीं जान सकते कि आप अपने जीवन में कितना कुछ कर सकते हैं।
कभी भी कीमत पर प्रतिस्पर्धा मत करो बल्कि इनोवेशन और सेवाओं पर प्रतिस्पर्धा करो। आपको जीवन में आगे बढ़ने के लिए सही लोगों की आवश्यकता होती है ना की सबसे अच्छे लोगों की। दुनिया यह भूल जाएगी कि आपने क्या कहा है लेकिन निश्चित तौर पर वह यह नहीं भूल पाएगी कि आपने क्या किया है। किसी भी लीडर के अंदर अधिक धैर्य की आवश्यकता होती है और उसे वह सहन करना चाहिए जो उसके कर्मचारी नहीं कर सकते हैं। परेशानी से कभी हार मत मानो आज कठिन है कल और भी इसे बदतर होगा परंतु परसों धूप जरूर खिलेगी। आपको अपनी प्रतिद्वंदी से सीख लेनी चाहिए परंतु कभी भी उसका नकल नहीं करना चाहिए। मैं सम्मानित किया जाना चाहता हूं ना कि पसंद किया जाना। यदि अलीबाबा माइक्रोसॉफ्ट या वॉलमार्ट नहीं बन पाता है तो जीवन भर इस बात का मुझे अफसोस रहेगा। हमारे पास कभी भी पैसों की कमी नहीं होती कमी होती है तो सिर्फ सपने देखने वाले वैसे लोगों की जो अपने सपनों के लिए मर सके।

Jack Ma Quotes On Sales

इनके जीवन से सीख (Jack Ma Motivation in Hindi)

आज वो हम सब को एक प्रेरणा देते हैं और सिखाते हैं की चाहें जीवन में आपके जीवन में जितनी भी मुश्कलें या असफलताएं क्यों न आ जाएँ। आपको कभी भी हार नहीं मनना चाहिए क्योंकि बार-बार असफलता झेलने वाले व्यक्ति को ही सफकता मिलती। Jack Ma वैसे व्यक्ति थे जिन्हें वेटर्स की नौकरी से भी निकाल दिया गया। अगर चाहते तो वे भी किस्मत को कोसते रहते कि क्यों 23 लोगों को जॉब मिल गया लेकिन मुझे ही नहीं मिला। विचार कीजिये कि यदि Jack Ma को उस दिन वेटर की नौकरी मिल जाती तो आज इतने अमीर इंसान बन पाते। इसलिए जब कभी भी आपको अफसलता मिलती हो तो धैर्य रखें। आपको सफलता जरुर मिलेगी। बस जरुरत है तो लगातार मेहनत करते रहने की। कैसी लगी जैक मा की प्रेरणादायक जीवनी । Jack Ma Biography in Hindi नीचे Comment करके जरुर बताएं। यदि आप किसी विशेष टॉपिक पर Biography/ Stories पढ़ना चाहते हैं तो नीचे उस व्यक्ति का नाम हमें Comment करके जरुर बताएं। ताकि हम उस व्यक्ति पर आपके लिए पोस्ट लिख सकें। ---------✱✱✱---------

शुक्रवार, 12 जून 2020

नेल्सन मंडेला की जीवनी । Nelson Mandela Biography in Hindi

नेल्सन मंडेला की जीवनी । Nelson Mandela Biography in Hindi


नेल्सन मंडेला का जन्म 18 जुलाई सन् 1918 को म्वेज़ो, ईस्टर्न केप दक्षिण अफ़्रीका संघ में हुआ था। इनके पिता का नाम गेडला हेनरी म्फ़ाकेनिस्वा और माँ का नाम नोसकेनी था। इनके पिता गेडला हेनरी म्फ़ाकेनिस्वा, म्वेजो कस्बे के जनजातीय सरदार थे।

Nelson Mandela Biography in Hindi

पूरा नाम (Full Name )–:                  नेल्सन रोलीह्लला मंडेला (Nelson Rolihlahla Mandela)

