रविवार, 21 जून 2020

पंचतंत्र की कहानी : नीला सियार । Blue Jackal Stories

पंचतंत्र की कहानी : नीला सियार । Blue Jackal Stories

पंचतंत्र की कहानी : नीला सियार । Blue Jackal Stories-: एक बार की बात है. एक जंगल में एक सियार रहता था. एक दिन सियार बहुत जोर से बीमार पड़ गया .इस कारण से वह कई दिनों से शिकार पर नहीं जा पाया था. खाना ना मिले से सियार दिन प्रतिदिन कमजोर होता जा रहा था. कुछ दिन तक तो सियार शिकार के लिए कहीं नहीं निकला.

परंतु एक दिन जब सियार से रहा नहीं गया. तब वह शिकार के लिए निकला. कुछ दूर जाने के बाद उसे एक हिरण दिखाई दिया. उसने हिरण का शिकार करने के लिए बहुत दूर तक उसका पीछा किया.


लेकिन वह हिरन को पकड़ नहीं पाया. वह बहुत जल्दी थक गया था और पूरे दिन भूखा प्यासा उस जंगल में भटकता रहा. लेकिन उसे कोई मरा हुआ जानवर भी नहीं मिला जिसे खाकर वह अपना पेट भर सके. जंगल से निराश होकर सियार पास के ही एक गांव में जाने का निश्चय किया.

पंचतंत्र की कहानी :  नीला सियार । Blue Jackal Stories
पंचतंत्र की कहानी : नीला सियार । Blue Jackal Stories

सियार को उम्मीद था कि गांव में उसे कोई बकरी या फिर मुर्गी का बच्चा जरुर मिल जाएगा जिसे खाकर वह अपनी रात काट लेगा.

गांव में सियार अपना शिकार ढूंढने लगा. तभी उसकी नजर कुत्तों की झंड पर पड़ी. जो उसकी ही तरफ आ रहा था. सियार को कुछ समझ नहीं आया. वह बस्ती की ओर सरपट दौड़ लगाने लगा. कुत्ते लगातार भाग रहे थे और सियार का पीछा कर रहे थे.

तभी अचानक सियार एक घर में घुस गया. उस घर में एक ड्रम था. सियार उस ड्रम में जाकर घुस गया. पूरी रात ड्रम में छुपा रहा. सियार जिस ड्रम में छुपा था उसमें नीला रंग भरा हुआ था. सुबह हुआ तो सियार उस घर से निकला. निकलने पर उसने देखा कि उसका पूरा शरीर नीला हो गया था.

सियार बहुत चालाक था उसने अपना रंग देखकर उसके दिमाग में एक उपाय सूझी और वह वापस जंगल की तरफ चला गया. जंगल में पहुंचकर सियार ने सभी जानवरों को इकट्ठा करके कहा कि मैं तुम लोगों को एक महत्वपूर्ण सूचना देने के लिए आया हूं.


मुझे भगवान ने भेजा है. उसकी बात सुनने के लिए सभी जानवर एक बड़े से पेड़ के नीचे एकत्रित हो गए. तब सियार ने कहा कि भगवान ने मुझे आदेश दिया है कि जाओ इस जंगल में राज करो. इस जंगल के सभी जानवरों का मार्गदर्शन और उनका कल्याण करो.

फिर सियार ने कहा कि क्या कभी तुमने किसी नीले रंग के जानवर को देखा है. सभी जानवर ने एक स्वर में कहा नहीं. तब सियार ने कहा मुझे भगवान ने यह अनोखा रंग दिया है. सभी जानवरों ने उस धूर्त सियार की बातों में आ गए. सभी उस सियार को अपना राजा मान लिया.

अब सियार जंगल का राजा बन चुका था.उसे किसी भी चीज की कमी नहीं थी. सभी जानवर उसकी सेवा में हमेशा खड़े रहते थे. बंदर उसके पैर दबाते. मोर उसे पंखा झेलते और बाकी के अन्य जानवर उसके लिए भोजन लाते. वह सिर्फ बैठकर जंगल के अन्य जानवरों को सिर्फ आदेश दिया करता था. सभी जानवर उसकी सेवा में हमेशा तत्पर रहते थे. सियार हमेशा अपने मांद में ही रहता था. एक दिन चांदनी रात थी. वह पानी पीने के लिए अपनी मांद से बाहर निकला. पानी पीने के बाद वह अपनी मांद की ओर जाने लगा. तभी उसे कुछ उसके कानों में हुआ-हुआ की आवाज आने लगी. अक्सर सियार रात के समय हुआ-हुआ की आवाजें निकाला करते थे. क्यों ऐसा करना उनकी आदत थी. फिर क्या था उसे रंगे सियार ने भी जोर जोर से हुआ-हुआ करने लगा. वह भूल गया था कि वह यहाँ जंगल का राजा बन बैठा है. इधर सभी जानवर जमा हो गए और उन सभी ने पहचान लिया कि यह कोई भगवान का दूत नहीं बल्कि सियार है. इसने इतने दिनों से हमलोगों को मूर्ख बनाया. सियार की पोल खुल चुकी थी. वह भागने लगा. यह देख बांकी के जानवरों ने उस पर हमला कर दिया. कुछ ही देर बाद सभी ने उस सियार को मौत के घाट उतार दिया. इस प्रकार इस धूर्त सियार का अंत हो गया.

इस कहानी से सीख-: इस "पंचतंत्र की कहानी : नीला सियार । Blue Jackal Stories" कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हमें कभी भी झूठ नहीं बोलना चाहिए क्योंकि एक ना एक दिन झूठ बोलने का परिणाम हमें भुगतना ही पड़ता है. किसी को भी अधिक दिनों तक बेवकूफ नहीं बनाया जा सकता है. यही प्रकृति का नियम है.

कैसी लगी ये "पंचतंत्र की कहानी : नीला सियार । Blue Jackal Stories" की कहानी नीचे Comment करके जरुर बताएं. यदि आप किसी विशेष टॉपिक पर कहानी पढ़ना चाहते हैं तो नीचे उस टॉपिक नाम हमें Comment करके जरुर बताएं. ताकि हम उस टॉपिक पर आपके लिए पोस्ट लिख सकें.

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