उपनाम (Nick Name)–:                   Black Pimpernel, Madiba

जन्म तारीख़ (Date of Birth)–:           18 जुलाई 1918

जन्म स्थल (Birth Place)–:                  म्वेज़ो, ईस्टर्न केप दक्षिण अफ़्रीका संघ

पिता (Nelson Mandela  Father)–:    गेडला हेनरी म्फ़ाकेनिस्वा
माता (Nelson Mandela  Mother)–:   नोसकेनी

पत्नी (Nelson Mandela  Wife)–:    एवलीस मेस (पहली पत्नी)

बच्चे (Nelson Mandela children)–:   मेडिका थेमबेकल मंडेला, मैकज़िव मंडेला, मैकगाथो                                                                   लेवानिका मंडेला, मैकज़िव मंडेला, ज़ेनानी मंडेला,                                                                     ज़िनज़िस्वा मंडेला

निधन (Death)–:                               5 दिसम्बर 2013, हॉटन, जोहान्सबर्ग 

मृत्यु का कारण (Death Reason)–:      फेफड़ों में संक्रमण होने के कारण

घर (Nelson Mandela House)–: ह्यूटन एस्टेट, जोहानसबर्ग, गौटेंग, दक्षिण अफ़्रीका 

नागरिकता (Nationality)–:                  दक्षिण अफ़्रीकी

राजनीतिक दल(Political Party)–:     अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस              

उम्र (Nelson Mandela Age)–:              95 वर्ष             

लम्बाई (Nelson Mandela Height)–:     6 फीट (1.83 मीटर)

वजन (Nelson Mandela Weight)–:       88 Kg    

शौक (Hobbies)–:                                मुक्केबाजी के प्रशंसक थे

धर्म (Religion)–:                                   ईसाई 
   
पेशा(Occupation)–:                             वकील, राजनीतिज्ञ

स्कूल (School)–:                                 क्लार्कबेरी मिशनरी स्कूल, मेथोडिस्ट मिशनरी स्कूल                     
कॉलेज (College)–:                             यूनिवर्सिटी ऑफ़ फोर्ट हेर

कुल सम्पत्ति(Net worth)–:                      $10 Million Dollars

वेबसाइट (Website)–:                            www.nelsonmandela.org

नेल्सन मंडेला की जीवनी । Nelson Mandela Biography in Hindi

नेल्सन मंडेला का जन्म 18 जुलाई सन् 1918 को म्वेज़ो, ईस्टर्न केप दक्षिण अफ़्रीका संघ में हुआ था। इनके पिता का नाम गेडला हेनरी म्फ़ाकेनिस्वा और माँ का नाम नोसकेनी था। इनके पिता गेडला हेनरी म्फ़ाकेनिस्वा, म्वेजो कस्बे के जनजातीय सरदार थे।

Nelson Mandela Quotes In Hindi

नेल्सन मंडेला, हेनरी के 13वीं सन्तानों में से तीसरे थे। स्थानीय भाषा में किसी भी सरदार के बेटे को "मंडेला" कहा जाता था। इसलिए उन्हें अपना उपनाम मंडेला मिला था। Nelson Mandela को उनके पिता प्यार से ‘रोलिह्लला’ कहकर पुकारते थे। रोलिह्लला का अर्थ ‘उपद्रवी’ होता हा। इनकी माता एक मेथोडिस्ट थी।

नेल्सन मंडेला की शिक्षा (Nelson Mandela Education)

मंडेला ने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा क्लार्कबेरी मिशनरी स्कूल से पूरा किया। फिर बाद में वे मेथोडिस्ट मिशनरी स्कूल में जाकर भी शिक्षा लिये। Nelson Mandela जब मात्र 12 वर्ष के थे तभी उनके पिता की मृत्यु हो गयी, जिसके कारण घर की सारी जिम्मेदारी उनके ऊपर आ गई। लॉ फर्म में क्लर्क की नौकरी कर के उन्होंने अपने परिवार का भरण-पोषण किया।

नेल्सन मंडेला का वैवाहिक जीवन (Married life of Nelson Mandela)

मंडेला 1944 में अफ़्रीकन नेशनल कांग्रेस में शामिल हुए और उसके बाद अपने सहयोगी मित्र वॉल्टर सिसुलू की बहन एवलीस मेस से विवाह किया। Nelson Mandela ने तीन शादियाँ की थी। उन्होंने सबसे पहले 1961 में अपनी पहली पत्नी को तलाक देकर मेंनोमजामो विनी मेडीकिजाला से विवाह किया

मेंनोमजामो विनी मेडीकिजाला ने ही मंडेला को देशद्रोह के आरोप में हुई सजा से मुक्त कराने में अहम भूमिका निभाई थीं। Nelson Mandela अपने 80वें जन्मदिन पर 1998 में मेकल से विवाह किया था। तीनों पत्नियों से मंडेला को कुल 6 सन्ताने हुई थीं। उनके परिवार में कुल 17 पोते-पोती थीं।

नेल्सन मंडेला का राजनीतिक जीवन (Political life of Nelson Mandela)

देश की मौजूदा स्थिति को देखकर Nelson Mandela ने सन् 1941 में जोहान्सबर्ग चले गए। जहाँ इनकी मुलाकात वॉल्टर सिसुलू और वॉल्टर एल्बरटाइन से हुई, जिनसे प्रभावित होकर देश मे होने वाले रंग के आधार पर भेदभाव को दूर करने के लिए उन्होंने राजनीति में कदम रखा। देशहित की लड़ाई के दौरान ही वे धीरे-धीरे राजनीति में सक्रिय होते चले गए।

सन् 1944 में अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस में शामिल हो गए, जो रंगभेद के विरुद्ध आन्दोलन करती थीं। इसी वर्ष उन्होंने एक अफ़्रीकन नेशनल कांग्रेस यूथ लीग की स्थापना की। बाद में उसी लीग के सचिव चुनें गये। सन् 1961 में Nelson Mandela और उनके कुछ मित्रों के विरुद्ध देशद्रोह का मुकदमा चला परन्तु उसमें उन्हें निर्दोष माना गया।

नेल्सन मंडेला का कारागार लाइफ (Prison Life of Nelson Mandela)

5 अगस्त 1962 को गिरफ्तार होने के बाद सन् 1964 में बहुचर्चित ‘रिवोनिया’ मुकदमे में उन्हें उम्र कैद की सजा सुनाई गई। साढ़े सत्ताईस साल का कारावास भी उनके बुलंद इरादों और संकल्पशक्ति को कैद न कर सका बल्कि उनके आत्मबल ने लोहे की सलाखों को भी पिघला दिया। जेल की चहारदीवारी के भीतर जैसे-जैसे Nelson Mandela की उम्र बूढ़ी होती गई, उनके इरादे और दक्षिण अफ्रीका का स्वतंत्रता आंदोलन जवान होता गया।

Nelson Mandela Life
जीवन के 27 वर्ष कारागार में बिताने के बाद अन्ततः 11 फ़रवरी 1990 को Nelson Mandela की रिहाई हुई। रिहाई के बाद सन् 1990 में ही श्वेत सरकार से हुए एक समझौते के बाद उन्होंने नये दक्षिण अफ्रीका का निर्माण किया। वे दक्षिण अफ्रीका एवं समूचे विश्व में रंगभेद का विरोध करने के प्रतीक बन गये।

संयुक्त राष्ट्रसंघ ने उनके जन्म दिन को "Nelson Mandela अन्तर्राष्ट्रीय दिवस" के रूप में मनाने का निर्णय लिया। इसी वर्ष भारत ने उन्हे देश के सर्वोच्च पुरस्कार भारतरत्न से सम्मानित किया। मंडेला, भारत रत्न पाने वाले पहले विदेशी हैं।

दक्षिण अफ्रीका के महात्मा गाँधी (Mahatma Gandhi of South Africa)

दक्षिण अफ्रीका के महात्मा गाँधी कहे जाने वाले Nelson Mandela एक महान राष्ट्र नायक थे। इन्होंने दक्षिण अफ्रीका की सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक परिवर्तनों की बागडोर अपने हाथों में ली।

राजतंत्र, उपनिवेशवाद और लोकतंत्र के सन्धिकाल वाली इस सदी में अपने देश का परचम थामे इस राजनेता ने विश्व इतिहास की इबारत अपने हाथों से लिखी। दक्षिण अफ्रीका की सरकार ने मानव सभ्यता के इतिहास में ‘चमड़ी के रंग’ और नस्ल के आधार पर मानव द्वारा मानव पर अत्याचार करने की क़ानून बना रखी थीं।
10 मई 1994 को मंडेला अपने देश के सर्वप्रथम अश्वेत राष्ट्रपति बने। नवम्बर 2009 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने रंगभेद विरोधी संघर्ष में उनके योगदान के सम्मान में उनके जन्मदिन 18 जुलाई को ‘Nelson Mandela दिवस’ घोषित किया।
वह दुनिया की एकमात्र ऐसी सरकार थी, जिसने जातिय पृथक्करण एवं रंगभेद पर आधारित लिखित कानून बना रखी थीं। Nelson Mandela ने खून का घूट पीकर, ड्राइवर, दरबान और भृत्य के रूप में निर्वासित जीवन जीकर, जेल में क्रूर यातनाएँ सहकर भी दक्षिण अफ्रीका को बीसवीं सदी के अंतिम मोड़ पर आजाद करवा ही दिया।

Nelson Mandela “लोकतन्त्र के प्रथम संस्थापक”, “राष्ट्रीय मुक्तिदाता और उद्धारकर्ता” के रूप में देखा जाता था। दक्षिण अफ्रीका के लोग महात्मा गाँधी की तरह उन्हें भी “राष्ट्रपिता” का दर्जा देते थे। 2004 में जोहन्सबर्ग में स्थित सैंडटन स्क्वायर शॉपिंग सेंटर में मंडेला की मूर्ति स्थापित की गयी उसके बाद सेंटर का नाम बदलकर Nelson Mandela स्क्वायर रख दिया गया।

दक्षिण अफ्रीका में प्रायः उन्हें मदीबा कह कर बुलाया जाता था जो बुजुर्गों के लिये एक सम्मान-सूचक शब्द है। 67 साल तक मंडेला का रंगभेद के आन्दोलन से जुड़े होने के उपलक्ष्य में लोगों से दिन के 24 घण्टों में से 67 मिनट दूसरों की मदद करने का आग्रह किया गया।

नेल्सन मंडेला की मृत्यु (Nelson Mandela Death)

नेल्सन मंडेला की मृत्यु 5 दिसम्बर 2013 को फेफड़ों में संक्रमण होने के कारण हॉटन, जोहान्सबर्ग में स्थित अपने घर पर हुई। वे दक्षिण अफ्रीका के प्रथम अश्वेत राष्ट्रपति थे। उनकी मृत्यु की घोषणा सर्वप्रथम राष्ट्रपति जेकब ज़ूमा ने की थीं।

नेल्सन मंडेला को पुरस्कार (Nelson Mandela Awards)

➤ 1993 में ‘नेल्सन मंडेला’ और ‘डी क्लार्क’ दोनो को शांती के लिए संयुक्त नोबल पुरस्कार
➤ 1990 में भारत ने उन्हे देश के सर्वोच्च पुरस्कार भारत रत्न से सम्मानित किया।
➤ 23 जुलाई 2008 को गाँधी शांति पुरस्कार
➤ प्रेसीडेंट मैडल ऑफ़ फ़्रीडम
➤ निशान-ए–पाकिस्तान
➤ ऑर्डर ऑफ़ लेनिन

Nelson Mandela Awards

नेल्सन मंडेला के रोचक तथ्य (Nelson Mandela Facts)

➤ नेल्सन मंडेला ईसाई धर्म से थे। ➤ मंडेला के तीन शादियाँ कीं जिन से उनकी छह संतानें हुई।
➤ नेल्सन मंडेला को दक्षिण अफ्रीका का राष्ट्रपिता कहा जाता है। ➤ 1998 में अपने 80वें जन्मदिन पर मंडेला ने ग्रेस मेकल से विवाह किया। ➤ 12 जुलाई 1964 के दिन मंडेला को उम्रकैद की सजा सुनायी गयी थी।
➤ नेल्सन मंडेला 10 मई 1994 को दक्षिण अफ्रीका के प्रथम अश्वेत राष्ट्रपति थे।
➤ नेल्सन मंडेला की मृत्यु की घोषणा सबसे पहले राष्ट्रपति जेकब ज़ूमा ने की थी।
➤ मंडेला गांधी को अपना प्रेरणा स्रोत मानते थे और उनसे ही अहिंसा का पाठ सीखा था। ➤ 27 वर्ष कारागार में रहने के बाद 11 फ़रवरी 1990 को मंडेला को जेल से रिहा किया गया। ➤ नवम्बर 2009 में संयुक्त राष्ट्र महासभा 18 जुलाई को 'मंडेला दिवस' के रूप में घोषित किया। ➤ दक्षिण अफ्रीका में नेल्सन मंडेला को "मदीबा" कहा जाता है, जो बुजुर्गों के लिये एक सम्मान-सूचक शब्द है। ➤ मंडेला को विश्व के विभिन्न देशों और संस्थाओं द्वारा 250 से भी अधिक सम्मान और पुरस्कार प्रदान किए गए हैं। ➤ मंडेला ने जेल में गुप्त रुप से अपनी जीवनी लिखी थी, 1994 में उनकी बायोग्राफी‘लॉन्ग वॉक टू फ्रीडम’ पुस्तक के रुप में प्रकाशित हुई।

मंडेला की विचारधाराएँ (Thoughts of Nelson Mandela)

➤ जिस समय पानी उबल रहा हो, उस समय ताप को बंद करना मूर्खता की निशानी है।
➤ यदि आप अपने दुश्मन के साथ शांति बनाना चाहते हैं, तब आपको अपने दुश्मन के साथ काम करके उसे साथी बनाना होगा।
➤ मुझे जातिवाद बर्बरता लगती है। इसलिए मैं जातिवाद से बहुत नफरत करता हूँ। फिर चाहे वह श्वेत व्यक्ति से आ रही हो या फिर अश्वेत व्यक्ति से। ➤ यदि आप किसी व्यक्ति से उस भाषा में बात करते हैं जिसे वह आसानी से समझ लेता है तब वह बात उसके दिमाग में जाती है। वही यदि आप उसकी अपनी भाषा में बात करते हैं तो वह उसके दिल तक पहुँचती है। ➤ विशेष रूप से जब आप जीत का जश्न मनाते हो और जब कभी अच्छी बातें होती है, तब आपको दूसरों को आगे रखकर पीछे से नेतृत्व करना चाहिए और जब भी ख़तरा हो आपको आगे की लाइन में आना चाहिये। तब लोग आपके नेतृत्व की सराहना करेंगे। ➤ भले ही आप किसी रोग से ही ग्रसित क्यों न हो। फिर भी मूर्ख की तरह उदास मत रहो। बल्कि अपने जीवन का भरपूर आनंद लेते हुए अपनी बीमारी को चुनौती दो।

नेल्सन मंडेला के सुविचार (Nelson Mandela Quotes)

अपने डर के ऊपर विजय पाना ही साहस है। जब तक कठिन काम हो न जाए वो असंभव ही लगता है। विकास में सबसे बड़ी बाधक है जातिवाद इसलिए मैं इससे नफरत करता हूँ।
आप अपनी उम्मीदों को देखते हैं या फिर अपने डर को यह चुनाव आपका है।
एक सपने देखने वाला विजेता होता है जो अपने लक्ष्य को पूरा किये बिना नहीं छोड़ता।
लोग इस बात की प्रतिक्रिया देते हैं कि आप उनके साथ किस प्रकार का व्यवहार करते हैं।
एक बड़े पहाड़ पर चढ़ने के बाद यही पता चलता है कि अभी बहुत सारे ऐसे पहाड़ चढ़ना है।
मैं कोई मसीहा नहीं हूँ। मैं एक साधारण सा व्यक्ति हूँ जो असाधारण परिस्थितियों के कारण नेता बन गया।

What Did Nelson Mandela Fight For

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